ईंधन अन्तः क्षेपक (Fuel Injector) -:

फ्यूल इंजेक्टर (Fuel Injector) के द्वारा पंप के माध्यम से ईंधन को ऑटोमाइज करके अर्थात छोटे छोटे कणो के रूप में करके, ईंधन के अत्यंत छोटे-छोटे कणों को दहन कक्ष में डाला जाता है। जब यह ईधन के छोटे-छोटे कण दहन कक्ष में जाते हैं तो इनका दहन होता है।

जब ईंधन को छोटे-छोटे कणो के रूप करना होता है तो इसे उच्च दाब पर Orifice में से गुजारा जाता है।


ईंधन अन्तः क्षेपक (Fuel Injector in Hindi)

Fuel Injector

फ्यूल इंजेक्टर (Fuel Injector) का उपयोग डीजल इंजन में किया जाता है। Fuel Injector को Hindi में ईंधन अन्तः क्षेपक कहा जाता है।


फ्यूल इंजेक्टर के मुख्य भाग/अंग/अवयव (Parts of Fuel Injector in Hindi) -:

ईंधन अन्तः क्षेपक अर्थात Fuel Injector में उपयोग होने वाले पार्ट निम्न हैं -

●सुई वाल्व Needle Valve)

●नॉजल कैप (Nozzle Cap)

●नॉजल वाल्व (Nozzle Valve)

●अन्तः क्षेपक हाउसिंग (Injector House)

●संपीडन स्प्रिंग (Compression Spring)

●अंत कैप (End Cap)

●स्पिंडल (Spindle)

●व्यवस्थित स्क्रू (Adjusting Screw)

●लॉक नट (Lock Nut)

●लीक ऑफ (Leak Off)

●ईंधन पैसेज (Fuel Passage)


फ्यूल इंजेक्टर की क्रियाविधि (Working of Fuel Injector in Hindi) -:

फ्यूल इंजेक्टर में से जब ईंधन जब उच्च दाब पर आता है तो उसे Pressure Chamber में प्रवेश करवाते हैं। ईंधन के दाब के कारण स्प्रिंग पर दाब पड़ता है, दाब पड़ने के कारण स्प्रिंग बल के विरुद्ध पर पर्याप्त दाब लगाती है, स्प्रिंग द्वारा पर्याप्त दाब लगाने के कारण नोजल वाल्व ऊपर की ओर उठ जाता है। जिसके कारण ईंधन , सिलिन्डर में सूक्ष्म फुहारित कणों के रूप में इंजेक्ट हो जाता है। सिलिन्डर के दहन कक्ष में जैसे ही ईंधन फुहारे के रुप मे जाता है तो वह संपीडित हवा में फैल जाता है जिसके फलस्वरूप ईधन का दहन होता है।

डिलीवरी पंप (Delivery Pump) से आने वाला ईंधन जैसे ही समाप्त होता है, स्प्रिंग का दाब, नॉजल वाल्व को   अपनी सीट पर ले आता है। यह प्रक्रिया चलती रहती है। स्प्रिंग का दबाब वाल्व पर एडजस्टिंग स्क्रू को एडजस्ट करके निर्धारित किया जाता है।



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