ढलाईशाला का यन्त्रीकरण - आवश्यकता & लाभ और हानि

ढलाईशाला का यन्त्रीकरण (Mechanisation of Foundries in Hindi) -:

जब फाउंड्री शॉप में मशीनों के प्रयोग द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रक्रमों को, कम समय में उत्पादन दर को बढ़ाने के लिए किया जाता है तो इस प्रक्रिया को ढलाईशाला का यन्त्रीकरण कहते हैं। इसका आशय यह है कि फाउंड्री शॉप को अपडेट कर दिया जाता है और नई - नई अपडेटेड मशीनों के द्वारा कार्य को किया जाता है। जिससे मशीनें जल्दी-जल्दी कार्य करती हैं और उत्पादन दर को बढ़ाती हैं।


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यन्त्रीकरण की आवश्यकता (Need of Mechanisation in Hindi) -:

पुराने समय के अनुसार ढलाईशाला की कार्य प्रणाली में बालू के बड़े-बड़े ढेर लगे होते थे और कोयला, राख, धुँआ तथा गर्मी आदि अधिक होता था।। इस प्रकार के कार्यस्थल पर कार्य करने वालो लोगो के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है और उनकी दक्षता कम होती है। जिसके कारण उत्पादन भी कम होने लगता है। इसी कारण ढलाईशाला का यन्त्रीकरण करना आवश्यक हो गया।

जिन क्षेत्रों में ढलाईशाला का यन्त्रीकरण किया जाता है वे निम्न प्रकार हैं -

1. कार्यदशाओं का आधुनिकीकरण

2.  उपकरणों का यन्त्रीकरण

3.  पदार्थ हस्तान्तरण का यन्त्रीकरण

4. धूल तथा धूम्र नियन्त्रण


यन्त्रीकरण के लाभ (Advantages of Mechanisation in Hindi) -:

ढलाईशाला के यन्त्रीकरण से निम्न लाभ प्राप्त होते हैं -

1. उत्पादन दर बहुत तेजी से वृद्धि होती है।

2. कास्टिंग से अच्छी चिकनी और परिष्कृत सतहें प्राप्त होती हैं।

3. कास्टिंग उच्च यथार्थता की प्राप्त होने लगती है।

4. फाउंड्री शॉप में कार्य करने वाले कर्मियों व श्रमिकों के श्रम व समय की बचत होती है।

5. फाउंड्री के यन्त्रीकरण होने से पदार्थों का हस्तान्तरण करना सरल हो जाता है।

6. यन्त्रीकरण करने से अच्छा माहौल बनता है और कर्मियों को अपने किये गए कार्य पर सन्तोष हो जाता है।

7. इसके कारण उत्पादन लागत में कमी आती है और लाभ में बढ़ जाता है।


यन्त्रीकरण की सीमायें/हानि (Limitation of Mechanisation in Hindi) -:

यन्त्रीकरण की कुछ सीमायें भी हैं जो निम्नलिखित हैं -

1. जब कम संख्या में कास्टिंग तैयार करना होता है तो यह उपयुक्त नहीं होता हैं।

2. यन्त्रीकरण करने से बेरोजगारी बढ़ती है क्योंकि मशीन आ जाने से कम श्रमिकों की आवश्यकता होती है।

3. यन्त्रीकरण आ जाने से हस्त विधि का प्रयोग धीरे-2 समाप्त होने लगता है और यह दक्षता श्रमिको की समाप्त होने लगती है।



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