Gravity Die Permanent Mould Casting क्या है? लाभ & हानि । प्रयोग

स्थाई साँचा ढलाई/गुरुत्व डाई कास्टिंग (Permanent Mould Casting/Gravity Die Casting in Hindi) -:

स्थाई सांचा ढलाई/परमानेंट मोल्ड कास्टिंग (Permanent Mould Casting) विधि को गुरुत्व डाई कास्टिंग (Gravity Die Casting) भी कहते हैं क्योंकि इसमें पिघली धातु गुरुत्व बल के कारण द्वारा अपने-आप साँचे में जाती है और इस पर कोई बल लगाने की आवश्यकता भी नहीं होती है।

हम स्थाई सांचा कास्टिंग विधि का प्रयोग करके चरणबद्ध तरीके से कास्टिंग करने की प्रक्रिया को नीचे बता रहे हैं -

1. कास्टिंग प्रक्रिया करने के लिए सबसे पहले साँचे या डाई को क्लैंप में बंद कर देते हैं।

2. अब पिघली हुई धातु को सांचे में डालते हैं।

3. सांचे में डाली गई धातु कुछ समय बाद ठंडी होकर ठोस बन जाती है।

4. जब धातु ठोस रूप में आ जाती है तो डाई को खोला जाता है।

5. डाई को खोलने के बाद अब कास्टिंग को बाहर निकाला है।

6. अब डाइ/सांचे को साफ करके दूसरे कास्टिंग के लिए इसको तैयार करते हैं।

उपरोक्त सभी प्रक्रियाओं को हाथ द्वारा किया जा सकता है। परंतु कुछ प्रोसेस मशीन द्वारा ही किये जा सकते हैं। स्थाई सांचा कास्टिंग विधि में जो डाई प्रयोग होती हैं वह दो भागों में बनी होती हैं। जिन्हें क्लैंप करने पर कास्टिंग की केवीटी बन जाती है। इन डाईयो में धातु को डालने के लिए उचित प्रबंध किया गया होता है और गैसों के निकलने के लिए भी छिद्र का निर्माण होता है। स्थाई सांचा कास्टिंग विधि में डाई को खोलने के लिए और कास्टिंग को बाहर निकालने के लिए आवश्यक यन्त्रावली प्रयोग की जाती है।


Gravity Die Casting/Permanent Mould Casting in Hindi

इस कास्टिंग विधि में प्रयोग होने वाले डाई को दो भागों में बांटा गया है -

१. दो पार्ट डाई या ब्लॉक डाई (Block Die) - इस डाई को अलग-अलग दो भागों में बनाया जाता है अर्थात यह दो भागों से बनी होती है।

२. बहु अवस्था डाई (Multistage Die) - इस डाई का निर्माण अनेक टुकड़ों को मिलाकर किया जाता है। यह डाई स्थाई रूप से अच्छी तरह जुड़े रहते हैं या फिर अलग-अलग रहते हैं। इन डाईयो को आवश्यकता अनुसार जोड़ा या सरकाया जा सकता है।

इस विधि के द्वारा खोखली कास्टिंग का भी निर्माण किया जाता है। खोखली कास्टिंग का निर्माण करने के लिए बालू या धातु के बने कोर का प्रयोग किया जाता है बालू के कोर का प्रयोग करना अधिक आसान होता है क्योंकि इससे डाई की संरचना आसान हो जाती है। परंतु जब कास्टिंग जटिल होती है और उसको अधिक संख्या उत्पाद तैयार करना होता है तो धातु के कोर का ही प्रयोग करना उचित होता है। स्थाई साँचा कास्टिंग/गुरुत्व डाई कास्टिंग विधि का प्रयोग अलौह धातुओं की छोटी ढलाइयो के लिए किया जाता है।


स्थाई सांचा ढलाई/परमानेंट मोल्ड कास्टिंग के लाभ -:

1. इस विधि का प्रयोग करने से यांत्रिक गुण अच्छे प्राप्त होते हैं।

2. कास्टिंग किए गए पदार्थ की रासायनिक प्रक्रिया और होमोजीनियस कण बिल्कुल सही होते हैं।

3. स्थाई साँचा ढलाई की विधि का प्रयोग करने से कास्टिंग की सतह अच्छी और चिकनी प्राप्त होती है।

4. इस प्रक्रिया द्वारा कास्टिंग करने पर स्क्रैप बहुत कम आता है।

5. Permanent Mould Casting/Gravity Die Casting विधि का प्रयोग करके ग्रे कास्ट आयरन और  स्टील के स्थायी साँचे बनाये जाते हैं।


स्थाई साँचा ढलाई (Permanent Mould Casting) से हानि -:

1. इस मोल्ड कास्टिंग विधि का प्रयोग करने पर इसकी लागत अधिक आती है।

2. धातु के मोल्ड कोर का प्रयोग तभी किया जा सकता है जब ऐसी धातु की कास्टिंग करनी होती है जिसका गलनांक अधिक होता है।

3. स्थाई सांचा ढलाई विधि के द्वारा आंतरिक और जटिल कास्टिंग नही किये जा सकते हैं।

4. इस कास्टिंग विधि का प्रयोग करके बड़े पार्ट की ढलाई नहीं की जा सकती है।

5. इसके द्वारा केवल अलौह धातुओं की ही कास्टिंग की जाती है।


Gravity Die/Permanent Mould Casting के प्रयोग -:

1. एलुमिनियम अलॉय के पिस्टन को बनाने के लिए इस विधि का उपयोग करते हैं।

2. स्थाई सांचा कास्टिंग विधि के द्वारा गियर बॉक्स हाउसिंग, कंप्रेसर के पार्ट, सिलेंडर शीर्ष तथा ब्लॉक का निर्माण किया जाता है।

3. वाशिंग मशीन के पार्ट भी इसी विधि से कास्टिंग किए जाते हैं।

4. ग्रे कास्ट आयरन और स्टील के बने स्थाई सांचो की कास्टिंग इसी विधि द्वारा की जाती है।

5. तांबे अलाय के गियर, पंप के इंपैलर, शीशा से संचित बैटरी और पिनियन का निर्माण करने के लिए परमानेंट मोल्ड कास्टिंग विधि का प्रयोग किया जाता है।



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1 Comments

  1. its the best and very short method to knownig this process thanks lot

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