निस्तारण/साल्वेजिंग किसे कहते हैं? Salvaging in Hindi

निस्तारण/साल्वेजिंग किसे कहते हैं? Salvaging in Hindi

कास्टिंग का निस्तारण/साल्वेजिंग -:

जब कास्टिंग में कुछ दोष उत्पन्न हो जाते हैं तो कास्टिंग में उन दोषो को मरम्मत करके जब उसे दोषमुक्त किया जाता है तो इस प्रक्रिया को निस्तारण या साल्वेजिंग (Salvaging) कहते हैं।

जिस कास्टिंग में दोष उत्पन्न हो जाता है उस पर लगने वाले मरम्मत के खर्च का अनुमान लगा लिया जाता है और यह निर्णय किया जाता है कि इस कास्टिंग का मरम्मत करना लाभदायक है या नहीं। अगर कास्टिंग का मरम्मत करना लाभदायक है तो उसकी मरम्मत कर देते हैं, अगर कास्टिंग की मरम्मत का खर्च अधिक आता है और यहां हानि पहुंचाता है तो उस कास्टिंग की मरम्मत नहीं करते हैं।


कास्टिंग दोष को दूर करने की विधियाँ (Methods for Removing Casting Defects in Hindi) -:

निस्तारण विधि द्वारा कास्टिंग के दोषों को दूर करने के लिए निम्न विधियों का उपयोग किया जाता है -

1. धातु आर्क वैल्डिंग (Metal Arc Welding)

2. ऑक्सी-एसीटिलीन गैस वैल्डिंग (Oxy-Acetylene Gas Welding)

3. कार्बन आर्क वैल्डिंग (Carbon Arc Welding)

4. ब्रेजिंग या ब्रेज वैल्डिंग (Brazing or Braze Welding)

5. इपोक्सी भरना (Epoxy Filling)

6. मैटल स्प्रेइंग (Metal Spraying)

7. सोल्डरिंग (Soldering)

8. रेजिन इम्प्रिग्नेशन (Resin Impregnation)

9. सीधा करना (Straightening)


1. धातु आर्क वैल्डिंग (Metal Arc Welding) - कास्टिंग के दोषों को दूर करने के लिए इस विधि द्वारा कास्ट स्टील, कास्ट आयरन और अन्य अलौह धातुओं की कास्टिंग की मरम्मत की जाती है। अगर कास्टिंग में ब्लो होल, क्रैक इत्यादि दोष होते हैं तो इस विधि द्वारा इसे आसानी से सुधारा जा सकता है। इस विधि को करने से कास्टिंग की पूरी सामर्थ्य वापस आ जाती है।


2. ऑक्सी-एसीटिलीन गैस वैल्डिंग (Oxy-Acetylene Gas Welding) - इस वेल्डिंग विधि का प्रयोग उनका कास्टिंग के लिए किया जाता है जिनको वेल्ड करने के बाद मंद गति पर ठंडा होने की जरूरत पड़ती है। ऑक्सी एसिटिलीन गैस वेल्डिंग सस्ती व सरल विधि है इसलिए इसका प्रयोग कास्टिंग से दोषों को दूर करने के लिए उचित होता है।


3. कार्बन आर्क वैल्डिंग (Carbon Arc Welding) - कार्बन आर्क वेल्डिंग का प्रयोग करते समय दो कार्बन इलेक्ट्रोड के बीच जो आर्क उत्पन्न होती है, इसी के द्वारा कास्टिंग की मरम्मत की जाती है। इस विधि के द्वारा कास्ट एलॉय, जिसमें मैग्निशियम को छोड़ दिया जाता है, और विशेष रूप से तांबा और एलुमिनियम अलॉय का वेल्ड आसानी से किया जाता है।


4. ब्रेजिंग या ब्रेज वैल्डिंग (Brazing or Braze Welding) - ऐसा कास्टिंग, जिसमें वेल्डिंग करने से कास्टिंग में दरारें और उनका आकार परिवर्तन होने की संभावना होने लगती है उसके लिए यह वेल्डिंग प्रयोग की जाती है। ब्रेज वेल्डिंग का प्रयोग पाइप और जोड़ों पर लिक से बचाने के लिए इसका प्रयोग करते हैं।


5. इपोक्सी भरना (Epoxy Filling) - कास्टिंग के दोषों में जब पिन होल, ब्लो होल्स तथा दरारे होती हैं तो कुछ जगह प्लास्टिक ईपॉक्सी को भी उसमें भरकर कास्टिंग के दोषों को दूर किया जाता है। इसके द्वारा भी कास्टिंग को आवश्यक सामर्थ्य प्राप्त हो जाती है।


6. मैटल स्प्रेइंग (Metal Spraying) - जब कास्टिंग में कोई बीमा कम हो जाती है या उसमें संकुचन केविटी आ जाती है तो उस स्थान पर धातु को मैटल गन के द्वारा स्प्रे करके एक परत बना दिया जाता है इससे कास्टिंग की बीमा बढ़ जाती है। इस विधि के द्वारा स्टील कास्टिंग पर Anti-Corrosive परत चढ़ाया जाता है।


7. सोल्डरिंग (Soldering) - यह विधि भी ब्रेज वेल्डिंग के ही समान होती है। सोल्डिंग विधि का उपयोग कास्टिंग की रुक्ष सतहों को भरने और तांबा आधारित अलाय की कास्टिंग और सरंध्र स्थानों के भरने में होता है।


8. रेसिन इम्प्रिग्नेशन (Resin Impregnation) - जब कास्टिंग को दोष युक्त करने के लिए ब्रेज वेल्डिंग और सोल्डरिंग विधियों इत्यादि का प्रयोग करना आसान नहीं होता है तो इस विधि का प्रयोग किया जाता है। Resin Impregnation विधि का उपयोग लौह और अलौह कास्टिंग को संक्षारण रोधी बनाने के लिए किया जाता है।


9. सीधा करना (Straightening) - जब कास्टिंग विकृत हो जाता है तो उसे इस विधि द्वारा सीधा किया जाता है। कास्टिंग को सीधा करने के लिए द्रवचलित प्रेसों पर डाइयो के उपयोग से इस प्रक्रिया को किया जाता है। इस विधि का प्रयोग केवल तन्य धातुओं पर ही किया जा सकता है तथा इसके लिए कुशल और अनुभवी कारीगर की आवश्यकता होती है।



ये भी पढ़े...

Post a Comment

0 Comments