Machine Ke Asafal Hone Ke Sidhant in Hindi-Mechanical Engineering

मशीन के असफल होने के सिद्धांत (Machine failure principle in Hindi)

1) अधिकतम मुख्य प्रतिबल सिद्धांत या रैकीन सिद्धांत

2) अधिकतम कर्तन प्रतिबल सिद्धांत या कूलंब और गेस्ट सिद्धांत

3) अधिकतम विकृति ऊर्जा सिद्धांत



1) अधिकतम मुख्य प्रतिबल सिद्धांत या रैकीन सिद्धांत (Maximum principal stress theory या Rankine theory in Hindi)

इस सिद्धांत के आधार पर किसी भी बिंदु पर कोई पार्ट , तब असफल हो जाता है , जब उस बिंदु पर अधिकतम मुख्य प्रतिबल का मान पदार्थ के सरल तनाव परीक्षण में उसकी प्रत्यास्थता सीमा पर प्रतिबल से अधिक हो जाते हैं।

सूत्र-

अधिकतम मुख्य प्रतिबल  f1 > fe2

जंहा f1 = fx+fy/2 + 1/2 √[(fx-fy)^2 + 4q^2]


यंहा fx, fy = बिंदु क्रमशः x तथा y दिशाओ में लंब प्रतिबल

q = बिंदु पर कर्तन प्रतिबल

fe2 = प्रत्यास्थता सीमा पर प्रतिबल


इस सिद्धांत को हमेशा भंगुर पदार्थों के लिए प्रयोग किया जाता है क्योंकि कर्तन के कारण असफलता का ध्यान इस सिद्धांत में नहीं रखा गया है अतः इसका प्रयोग तन्य पदार्थों के लिए नहीं किया जाता है।



2) अधिकतम कर्तन प्रतिबल सिद्धांत या कूलंब और गेस्ट सिद्धांत (Maximum shear stress theory या Columb and guest theory in Hindi)

इस सिद्धांत के आधार पर किसी बिंदु पर कोई part तब असफल हो जाता है जब उस बिंदु पर अधिकतम कर्तन का मान मान , पदार्थ के सरल तनाव परीक्षण में उसकी प्रत्यास्थता सीमा पर अधिकतम कर्तन प्रतिबल के बराबर हो जाता है।

सूत्र-

q1 = qel

जंहा q1 = अधिकतम कर्तन प्रतिबल

q1 = f1 - f2 /2 = 1/2 √[(fx-fy)^2 + 4q^2]

f1 = अधिकतम मुख्य प्रतिबल

f2 = न्यूनतम मुख्य प्रतिबल

qel = प्रत्यास्थता सीमा पर अधिकतम कर्तन प्रतिबल

सरल तनाव में संपीडन परीक्षण में अधिकतम कर्तन प्रतिबल का मान अधिकतम लंब प्रतिबल का आधा होता है इसलिए-

q1 = f1-f2/2 = fel/2

या f1 - f2 = fe1

इस सिद्धांत का अधिकतम प्रयोग अन्य पदार्थों पदार्थों के लिए किया जाता है



3) अधिकतम विकृति ऊर्जा सिद्धांत (Maximum strain energy principle theory in Hindi)

किसी भी द्वि- अक्षीय प्रतिबल प्रणाली में किसी काट पर कोई पार्ट तब असफल हो जाता है , जब उसके प्रति इकाई आयतन में विकृति ऊर्जा का मान मान , पदार्थ के सरल तनाव परीक्षण में पराभव या चरम बिंदु चरम बिंदु पर विकृति के बराबर हो जाती है।

 👉पराभव बिंदु विकृती ऊर्जा / इकाई आयतन

इस सिद्धांत का उपयोग तन्य पदार्थ के लिए किया जाता है



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