अपघर्षक जेट मशीनन (Abrasive Jet Machining in Hindi) - लाभ । हानि । अनुप्रयोग

अपघर्षक जेट मशीनन (Abrasive Jet Machining/AJM) -:

Abrasive Jet Machining/A.J.M. प्रक्रम को करने के लिए सबसे पहले अपघर्षी कणो को वायु के साथ या किसी अन्य वाहक गैस के साथ मिलाया जाता है। जब अपघर्षी पदार्थों के बारीक कण आपस में मिल जाते हैं तो उन्हें उच्च दाब और उच्च गति पर नॉजल के माध्यम से जेट के रूप में बाहर निकाला जाता है। जब यह बाहर निकलते हैं तो इन्हें कार्यखंड के उसी सतह पर टकराया जाता है जिस पर मशीनिंग करना होता है। जब यह अपघर्षी कण कार्यखंड से टकराते हैं, और बार-बार टकराते हैं तो कार्यखंड की सतह ढीली हो जाती है और धीरे-धीरे बारीक कणो के रूप में धातु का कर्तन होकर अलग होने लगता है। इस प्रकार अब अपघर्षण जेट मशीनिंग में अपघर्षी कणो से यह क्रिया चलती रहती है और धातु की सतह को काटती रहती है।


अपघर्षक जेट मशीनिंग के महत्वपूर्ण बिन्दु -:

● 50 हर्ट्ज की आवृत्ति वाले कम्पनों के माध्यम से अपघर्षी कणो को 2 - 8 Kgf/cm^2 वाहक गैस या वायु के साथ मिश्रित किया जाता है।

● वाहक गैस के रूप में नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड और शुद्ध हवा का प्रयोग किया जाता है।

● अपघर्षी कणो का मिश्रण नॉजल में से 150 मीटर/मिनट से 300 मीटर/मिनट के वेग से बाहर निकलकर कार्यखण्ड सतह पर गिरती है।

● इस प्रक्रम में प्रयोग होने वाले नॉजल का व्यास 0.04 mm से 0.07 mm होता है।

● जब अपघर्षी कण कार्य खंड के सतह पर गिरते हैं तो नॉजल से कार्यखंड के बीच की दूरी 0.7 mm से 1 mm होती है।

● अपघर्षी कणो के रूप में एल्यूमीनियम ऑक्साइड, सिलिकॉन कार्बाइड, शीशे का पाउडर, सोडियम बाई कार्बोनेट इत्यादि का उपयोग किया जाता है।

● अपघर्षक जेट मशीनिंग में अपघर्षी कणो का आकार 10 से 50 माइक्रोन रहता है।


अपघर्षक जेट मशीनन (Abrasive Jet Machining in Hindi) । लाभ, हानि, अनुप्रयोग
Abrasive Jet Machining/AJM Process


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अपघर्षक जेट मशीनन के लाभ (Advantages of Abrasive Jet Machining in Hindi) -:

1) इस प्रक्रम के द्वारा अधात्विक पदार्थों की मशीनिंग आसानी से की जा सकती है।

2) ऐसे कार्यखण्ड जो टूटने योग्य होते हैं उनकी भी मशीनिंग बिना टूट-फूट के इस विधि द्वारा की जा सकती है।

3) अपघर्षक जेट मशीनन विधि के द्वारा बिजली और शक्ति का खर्च कम होता है।

4) ताप न सहने वाले पदार्थों की भी मशीनिंग बिना टूट-फूट के, की जा सकती है।

5) कठोर और भंगूर पदार्थों में जब अन्य विधियों द्वारा मशीनिंग करना संभव नहीं होता है तो अपघर्षक जेट मशीनन प्रक्रम का उपयोग किया जाता है।


अपघर्षक जेट मशीनन की हानियाँ/सीमाएं (Disadvantages/Limitations of Abrasive Jet Machining in Hindi) -:

1) अपघर्षक जेट मशीनिंग के द्वारा कार्यखंड की यथार्थता अच्छी नहीं प्राप्त होती है।

2) जब मुलायम पदार्थों पर मशीनिंग की जाती है तो अपघर्षी कणो के चिपकाने की संभावना अधिक होती है।

3) इस प्रक्रम का प्रयोग करने पर धातु की कर्तन की दर बहुत ही धीमी होती है।

4) इस विधि के प्रयोग करने से पर्यावरण के दूषित होने की आशंका रहती है।

5) इस प्रक्रम की द्वारा अधिकांश सतह की सफाई ही की जाती है।


अपघर्षक जेट मशीनन के अनुप्रयोग (Applications of Abrasive Jet Machining in Hindi) -:

1) इस विधि का प्रयोग करके खांचे और पतले सेक्शन का निर्माण किया जाता है।

2) कठोर और भंगुर पदार्थ का निर्माण करने के लिए भी यह विधि अच्छी होती है।

3) इसके द्वारा जटिल आकृतियों को भी निर्मित किया जा सकता है।

4) शीशे की बेलन की सतहों पर कलात्मक खुदाई करने के लिए और अलग-अलग किस्म की डिजाइन बनाने के लिए यह विधि अधिक प्रचलित है।

5) प्लास्टिक, नायलान, टेफ्लान इत्यादि पुर्जों की सफाई और पोलिश इस प्रक्रम से किया जा सकता है।


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