पराश्रव्य मशीनन/अल्ट्रासोनिक मशीनिंग (Ultrasonic Machining in Hindi) - लाभ । हानि । अनुप्रयोग

पराश्रव्य मशीनन (Ultrasonic Machining in Hindi) - लाभ । हानि । अनुप्रयोग
Ultrasonic Machining Process

पराश्रव्य मशीनन/अल्ट्रासोनिक मशीनिंग (Ultrasonic Machining/U.S.M. Process in Hindi) -:

U.S.M./अल्ट्रासोनिक मशीनिंग ऐसी विधि है जिसमें अपघर्षी कणों की सहायता से  कार्यखंड को स्टेनलेस स्टील औजार के माध्यम से कर्तन किया जाता है। यह अपघर्षी कण 20% से 30% पानी के मिश्रण के घोल के साथ कार्यखंड पर प्रवाहित होता है और कार्बन एलाय स्टील या स्टेनलेस स्टील के औजार को कार्यखंड पर 20 से 30 किलो हर्ट्ज से कम्पन कराया जाता है। जिसके फलस्वरूप आवृति वाले कंपन के कारण कार्यखंड की सतह दबती जाती है, कार्यखण्ड का कर्तन करती जाती है। इस प्रकार धातु का कर्तन होता रहता है।


U.S.M./अल्ट्रासोनिक मशीनिंग के महत्वपूर्ण बिन्दु -:

● इस प्रक्रिया में प्रयोग होने वाले अपघर्षी कणो का आकार 200 से 2000 ग्रिट तक होता है।

● इसमें प्रयोग होने वाले कर्तन औजार कार्बन अलॉय स्टील और स्टेनलेस स्टील के बनाए जाते हैं।

● अपघर्षी कणो के रूप में हीरे का चूर्ण, सिलिकॉन कार्बाइड और एलमुनियम आक्साइड का चूर्ण प्रयोग किया जाता है।

● अल्ट्रासोनिक ट्रांसड्यूसर ऐसी युक्ति है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलता है।

● इस विधि के द्वारा ±0.005 mm तक की वैमयिक यथर्थता प्राप्त की जाती है।

● पराश्रव्य मशीनिंग की एक विकसित विधि है जिसमें घोल का प्रयोग नहीं किया जाता है।


पराश्रव्य मशीनन/अल्ट्रासोनिक मशीनिंग के लाभ (Advantages of Ultrasonic Machining in Hindi) -:

1) इस विधि का प्रयोग करके गुणवत्ता वाली सतह फिनिशिंग प्राप्त की जाती है।

2) पराश्रव्य मशीनिंग विधि के द्वारा कठोर और भंगुर पदार्थों की मशीनिंग आसानी से की जा सकती है।

3) महंगे पदार्थों के लिए यह मशीनिंग विधि बहुत सस्ती और सुरक्षित पड़ती है।


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4) इस प्रक्रम को करते समय ऊष्मा इकट्ठा नहीं होता है।

5) अल्ट्रासोनिक मशीनिंग में प्रयोग किए जाने वाले उपकरण ऑपरेशन की दृष्टि से उपयुक्त और सुरक्षित होते हैं।


पराश्रव्य मशीनन/अल्ट्रासोनिक मशीनिंग की हानियां/सीमाएं (Disadvantages/Limitations of Ultrasonic Machining in Hindi) -:

1) अल्ट्रासोनिक मशीनिंग के द्वारा मुलायम और तन्य पदार्थों की मशीनिंग नही की जा सकती है।

2) इस विधि के द्वारा धातु कर्तन की क्रिया बहुत कम होती है।

3) पराश्रव्य मशीनिंग का प्रयोग करके बड़े छिद्रों का निर्माण नहीं किया जा सकता है।

4) यह केवल कठोर धातुओं की मशीनिंग कर सकता है।

5) इस विधि के प्रयोग किये जाने वाले उपकरणों का जीवनकाल कम होता है।

6) अल्ट्रासोनिक मशीनिंग में बिजली की खपत दर अधिक होती है।


पराश्रव्य मशीनन/अल्ट्रासोनिक मशीनिंग के अनुप्रयोग (Applications of Ultrasonic Machining in Hindi) -:

1) पराश्रव्य मशीनिंग के द्वारा अधातु और सिलिकॉन की पार्ट का भी मशीनन किया जाता है।

2) इस प्रक्रम विधि का प्रयोग करके गोल व गहरे छिद्र का निर्माण किया जा सकता है।

3) हीरा, टंगस्टन, कार्बाईड इत्यादि कठोर पदार्थों का मशीनिंग इस विधि द्वारा किया जा सकता है।

4) अल्ट्रासोनिक मशीनिंग का प्रयोग करके कठोर और भंगुर पदार्थों पर नक्काशी और चूड़ी आसानी से काटी जा सकती हैं।

5) अल्ट्रासोनिक मशीनिंग का उपयोग करके के दांतो का मरम्मत कार्य और दातों में छिद्र का निर्माण बिना दर्द के द्वारा किया जा सकता है।


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