चूड़ीदार जोड़-Threaded Connections in Hindi
ऐसे जोड़ जो पदार्थ में कटे हुए चूड़ियों या थ्रेड के द्वारा आपस में बनाई जाती हैं उन्हें चूड़ीदार जोड़ कहते हैं।
बोल्ट स्क्रू तथा स्टैंडर्ड तथा स्टैंडर्ड आदि का प्रयोग अस्थाई रूप से 2 अंगों को जोड़ने में करते हैं कुछ मशीनी अंगों को इस प्रकार जोड़ने की आवश्यकता पड़ती है कि उन्हें आसानी से अलग भी किया जा सके इसके लिए हम चूड़ीदार जोड़ या thread joint इस्तेमाल करते हैं।
*कोर व्यास-core diametre
यह थ्रेड का न्यूनतम न्यूनतम व्यास होता है इसे बाह्य चूड़ी का मूल या जड़ व्यास कहते हैं।
*सामान्य व्यास-nominal diametre
यह चूड़ी का अधिकतम व्यास होता है इसे बाहय चूड़ी की दशा में बाह्य व्यास या शिखर व्यास कहते हैं।
चूड़ीदार जोड़ के लाभ (advantage of threaded connection in hindi)
1.इसमें पदार्थ के अंगों को आसानी से जोड़ा को आसानी से जोड़ा और अलग किया जा सकता है।
2.विभिन्न उपयोगी परिस्थितियों के लिए उनकी उपलब्धि का परास अधिक होता है।
3.यह जोड़ मानक साइजों में उपलब्ध होने के कारण सस्ते पड़ते हैं।
4.चूड़ीदार जोड़ को जल्दी बनाया जा सकता है।
चूड़ीदार जोड़ से हानि (disadvantage of threaded connection in hindi)
1.चूड़ीदार जोड़ में , नट को लिमिट से अधिक यदि कस दिया जाए तो चूड़ियों का कर्तन असफल होने की संभावना रहती है।
2.चूड़ीदार जोड़ में समय-समय पर नट और और बोल्ट में स्नेहन की क्रिया करनी पड़ती है ताकि उसमें जंग के कारण जकड़ ना लग जाए।
3.चूड़ीदार जोड़ में लीकेज होने की संभावना अधिक रहती है।
4.चूड़ीदार जोड़ अस्थाई रूप से जोड़ प्रदान नहीं करते हैं।
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