इलेक्ट्रान बीम मशीनन (Electron Beam Machining in Hindi) - लाभ, हानि और अनुप्रयोग

इलेक्ट्रान बीम मशीनिंग/E.B.M. क्या है?

यहां ऐसी मशीनिंग प्रक्रिया है जिसमें उच्च गति से प्रवाहित होने वाली इलेक्ट्रॉनों की धारा को इलेक्ट्रान गन से कार्यखंड की धातु पर ऊष्मा दिया जाता है और ऊष्मा देकर कार्यखंड के धातु को गलाया या वाष्पित किया जाता है।

ऐसा ऋण आवेशित कणों का पुंज जो ऊंचे गतिज ऊर्जा, उच्च सांद्रता, विशाल त्वरण रखता हो उसे इलेक्ट्रान बीम कहते हैं।


इलेक्ट्रान बीम मशीनन (Electron Beam Machining in Hindi)
Electron Beam Machining/EBM Process


इलेक्ट्रॉन बीम मशीनिंग/E.B.M. प्रक्रिया के लिए मुक्त इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है जिसका उत्पादन थर्मो-इलेक्ट्रॉनिक कैथोड के माध्यम से किया जाता है। मुक्त इलेक्ट्रॉनों के उत्पादन के लिए कैथोड को ऐसे तापमान पर गर्म किया जाता है जिस तापमान पर इलेक्ट्रान को उच्च-गति प्राप्त करती हो। इलेक्ट्रॉनों में त्वरण को पैदा करने के लिए विद्युत क्षेत्र तथा उसे केंद्रित करने और सघन बनाने में चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग होता है। जब इलेक्ट्रान गन की सहायता से इलेक्ट्रॉन पुंज कार्यखंड के पदार्थ पर टकराता है तो इलेक्ट्रॉन पुंज की गतिज ऊर्जा, ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। यह उत्पन्न ऊष्मा कार्यखंड की धातु को गलाने और वाष्पित करने में पूरी तरह सक्षम होती है।


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इलेक्ट्रॉन पुंज को इलेक्ट्रान गन के द्वारा ही कार्यखंड पदार्थ पर गिराया जाता है और इसी गन के माध्यम से इलेक्ट्रान पुण्य का निर्माण किया जाता है इलेक्ट्रान गन को एक ट्रायोड का प्रयोग करके बनाया जाता है जिसके 3 भाग होते हैं कैथोड, एनोड और ग्रीड कप।

कैथोड - कैथोड गर्म टंगस्टन का फिलामेंट होता है जिसका तापमान 2500℃ होता है और इसी के माध्यम से इलेक्ट्रान पुंज को उत्सर्जित किया जाता है।

एनोड - इस पर धनात्मक आवेश होता है और इसी मार्ग से होकर उच्च गति वाले इलेक्ट्रान जाते हैं।

ग्रीड कप - यह भी ऋणात्मक आवेश लिए हुए होता है जो फिलामेंट से जुड़ा हुआ एक भाग है।

इलेक्ट्रॉन गन को डी.सी. विद्युत धारा उपलब्ध कराई जाती है जिसके फलस्वरूप इलेक्ट्रान उत्सर्जित होने लगते हैं इन इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह को ग्रीड कप द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। यह इलेक्ट्रॉन जब एनोड के छिद्र से होकर गुजरते हैं तो उसमें उनकी गति प्रकाश की गति की दो तिहाई गुनी हो जाती है। और इलेक्ट्रॉनों की यह गति तब तक बनी रहती है जब तक वह कार्यखंड की सतह से टकरा नहीं जाते हैं। ये जैसे ही सतह से टकराते हैं इनकी गतिज ऊर्जा उस्मा ऊर्जा में बदल जाती है और कार्यखंड की सतह पिघलकर वाष्प बनने लगती है।


इलेक्ट्रान बीम मशीनिंग के लाभ (Advantages of Electron Beam Machining in Hindi) -:

1) इलेक्ट्रान बीम मशीनिंग/E.B.M. विधि, सूक्ष्म मशीनिंग प्रक्रियाओं के लिए अति उत्तम होता है।

2) इस प्रक्रम के द्वारा ऐसे स्थानों पर छिद्र किया जाता हैं, जहां अन्य विधियों द्वारा छिद्र बनाना संभव नहीं होता है।

3) जो धातु या अधातु निर्वात में रह सकते हैं उनका कर्तन इस विधि द्वारा बहुत ही सरलता से किया जाता है।

4) E.B.M. प्रक्रम का प्रयोग करने से कार्यखंड में विरूपण होने की संभावना कम होती है।

5) यह विधि कार्यखण्ड पर मशीनिंग करते वक्त दबाब नही डालता है जिससे कार्यखण्ड के क्रैक होने की संभावना कम होती है।


इलेक्ट्रान बीम मशीनिंग से हानियां/सीमाएं (Disadvantages/Limitations of Electron Beam Machining in Hindi) -:

1) इस मशीनिंग में प्रयोग होने वाले उपकरणों की लागत अधिक होती है।

2) इलेक्ट्रान बीम मशीनिंग/E.B.M. प्रक्रम का जब उपयोग किया जाता है तो एक्स किरणों का निर्माण होता है।

3) E.B.M. प्रक्रम/प्रोसेस को करने के लिए कुशल कारीगर की आवश्यकता होती है।

4) इस मशीनिंग प्रक्रिया के द्वारा बहुत कम मात्रा में धातु का कर्तन होता है।

5) इसके द्वारा छोटे माप के ही कार्यखंड बनाए जाते हैं।


इलेक्ट्रान बीम मशीनिंग के अनुप्रयोग (Applications of Electron Beam Machining in Hindi) -:

1) इलेक्ट्रॉन बीम मशीनिंग का प्रयोग अंतरिक्ष नाभिकीय रिएक्टर में ,सुपर सोनिक एरो-इंजन में और टरबाइन ब्लेड इत्यादि में 0.002 mm का छिद्र बनाने में होता है।

2) इस विधि का प्रयोग करके बहुमूल्य हीरे-जवाहरातो में छिद्र किया जाता है।

3) डीजल इंजन में प्रयोग होने वाले नॉजल के मीटरिंग में छिद्रों का निर्माण करने के लिए किया जाता है।

4) इलेक्ट्रान बीम मशीनिंग के द्वारा ऑप्टिकल फाइबर और प्रकाश किरण आरफीसों का निर्माण करने के लिए किया जाता है।

5) इलेक्ट्रॉन बीम मशीनिंग/E.B.M. का उपयोग करके कंप्यूटर के मेमोरी का भी निर्माण किया जा सकता है।


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