वेल्डिंग जोड़ के परीक्षण (Testing of Welding Joints in Hindi) - प्रकार


हम किसी कार्यखंड को वेल्डिंग करते समय इसमें अलग-अलग भिन्न-भिन्न प्रकार की विधियों का प्रयोग करते हैं। ऐसा इसलिए करते हैं कि उनके द्वारा बनी हुई वेल्ड जोड़ सामर्थ्यवान हो, मजबूत हो और टिकाऊ हो। परन्तु हम यह कैसे जान सकते हैं कि हमने जो जोड़ बनाया है वह मजबूत, सामर्थ्यवान और टिकाऊ है। इसलिए जब हमें अपने द्वारा किए गए वेल्ड या अन्य के द्वारा किए गए वेल्ड की मजबूती, टिकाऊ और सामर्थ्य इत्यादि गुणों को जानना होता है तो वेल्ड किये गए जोड़ को वेल्डिंग परीक्षण से गुजारा जाता है।

अतः जब वेल्ड किए गए कार्यखंड का वेल्डिंग परीक्षण किया जाता है तो कार्यखण्ड में बने हुए वेल्ड जोड़ की मजबूती, सामर्थ्यता इत्यादि का पता चलता है। वेल्डिंग जोड़ो की सामर्थ्य को मापने के लिए अनेक परीक्षण की मानक विधियां हैं। जिनका प्रयोग करके हम वेल्ड किए गए जोड़ की सुरक्षा की गारंटी देते हैं।

वेल्डिंग जोड़ो का परीक्षण करके सामर्थ्य की सही-सही गणना की जाती है। इस परीक्षण के द्वारा जोड़ में उत्पन्न होने वाले वेल्डिंग दोष जैसे - फ्यूजन की कमी, स्लैग इंकलुजन, पैनीट्रेशन की कमी इत्यादि जैसे दोषो का पता लगाया जाता है।


वेल्डिंग परीक्षणों के प्रकार (Type of Welding Test) -:

वेल्डिंग जोड़ का परीक्षण करने वाले परीक्षणों को दो भागों में बांटा गया है -

1. भंजनात्मक परीक्षण विधि (Destructive Testing)

2. अभंजनात्मक परीक्षण विधि (Non-Destructive Testing)


1. भंजनात्मक परीक्षण विधि (Destructive Testing) -:

जब इस विधि का प्रयोग करके कार्यखंड के वेल्ड जोड़ का परीक्षण किया जाता है तो सबसे पहले कार्यखण्ड के वेल्ड जोड़ के नमूने लिए जाते हैं और उन्हें विशेष प्रकार से परीक्षण के लिए तैयार किया जाता है। अंतः उनका परीक्षण किया जाता है। इस परीक्षण में कार्यखंड के नमूने परीक्षण करते समय नष्ट हो जाते हैं या टूट जाते हैं, नमूने के टूटने या नष्ट होने के कारण इस परीक्षण विधि को भंजनात्मक परीक्षण विधि (Destructive Testing) कहते हैं। इस परीक्षण को विनाशकारी परीक्षण के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसमें नमूने नष्ट हो जाते हैं।


भंजनात्मक परीक्षण के प्रकार (Type of Destructive Testing) -:

इस परीक्षण को दो प्रकार के भागों में बांटा गया है -

१. कार्यशाला परीक्षण (Work-Shop Test) -

इस वेल्डिंग परीक्षण के द्वारा कार्यशाला में ही कार्यखंडों पर वेल्डिंग करने से पहले ही उसका निरीक्षण किया जाता है।


२. प्रयोगशाला परीक्षण (Laboratory Test) -

इस वेल्डिंग परीक्षण के द्वारा प्रयोगशाला में ही कार्यखंडों के नमूनों को लेकर निरीक्षण किया जाता है। इनका परीक्षण किया जाता है। इनको कई भागों में बांटा गया है।


2. अभंजनात्मक परीक्षण विधि (Non-Destructive Testing) -:

इस परीक्षण विधि में कार्यखंड के नमूनों को तोड़ने या नष्ट करने की आवश्यकता नहीं होती है इन्हें बिना तोड़े या नष्ट किए ही वेल्डिंग के दोषों का पता लगाया जाता है इस कारण इसे अविनाशकारी परीक्षण भी कहते हैं। इस परीक्षण विधि का प्रयोग करके कार्य खंड के 12 200 और आंतरिक दोषो का पता लगाया जाता है। जैसे - ब्लो होल्स, अंदरूनी दरार, स्लैग इन्क्लूजन आदि।


अभंजनात्मक परीक्षण के प्रकार (Type of Non-Destructive Testing) -:

यह कई प्रकार के होते हैं जिनके नाम निम्न हैं। आगे आने वाले पोस्टो में इनकी विस्तृत जानकारी दी जाएगी -

१. साधारण निरीक्षण (Visual Examination)

२. डाई पेनीट्रेशन परीक्षण (Dye Penetration Test)

३. लीक परीक्षण (Leak Test)

४. चुम्बकीय पार्टिकिल परीक्षण (Magnetic Particle Test)

५. पराश्रव्य परीक्षण (Ultrasonic Test)

६. रेडियोग्राफिक परीक्षण (Radiographic Test)



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