Investment Mould Casting क्या है? लाभ । हानि । प्रयोग

इन्वेस्टमेंट मोल्ड कास्टिंग (Investment Mould Casting in Hindi) -:

ऐसी कास्टिंग प्रक्रिया जिसमें मोल्ड को बनाने के लिए एक पैटर्न पूरा खर्च हो जाता है उसे इन्वेस्टमेंट मोल्ड कास्टिंग (Investment Mould Casting) कहते हैं। यह पैटर्न अक्सर मोम के बनाये जाते हैं। मोम के अलावा यह पैटर्न ऐसे पदार्थों के भी बनाए जा सकते हैं जो एक ही बार में खर्च हो जाता है। इस पैटर्न को ताप सहन करने वाली बालू के अंदर दबाकर मोड़ को बनाया जाता है और पैटर्न को बाहर निकालने के बजाय मोल्ड को गर्म करके उसे पिघला दिया जाता है इस साँचे के पिघले हुए पदार्थ को मोल्ड उल्टा करके बाहर निकाल देते हैं। इस प्रकार मोल्ड में ठीक वैसी ही आकृति बन जाती है जिस आकृति का मोम का साँचा बना होता है। इन्वेस्टमेंट मोल्ड कास्टिंग में एक मोल्ड को बनाने के लिए एक पैटर्न या सांचा खर्च हो जाता है इसलिए इसे इन्वेस्टमेंट मोल्ड कास्टिंग कहा जाता है।


इन्वेस्टमेंट मोल्ड कास्टिंग (Investment Mould Casting in Hindi)


इस विधि से कास्टिंग करने के लिए सबसे पहले मोम या प्लास्टिक के पैटर्न को स्थाई रूप से धात्विक डाई में दाब के साथ डाल कर आवश्यक प्रतिरूप बनाते हैं। इस प्रकार मोम का सांचा तैयार हो जाता है। इस मोम या प्लास्टिक के बनाए गए सांचे के ऊपर बंधक पदार्थ और चूर्ण के रूप में उच्च ताप सह पदार्थों के मिश्रण का लेपन कर दिया जाता है। अब साँचे में गेट, राइजर, स्प्रू को  लगा दिया जाता है और इसे संचकन बॉक्स में रख दिया जाता है। इस बॉक्स में उच्च तापसह पदार्थों को भर देते हैं और सांचे को कमरे के तापमान पर सेट होने देते हैं। जब सांचा तैयार हो जाता है तो बॉक्स का तापमान 100℃ से 200℃ करके मोम को पिघला कर बाहर निकाल देते हैं, परिणामस्वरूप सांचे में पैटर्न के आकार की केविटी का निर्माण हो जाता है। अब इसमें पिघली हुई धातु को डालकर कास्टिंग को तैयार किया जाता है। पिघली धातु को सांचे में डालने से पहले एक बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि केविटी के पैटर्न को 1000℃ तक गर्म कर दिया जाता है जिससे कि इसकी प्रतिरोधकता बढ़ जाती है और जब इसकी प्रतिरोधकता बढ़ जाती है तो उसे 900℃ से 700℃ तक ठंडा करके इसमें पिघली हुई धातु को डाला जाता है। और जब यह धातु ठंडी हो जाती है तो हमारा कास्टिंग बनकर तैयार हो जाता है।


इन्वेस्टमेंट मोल्ड कास्टिंग (Investment Mould Casting) के लाभ -:

1) इन्वेस्टमेंट मोल्ड कास्टिंग का प्रयोग करके पतले काट की जटिल और हल्की कास्टिंग को तैयार किया जाता है।

2) इस विधि के द्वारा सतह चिकनी और परिष्कृत प्राप्त होती है।

3) इस कास्टिंग विधि के द्वारा ढलाई की गई सतह में अति सूक्ष्म विमाओं की यथर्थता वाली कास्टिंग का निर्माण किया जाता है।

4) इस विधि के द्वारा दोष रहित कास्टिंग को प्राप्त किया जाता है।

5) इसमें कास्टिंग का निर्माण करते समय कम टूल की आवश्यकता होती है।

6) ऊंचे तापमान पर पिघलने वाली मिश्र धातुओं के लिए यह प्रक्रिया अच्छी मानी जाती है।

7) इन्वेस्टमेंट कास्टिंग में जो मोम खर्च हो जाता है उसे पुनः प्राप्त किया जा सकता है


इन्वेस्टमेंट मोल्ड कास्टिंग (Investment Mould Casting) से हानि -:

1) यह कास्टिंग प्रक्रिया काफी महंगी पड़ती है। क्योंकि इसमें कई चरणों में काम को किया जाता है।

2) इस कास्टिंग विधि में पैटर्न बनाने की लागत अधिक आती है।

3) जो कोर 1.6 mm से छोटे और 2.5 mm से गहरे होते हैं उनका निर्माण इस विधि द्वारा करना मुश्किल होता है

4) इन्वेस्टमेंट मोल्ड कास्टिंग में प्रयोग होने वाले उपकरण और उच्च तापसह पदार्थ इत्यादि काफी महंगी आते हैं।

5) यह कास्टिंग प्रक्रिया काफी धीमी होती है।


इन्वेस्टमेंट मोल्ड कास्टिंग (Investment Mould Casting) के प्रयोग -:

1) इन्वेस्टमेंट मोल्ड कास्टिंग का प्रयोग टाइपराइटर के पुर्जे बनाने के लिए किए जाते हैं।

2) गाड़ी और वाहनों के पार्ट्स बनाने में भी इस विधि का प्रयोग किया जाता है।

3) इस कास्टिंग विधि द्वारा टरबाइन के ब्लेड, सिलाई मशीन के पार्ट्स का भी निर्माण किया जाता है।

4) मापन यंत्र का निर्माण भी इस मोल्ड कास्टिंग विधि द्वारा हो सकता है।

5) इसका उपयोग छोटी आकार की कास्टिंग के लिए किया जाता है।



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