पिस्टन किसे कहते हैं? लाभ और हानि । Piston Ring & Piston Pin in Hindi - IC Engine

पिस्टन (Piston in Hindi) -:

यह IC इंजन का बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता है। IC इंजन के अंदर स्थित Piston प्रत्येक सिलेंडर के साथ जुड़ा हुआ होता है जो सिलेंडर में उत्पन्न गैस के दाब को कनेक्टिंग रॉड और Crank पर स्थानांतरित करने का कार्य करता है। पिस्टन सिलिंडर के साथ पश्चाग्र गति करता हुआ, गैसीय दाब को स्थानांतरित करता है।

जब कोई भी इंजन स्टार्ट होता है तो पिस्टन गति करने लगता है। गति करते समय पिस्टन को झटकों को भी सहना पड़ता है। इसलिए पिस्टन के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली धातुओं में झटकों को सहने की सामर्थ्य होना चाहिए।

पिस्टन के निर्माण में कास्ट स्टील और एलमुनियम धातु का उपयोग किया जाता है जो कि उच्च सामर्थ्य पदार्थ वाली धातुएं हैं।


पिस्टन । लाभ और हानि । Piston Ring & Piston Pin in Hindi - IC Engine

Piston


पिस्टन , सिलिन्डर के अंदर उपस्थित होता है। पिस्टन को सिलिंडर के अंदर Loose Fit बनाए रखने के लिए पिस्टन रिंग का उपयोग किया जाता है। अगर सिलिन्डर के अंदर पिस्टन loose न होकर अगर Tight Fit हो जाता है तो  IC इंजन में घर्षण उत्पन्न हो जायेगा, फलस्वरूप के इंजन में टूट फुट उत्पन हो जाएगी। इसलिये आवश्यक है कि पिस्टन रिंग को पिस्टन में लगा दिया जाए। पिस्टन को Loose Fit बनाये रखने में पिस्टन रिंग काफी मददगार होता है।

पिस्टन रिंग के निर्माण के लिए Fine Grain Cast Iron धातु का उपयोग किया जाता है।

पिस्टन को कनेक्टिंग रॉड से जोड़ने के लिए पिस्टन पिन का उपयोग किया जाता है। इस पिन को Gudgeon Pin और Wrist Pin के नाम से भी जानते हैं। इस पिन के माध्यम से पिस्टन को कनेक्टिंग रॉड से कुशलतापूर्वक जोड़ दिया जाता है। पिस्टन को कनेक्टिंग रॉड से जोड़ने के लिए आवश्यक है कि पिस्टन पिन को खोखला बनाया जाए। पिस्टन पिन को हल्का बनाना आवश्यक होता है। पिस्टन और कनेक्टिंग रॉड को जोड़ने वाले पिस्टन पिन का आकार स्पिंडल के जैसा होता है। इसको बनाने के लिए Hardended स्टील धातु का उपयोग करते हैं।


पिस्टन रिंग (Piston Ring) -:

अभी-अभी हमने पढ़ा है कि सिलिंडर के अंदर पिस्टन उपस्थित होता है परंतु पिस्टन को सिलिंडर के अंदर Loose Fit बनाए रखने के लिए पिस्टन रिंग का उपयोग किया जाता है। ध्यान रहे कि कभी भी पिस्टन Tight Fit न होने पाए अन्यथा IC इंजन में घर्षण उत्पन्न हो जायेगा, जिसके कारण टूट फुट उत्पन हो जाएगा।

पिस्टन रिंग दो प्रकार का होता है।

१) ऊपरी रिंग या संपीडन रिंग (Compression Ring)

२) निचली रिंग या आयल रिंग (Oil Ring)

पिस्टन रिंग में Oil Groove बने होते हैं। इस Oil Groove में छिद्रों के माध्यम से स्नेहक तेल डाला जाता है और नियंत्रित करते हैं। पिस्टन निर्माण करने के लिए ऐसे धातू का प्रयोग करते हैं जो उच्च प्रत्यास्थ और कार्यकारी ऊष्मा को सहन करने की क्षमता रखता हो। पिस्टन रिंग के निर्माण के लिए Fine Grain Cast Iron धातु का उपयोग किया जाता है।


पिस्टन पिन (Piston Pin) -:

इस पिन को Gudgeon Pin और Wrist Pin के नाम से भी जाना जाता है। इस पिन का इस्तेमाल करके पिस्टन को कनेक्टिंग रॉड से जोड़ा जाता है। सामान्यतः पिस्टन पिन को खोखला और हल्का बनाया जाता है क्योंकि यह पश्चाग्र भाग होता है, इसी कारण इसे हल्का बनाना आवश्यक होता है। यह स्पिंडल के आकार का होता है इसको बनाने के लिए हार्डइंडेड स्टील धातु का उपयोग करते हैं।


पिस्टन से लाभ (Advantages of Piston in Hindi) -:

1. Piston में कम कंपन होने के कारण यह शोर कम करता है

2. IC इंजन में पिस्टन का कार्य आसानी से शुरू हो जाता है।

3. इसके निर्माण की लागत कम आती है।

4. यह शक्ति उत्पन्न करने के अनुसार काफी हल्का होता है।

5. पिस्टन को अधिक देखरेख की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

6. पिस्टन लचीलापन होने के साथ-साथ विश्वासनीय होता है।

7. पिस्टन का उपयोग करके उच्च स्तर की गतिशीलता प्रदान की जाती है।


पिस्टन से हानियां (Disadvantages of Piston in Hindi) -:

1. पिस्टन के पश्चाग्र गति करने के कारण उसकी गतिशीलता में असुंतलन पैदा हो जाता है।

2. सिलिंडर की दीवारों और पिस्टन के मध्य घर्षण उत्पन्न होने की संभावना होती है।

3. पिस्टन के रैखिक गति करने के कारण कभी-कभी यह क्रैंक को चक्रीय गति नहीं करवा पाता है।

4. पिस्टन में पिस्टन रिंग अवश्य लगा होना चाहिए अन्यथा पिस्टन टेढ़ा हो सकता है।

5. पिस्टन में उपयोग होने वाला पिस्टन पिन हल्का और मजबूत धातु का बना होना चाहिए।



ये भी पढ़े...

Post a Comment

0 Comments