उद्दीप्त (Incandescent) और प्रतिदीप्त प्रकाश (Fluorescent Light)

उद्दीप्त प्रकाश (Incandescent Light in Hindi) -:

कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं जब उन्हें गर्म किया जाता है तो वह प्रकाश उत्पन्न करती हैं, इस प्रकार वस्तुओं के गर्म होने के बाद जो प्रकाश उत्पन्न होता है उसे उद्दीप्त प्रकाश कहा जाता है।

उदाहरण के लिए कांच के बल्ब में से एक छोटा सा तंतु स्थित होता है तथा यह टंगस्टन धातु का बना होता है। यह धातु 2000℃ से अधिक ताप को पाकर भी नहीं पिघलता है। इस प्रकार यह अत्यधिक ताप सहने और शीघ्र ना गलने की क्षमता से भरपूर होता है।

जब तंतु को पर्याप्त ऊर्जा मिलने लगती है तो तंतु चमकने लगता है जिसके फलस्वरूप प्रकाश फैलने लगता है।

प्रतिदीप्त प्रकाश (Fluorescent Light in Hindi) -:

कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं जो ठंडी अवस्था में प्रकाश उत्पन्न करती हैं इस प्रकार ठंडी अवस्था में जो प्रकाश उत्पन्न होता है उसे प्रतिदीप्त प्रकाश कहते हैं।

यह प्रकाश जिस स्रोत से उत्पन्न होता है, उसमें इलेक्ट्रान उष्मा उत्पन्न करने के स्थान पर निम्न दाब के गैस के अणुओं पर प्रहार करने लगते हैं जिसके फलस्वरूप प्रकाश उत्सर्जित होने लगता है। प्रतिदीप्त प्रकाश ठंडा होता है और उद्दीप्त प्रकाश से कम विद्युत प्रयोग करता है जबकि उद्दीप्त प्रकाश अधिक विद्युत का उपयोग करता है।


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