Connecting Rod क्या है - IC Engine

कनेक्टिंग रॉड (Connecting Rod in Hindi) -:

IC इंजन में लगा हुआ ऐसा रॉड, जो पिस्टन की पश्च-अग्र गति को क्रैंक की घूर्णन गति में बदलने का कार्य करता है, उसे कनेक्टिंग रॉड (Connecting Rod) कहते हैं। यह भी IC इंजन के अंदर लगा हुआ, एक महत्वपूर्ण पार्ट्स होता है। कनेक्टिंग रॉड, पिस्टन द्वारा होने वाली रैखिक चाल को क्रैंक शाफ्ट को देता है जिसके फलस्वरूप क्रैंक घूर्णन गति करने लगता है।


Connecting Rod in Hindi । कनेक्टिंग रॉड

Connecting Rod


कनेक्टिंग रॉड IC इंजन में अपने दोनों सिरों पर आसानी से घूम सकती है। यह पिस्टन पिन द्वारा पिस्टन से जुड़ा होता है और वही इसका दूसरा छोर क्रैंक पिन के द्वारा क्रैंक से जुड़ा होता है। कनेक्टिंग रॉड का उपयोग करके पिस्टन से उत्पन्न होने वाले संपीडन बल और तनाव बल को संचारित किया जाता है। जैसा कि हम जानते हैं कि कनेक्टिंग रॉड दोनों सिरों पर आसानी से घूमती है, जिसके कारण पिस्टन के बीच का कोण बदलता है और जैसे ही पिस्टन के बीच का कोण बदलता है कनेक्टिंग रॉड, ऊपर और नीचे की ओर गति करने लगती है।

कनेक्टिंग रॉड का निचला सिरा Wrist Pin से जुड़ा होता है। कनेक्टिंग रॉड के निचले सिरे को Small End Bearing और ऊपरी सिरे को Big End Bearing कहते हैं। कभी-कभी कनेक्टिंग रॉड चलते-चलते टेढ़ा हो जाता है जिसके कारण यह सिलिंडर की दीवारों को घिसना चालू कर देता है, इस प्रकार इंजन का नुकसान होने लगता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए हम कनेक्टिंग रॉड के सीधेपन की जाँच करते हैं। कनेक्टिंग रॉड के सीधेपन की जाँच करने के लिये Connecting Rod Allignment Gauge का प्रयोग करते है।

जब पिस्टन चलता है तो Connecting Rod को कभी झटका सहन पड़ता है तो कभी झटका नही सहना पड़ता है। इसको ध्यान में रखते हुए कनेक्टिंग रॉड का निर्माण करने के लिए निकील, क्रोमियम, वेनेडियम, स्टील और एलमुनियम धातुओं को उपयोग में लाया जाता है।



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