कंटीन्यूअस कास्टिंग (Continuous Casting in Hindi) -:
यह ऐसी कास्टिंग प्रक्रिया है जिसमें पहली धातु को पैटर्न में डालने से लेकर कास्टिंग बनने तक की सभी क्रियाएं लगातार सतत रूप से चलती रहती हैं इसलिए इसे कंटीन्यूअस कास्टिंग (Continuous Casting) कहते हैं। यह कास्टिंग के उत्पादन के लिए सतत विधि है।
इस विधि के अंतर्गत पिघली धातु को ऊँचाई पर रखे पात्र में डाला जाता है और उस पात्र के नीचे धातु का पैटर्न होता है जो वर्टिकल स्थिति में रखा गया होता है। इसी धातु के पैटर्न में का उपयोग कास्टिंग के लिए करते हैं।
इस धातु के पैटर्न को तांबे से बनाया जाता है। यह पैटर्न ऊपर और नीचे से खुले होते हैं। जब भी इस विधि में पिघली धातु को पैटर्न में डालना होता है तो सदैव पिघली धातुओं को ऊपर से खुले हुए भाग से पैटर्न में डालते हैं। जब कास्टिंग तैयार हो जाती है तो पैटर्न के नीचे जो भाग खुला होता है वहां से कास्टिंग को निकाल लिया जाता है।
धातु का पैटर्न कास्टिंग करते समय गर्म होने लगता है जिसको ठंडा रखने के लिए लगातार जल की सप्लाई दी जाती है। इस विधि में धातु की कास्टिंग ऊपर से नीचे की ओर आती है। जिसके कारण नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे जाने वाली रोलर शीतल जल में जाकर और संपीड़ित वायु में से गुजरकर ठंडी होती रहती है। निश्चित साइज की कास्टिंग को प्राप्त करने के लिए व्यर्थ धातुओं को गैस कटर और वृत्ताकार आरी के द्वारा काट दिया जाता है। ये आरी और गैस कटर, कास्टिंग के साथ गतिशील होते हैं।
कंटीन्यूअस कास्टिंग (Continuous Casting) में प्रयोग होने वाले पैटर्न या सांचे की लंबाई 300 mm से 350 mm होता है। इन सांचो की भीतरी काट कास्टिंग की जाने वाली वस्तु के समान ही होता है।
कंटीन्यूअस कास्टिंग का प्रयोग अधिकांश अलौह धातुओं के लिए किया जाता है। परंतु आजकल स्टील की विभिन्न आकार की कास्टिंग को प्राप्त करने के लिए भी इस विधि का उपयोग होने लगा है।
कंटीन्यूअस कास्टिंग के लाभ (Advntages of Continuous Casting in Hindi) -:
1. इस कास्टिंग के द्वारा कम समय में अधिक उत्पाद को तैयार किया जाता है।
2. कंटीन्यूअस कास्टिंग विधि में रनर, स्प्रू और राइजर का प्रयोग नहीं किया जाता है।
3. इस कास्टिंग विधि के द्वारा कोई बेकार धातु उत्पन्न नहीं होती है।
4. कंटीन्यूअस कास्टिंग द्वारा प्राप्त उत्पाद विश्वसनीय और अच्छी गुणवत्ता वाली होती है।
5. इस विधि द्वारा कास्टिंग किए गए पदार्थों में यांत्रिक गुण भरपूर होते हैं।
कंटीन्यूअस कास्टिंग से हानि (Disadvantages of Continuous Casting in Hindi) -:
1. कंटीन्यूअस कास्टिंग में पैटर्न को शीतलन की लगातार आवश्यकता पड़ सकती है।
2. इस विधि से कास्टिंग करने के लिए अधिक लागत की आवश्यकता होती है।
3. इस कास्टिंग प्रक्रिया द्वारा कम उत्पाद तैयार करना घाटे का सौदा होता है।
4. कंटीन्यूअस कास्टिंग प्रक्रिया द्वारा कास्टिंग करने के लिए अधिक क्षेत्रफल की जरूरत होती है।
5. इस विधि द्वारा जटिल कास्टिंग तैयार नही की जा सकती है।
कंटीन्यूअस कास्टिंग के प्रयोग (Applications of Continuous Casting in Hindi) -:
1. इस कास्टिंग का उपयोग अब स्टील के लिए भी किया जा रहा है।
2. इस कास्टिंग के द्वारा विलेट, रॉड और सिल्लियां बनाने के लिये किया जा सकता है।
3. कंटीन्यूअस कास्टिंग का उपयोग करके प्लेट और तार का निर्माण किया जा सकता है।
4. इसका उपयोग ऑटोमोबाइल सेक्टर में किया जाता है।
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