प्रपीचुअल गति मशीन के बारे में जानकारी-Perpetual Motion Machine (PMM) In Hindi
Perpetual Motion Machine 1 (PMM1)
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम को ऊर्जा संरक्षण का नियम माना जाता है। ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम के आधार पर, PMM1 मशीन , एक ऐसी मशीन होती है जो ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का पालन करती है ऐसी मशीनें प्रथम श्रेणी Perpetual गति मशीन या PMM1 कहलाती है। ऐसी मशीनें वास्तव में नहीं होती हैं इसलिए इन्हें और अवास्तविक भी कहा जाता है क्योंकि अभी ऐसी कोई मशीन नहीं है जो ऊर्जा की खपत किए बिना , लगातार यान्त्रिक कार्य करती रहे।
Converse of PMM1 in Hindi
इसका तात्पर्य है कि ऐसी मशीन जो , ऊर्जा की खपत करके कार्य करें और पुनः ऊर्जा को पा सके, ऐसी मशीन Converse of PMM1 कहलाती है। अभी पृथ्वी पर ऐसी कोई मशीन नहीं है जो ऊर्जा की खपत करके , कार्य करती हो और कार्य समाप्त होने के बाद पुनः खर्च हो चुकी सम्पूर्ण ऊर्जा को वापस संग्रहित करती हो।
Perpetual Motion Machine 2 (PMM2)
यांत्रिकी की भाषा में ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम के अनुसार अभी तक ऐसा कोई भी इंजन नहीं बना है जो इनपुट देने के बाद 100% आउटपुट प्रदान कर सकें। ऐसी मशीन जो ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम का पूरी तरह से विरोध करती हो , द्वितीय श्रेणी की प्रपीचुअल गति मशीनें , PMM2 कहलाती हैं। वर्तमान समय में ऐसी कोई मशीन नहीं है जो , जितनी मात्रा में ऊर्जा खपत करती हो, सम्पूर्ण खर्च हुए Energy को शत-प्रतिशत कार्य के रूप में प्रदान नहीं करती है। क्योंकि जब किसी कार्य को करने के लिए ऊर्जा खपत होती है तो , बहुत सारी ऊर्जाये अन्य स्रोत में भी खत्म हो जाती है। जैसे किसी मशीन में कोई जॉब बनाते समय जितनी ऊर्जा लगती है उसमें से कुछ ऊर्जा मशीन के ऊष्मा में चली जाती है और कुछ ऊर्जा व्यर्थ हो जाती है , तो कुछ ऊर्जा घर्षण और ध्वनि के रूप में व्यर्थ हो जाती है। और बची हुई ऊर्जा कार्य के रूप में प्राप्त होती है। अभी तक ऐसी मशीन का निर्माण नहीं हुआ है जो संपूर्ण ऊर्जा को कार्य में में में परिवर्तित कर सके।
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