Water Cooling System किसे कहते हैं? प्रकार । भाग । लाभ और हानि । प्रयोग

जल शीतलन प्रणाली (Water Cooling System in Hindi) -:

ऐसा System जिसमें गर्म इंजन को पानी का उपयोग करके ठंडा किया जाता है। इस प्रकार के सिस्टम को वाटर कूलिंग सिस्टम (Water Cooling System) कहते हैं और पानी के द्वारा गर्म इंजन को ठंडा करने की प्रक्रिया को जल शीतलन (Water Cooling) कहते हैं।

वाटर कूलिंग सिस्टम में इंजन के अंदर एक वाटर जैकेट लगा होता है। इस वाटर जैकेट को हीट एक्सचेंजर से या रेडिएटर से जोड़ा गया होता है। हम आगे जो वर्णन करेंगे उसमें वाटर जैकेट और रेडिएटर आपस में जुड़े होते हैं।


Water Cooling System in Hindi - प्रकार, भाग, लाभ और हानि, प्रयोग
Water Cooling System


वाटर कूलिंग में गर्म इंजन के पार्ट को ठंडा करने के लिए रेडिएटर में जल भरा होता है। यह जल पहले वाटर जैकेट में जाता है और इंजन के विभिन्न पार्ट्स से होते हुए वापस रेडिएटर में ही चला आता है।
जब जल गर्म इंजन के पुर्जे से वापस रेडिएटर में आता है तो अपने साथ गर्म इंजन के पार्ट्स के ऊष्मा (Heat) को भी लाता है अर्थात जब जल गर्म हुए इंजन के पुर्जो से गुजरता है तो गर्म पुर्जे, जल को भी गर्म कर देते हैं और अपनी ऊष्मा जल में कुछ हद तक डाल देते हैं। जब इंजन के गर्म पार्ट्स जल को ऊष्मा देते हैं तो वो कुछ ठंडे हो जाते हैं और जल गर्म होकर रेडिएटर में वापस आ जाता है।
रेडिएटर में गर्म जल पुनः आ जाता है तो इसे बाहर ना निकालकर, पुनः रेडिएटर में ही ठंडा किया जाता है। इस गर्म जल को ठंडा करने के लिए वातावरण में बहने वाली वायु का सहारा लेकर गर्म जल से ऊष्मा को निकाला जाता है। जब रेडिएटर में जल ठंडा हो जाता हैं उन्हें फिर से वाटर जैकेट में भेज दिया जाता है और वाटर जैकेट उन्हें फिर से इंजन के गर्म पुर्जे से होते हुए वापस रेडिएटर में ले आता है। यह प्रक्रिया चलती रहती है और गर्म हुए इंजन का शीतलन वाटर कूलिंग सिस्टम (Water Cooling System) के माध्यम से होता रहता है।


जल शीतलन प्रणाली के प्रकार (Types of Water Cooling System in Hindi) -:

जल को सिलिंडर और सिलिंडर हेड में भेजने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार की विधियां अपनाई जाती हैं जिनमें से कुछ प्रमुख विधियां निम्नलिखित हैं-

1. थर्मो-साइफन शीतलन निकाय (Thermo-Syphon Cooling System)

2. पम्प या प्रणोदित शीतलन निकाय (Forced or Pumped Cooling System)

3. थर्मोस्टैटिक रेगूलेटर शीतलन निकाय (Cooling with Thermostatic Regulator)

4. दाबयुक्त शीतलन निकाय (Pressurized Water Cooling System)

5. वाष्पित्र शीतलन निकाय (Evaporative Cooling System)


1. थर्मो-साइफन शीतलन निकाय (Thermo-Syphon Cooling System) -:

जब पानी गर्म होता है तो उसे निकालना ठंडे पानी की अपेक्षा आसान हो जाता है इसी सिद्धांत पर थर्मोसाइफन कूलिंग सिस्टम आधारित है। यह ऐसा सिस्टम है जिसमें वाटर जैकेट का ऊपरी हिस्सा और रेडिएटर का ऊपरी हिस्सा आपस में पाइप के माध्यम से जोड़े जाते हैं। इसी प्रकार रेडिएटर का निचला हिस्सा और वाटर जैकेट का निचला हिस्सा भी आपस मे जोड़ा जाता है।


2. पम्प या प्रणोदित शीतलन निकाय (Forced or Pumped Cooling System) -:

यह ऐसा सिस्टम होता है जिसमें जल को प्रवाहित करने के लिए पंप का उपयोग किया जाता है। यह पंप, वाटर जैकेट से रेडिएटर में और रेडिएटर से पुनः वाटर जैकेट में लगा होता है। इस पंप को चलाने के लिए बेल्ट की जरूरत पड़ती है और इस बेल्ट को इंजन द्वारा जलाया जाता है।


3. थर्मोस्टैटिक रेगूलेटर शीतलन निकाय (Cooling with Thermostatic Regulator) -:

थर्मोस्टेट कूलिंग सिस्टम भी प्रणोदित पंप कूलिंग सिस्टम की तरह ही होता है परंतु थर्मोस्टेट कूलिंग सिस्टम में रेडिएटर और वाटर जैकेट को पाइप के माध्यम से आपस में जोड़ते समय, रेडिएटर और वाटर जैकेट के पाइप के बीच में थर्मोस्टेट लगा दिया जाता है। क्योंकि थर्मोस्टेट लगने के बाद पंप का नियंत्रण, इंजन के खुलने और बंद होने पर नहीं रहता है। अब यह नियंत्रण थर्मोस्टेट पर निर्भर हो जाता है।
थर्मोस्टेट तांबे का बना हुआ Bellows होता है जिसके दोनों सिरे सील होते हैं।
थर्मोस्टेट शीतलन निकाय में ठंडे जल को रेडिएटर के निचले हिस्से से वाटर जैकेट में डाला जाता है और उसके बाद सिलेंडर के अंदर ठण्डे जल को प्रवेश कराया जाता है। यह ठंडा जल सिलेंडर के गर्म पार्ट्स से होता हुआ रेडिएटर के ऊपरी टैंक में बाहर निकलता है। चूंकि यह ठंडा जल गर्म पार्ट्स से होता हुआ बाहर आता है इसलिए यह जल रेडिएटर के ऊपरी टैंक में आते आते हैं गर्म हो जाता है।

हम जानते हैं कि रेडिएटर और वाटर जैकेट के बीच में थर्मोस्टेट लगा होता है इसलिए गर्म जल भी थर्मोस्टेट से होते हुए बहता है। थर्मोस्टेट का कार्य होता है कि यह जल के तापमान को नियंत्रित करता है। बहता हुआ गर्म जल गुरुत्व के कारण रेडिएटर में गिरने लगता है और जब यह रेडिएटर में गिर जाता है तो इसकी ऊष्मा को पंखे के द्वारा बाहर खींचकर वायुमंडल में निकाल दिया जाता है। जो पंखा गर्म जल से ऊष्मा को खींचते हैं उनको इंजन द्वारा बेल्ट से चलाया जाता है।


4. दाबयुक्त शीतलन निकाय (Pressurized Water Cooling System) -:

जब जल का तापमान बढ़ता है तो उसका दाब भी बढ़ता है और इस सिद्धांत का उपयोग बड़े और भारी इंजनों के लिए किया जाता है। जब इस सिद्धांत का उपयोग करके इंजन के गर्म हुए पार्ट्स को ठंडा किया जाता है तो इस विधि को दाबयुक्त शीतलन निकाय (Pressurized Water Cooling System) कहते हैं।
इस विधि का उपयोग करके गर्म हुए पार्ट्स से, अधिक से अधिक ऊष्मा जल अपने अंदर ले आती है, जिससे इंजन  का शीतलन अच्छी तरह होता है। इस विधि का प्रयोग करते समय जल के दाग को 1.5 Bar से 2 Bar के बीच में रखा जाता है।
इस सिस्टम में दो वाल्व भी लगाए जाते हैं, जिसमें एक निर्वात वाल्व होता है और दूसरा सुरक्षा की दृष्टि से लगाया वाल्व होता है।
निर्वात वाल्व लगाने से सिस्टम में निर्वात होने की संभावना नहीं रहती है और सुरक्षा की दृष्टि से जो वाल्व लगाया जाता है उसको दाबयुक्त वाल्व कहा जाता है।
इस वाल्व से दाब को नियंत्रित करने में सुविधा होती है।


5. वाष्पित्र शीतलन निकाय (Evaporative Cooling System) -:

ऐसा सिस्टम जिसमें इंजन के पार्ट्स की ऊष्मा को निकालने के लिए या गर्म पार्ट्स को शीतलन करने के लिए भाप की गुप्त ऊष्मा का उपयोग किया जाता है ऐसे सिस्टम को वाष्पित्र शीतलन निकाय (Evaporative Cooling System) कहते हैं। इस सिस्टम को वाष्प या भाप शीतलन निकाय (Vapour/Steam Cooling System) भी कहते हैं।
वाष्प शीतलन निकाय में शीतलक हमेशा द्रव के रूप में ही रहता है और ऊष्मा हमेशा वाष्प के रूप में अलग पात्र में एकत्रित होती रहती है। इस सिस्टम में ठण्डे जल का तापमान 100℃ तक हो सकता है।


जल शीतलन प्रणाली (Water Cooling System) में उपयोग होने वाले मुख्य भाग/पार्ट्स (Parts) -:

●रेडिएटर

●वाटर पंप

●बेल्ट

●फैन (पंखा)

●होज

●वाटर जैकेट

●ऊपरी टैंक

●निचला टैंक


जल शीतलन प्रणाली के लाभ (Advantages of Water Cooling System in Hindi) -:

1) इस शीतलन प्रक्रम का उपयोग करने से शोरगुल कम होता है।

2) Water Cooling System की अयतानिक दक्षता वायु शीतलन सिस्टम की तुलना में अधिक होती है।

3) इस सिस्टम को इंजन पर कंही भी स्थापित किया जा सकता है।

4) वाटर कूलिंग सिस्टम का प्रयोग करने से ईंधन की खपत में सुधार करना पड़ता है।

5) Water Cooling System के द्वारा एक समान प्रत्येक क्षेत्र पर शीतलन हो जाता है।


जल शीतलन प्रणाली से हानि (Disadvantages of Water Cooling System in Hindi) -:

1) इस निकाय को अधिक रख-रखाव की आवश्यकता है।

2) अगर कभी यह Cooling System विफल हो जाता है तो अधिक क्षति हो जाती है।

3) इस सिस्टम को अगर सही तरीके से न लगाया जाए तो लीक होने की सम्भवना रहती है।

4) कूलिंग सिस्टम के प्रयोग करने से इंजन की दक्षता बढ़ जाती है।

5) इस सिस्टम की लागत खर्च अधिक आती है।


जल शीतलन प्रणाली के अनुप्रयोग (Applications of Water Cooling System in Hindi) -:

1) वाटर कूलिंग का उपयोग आंतरिक दहन वाले इंजन और औद्योगिक क्षेत्र में शीतलन करने के लिए किया जाता है।

2) पावर स्टेशन को ठंडा करने के लिए भी वाटर कूलिंग का ही प्रयोग किया जाता है।

3) भाप बिजली स्टेशन पर भी वाटर कूलिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है।

4) वाटर कूलिंग का प्रयोग करके ट्रांसमीटर का भी शीतलन किया जाता है।

5) इस सिस्टम का उपयोग सबसे अधिक ऑटोमोबाइल सेक्टर में किया जाता है।



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