विद्युत रासायनिक मशीनिंग/इलेक्ट्रोकेमिकल मशीनिंग (E.C.M.) -:
विद्युत रासायनिक मशीनिंग (Electro Chemical Machining) एक ऐसी धातु कर्तन करने की प्रक्रिया है जो विद्युत अपघटन के नियमों पर आधारित होता है। इस मशीनिंग को करने के लिए कार्यखंड को एनोड और औजार को कैथोड बनाया जाता है। इसके बाद इनको विद्युत अपघटन प्रोसेस से गुजारा जाता है। यह विद्युत अपघट्य कार्यखंड और औजार के मध्य जाते हैं। कार्यखण्ड और औजार के मध्य 0.5 mm - 0.7 mm का खाली स्थान रखा जाता है जिसमे से विद्युत अपघट्य आसानी से गुजर सके। जैसे ही विद्युत अपघट्य कार्यखंड और औजार के मध्य जाता है, वैसे ही धारा का परिपथ पूरा हो जाता है। परिपथ पूरा होने के कारण कार्यखंड और औजार में बहने वाली विद्युत अपघट्य में ऊष्मा उत्पन्न होने लगती है। ऊष्मा उत्पन्न होने के कारण कार्यखण्ड से धातु का कर्तन होने लगता है। यह कर्तन हुआ धातु से औजार की ओर जाती है और औजार पर चिकने का प्रयास करती है। परंतु प्रवाहित की गए विद्युत अपघट्य को इतना दाब बेकार भेजा जाता है कि वह कर्तन हुई धातु को अपने साथ बहाकर बाहर ले जाती है। जिसके कारण कार्यखंड से कर्तन होने वाली धातु औजार से नहीं पाती है और विद्युत अपघट्य के साथ बाहर निकल जाती है। इस प्रक्रिया के द्वारा बिल्कुल ठीक वैसा ही आकार बनता है जैसा औजार का होता है। अतः इस तरह औजार की आकृति का वस्तु प्राप्त कर लेते है। औजार उसी आकार का होता है जिस आकार का हमें वस्तु प्राप्त करनी होती है। अर्थात औजार, पैटर्न के आकार का होता है।
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विद्युत रासायनिक मशीनन प्रक्रिया |
औजार -:
विद्युत रासायनिक मशीन प्रक्रिया में पीतल, तांबा, कार्बन, स्टेनलेस स्टील इत्यादि से बने औजारों का प्रयोग होता है। औजार को कैथोड बनाया जाता है। जब औजार के रूप में प्लास्टिक का प्रयोग करना होता हो तो उस पर विद्युत सुचालक पदार्थ का लेप किया जाना आवश्यक होता है।
कार्यखण्ड -:
कार्यखण्ड को भी इलेक्ट्रोड के रूप में प्रयोग किया जाता है। जिस पर धनात्मक आवेश होता है अर्थात कार्यखण्ड को एनोड बना दिया जाता है। कार्यखंड भी औजार की तरह ही विद्युत का सुचालक होना आवश्यक होता है।
विद्युत अपघट्य -:
विद्युत रासायनिक मशीनिंग प्रक्रिया में विद्युत अपघट्य के रूप में निम्न पदार्थों का चयन किया जाता है-
● नमक का घोल
● शुद्ध सोडियम क्लोराइड
● सोडियम नाइट्रेट
● पोटैशियम क्लोराइड
● सोडियम हाइड्रोक्साइड
● सोडियम क्लोराइड
● सल्फ्यूरिक अम्ल
● सोडियम क्लोरेट
विद्युत रासायनिक मशीनिंग विधि में चाहे कोई भी विद्युत अपघट्य का प्रयोग किया जाए, परंतु उसके प्रवाह के लिए उचित व्यवस्था किया जाना आवश्यक होता है। और साथ ही उसकी शीतलन की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। विद्युत अपघट्य को कार्यखंड और औजार के बीच से गुजारने के लिए 30 से 60 मीटर प्रति सेकंड की गति से दाब दिया जाता है।
विद्युत परिपथ -:
इस मशीन इन प्रक्रम को करने के लिए डीसी करंट का प्रयोग किया जाता है डीसी करंट को 5 से 30 वोल्ट रखी जाती है और धारा 50 से 40000 एंपियर तक दी जाती है।
विद्युत रासायनिक मशीनिंग के लाभ (Advantages of Electro Chemical Machining in Hindi) -:
1) इस मशीनिंग को करने से कार्यखंड की सतह पर तापीय प्रभाव नहीं पड़ता है।
2) इलेक्ट्रोकेमिकल मशीनिंग/E.C.M. का प्रयोग करने से कार्यखंड की सतह पर प्रतिबल नहीं होता है।
3) पतली चादर की भी मशीनिंग भी इस विधि द्वारा की जा सकती है।
4) ऐसे कार्यखंडों का मशीनिंग इस विधि द्वारा किया जा सकता है, जिनका मशीनिंग दूसरे प्रक्रम द्वारा असंभव होता है।
5) पुरानी मशीनिंग इन प्रक्रमों की तुलना में विद्युत रासायनिक मशीनिंग की धातु कर्तन दर अधिक होती है।
6) इलेक्ट्रोकेमिकल मशीनिंग का प्रयोग करने से कार्यखंड की सतह अधिक परिष्कृत प्राप्त होती है।
विद्युत रासायनिक मशीनिंग की हानियाँ/सीमाएं (Disadvantages of Electro Chemical Machining in Hindi) -:
1) इस विधि का प्रयोग करके कुचालक पदार्थ का मशीनिंग नहीं किया जा सकता है।
2) विद्युत रासायनिक मशीनी प्रक्रम को करने के लिए अधिक शक्ति की आवश्यकता पड़ती है।
3) जिस मशीन के द्वारा यह प्रक्रम किया जाता है उसमें जंग लगने का भय रहता है।
4) यह प्रक्रम का क्षेत्रफल में नहीं किया जा सकता है।
5) इस प्रक्रम/प्रोसेस में प्रयोग की जाने वाली कार्यखण्ड की धातु यदि अशुद्ध होती है तो मशीनिंग प्रक्रिया पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
विद्युत रासायनिक मशीनिंग/E.C.M. के अनुप्रयोग (Applications of Electro Chemical Machining in Hindi) -:
1) भंगुर और मुलायम पदार्थों के निर्माण के लिए यह मशीनी विधि सबसे उपयुक्त होती है।
2) इस विधि के द्वारा टंगस्टन कार्बाईड जैसे कठोर पदार्थों की भी मशीनिंग सरलता से की जा सकती है।
3) फोर्जिंग डाई, डाई सिंकिंग, लंबे ड्रिलिंग, टरबाइन का ब्लेड इत्यादि बनाने के लिए भी विद्युत रासायनिक मशीनिंग का प्रयोग कर सकते हैं।
4) इस प्रक्रम के द्वारा कठोर और ऊष्मा प्रतिरोधी मिश्र धातुओं की भी मशीनिंग की जाती है।
5) जटिल से जटिल कार्यखंड का निर्माण भी इसके द्वारा किया जा सकता है।
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