एस्बेस्टस (Asbestos in Hindi) -:
यह प्राकृतिक रूप में पाया जाने वाला है रेशेदार खनिज पदार्थ होता है। इसके अंदर ऊष्मारोधी पदार्थ के गुण होते हैं। एस्बेस्टस की संरचना में कैल्शियम व मैग्नीशियम के सल्फेट और थोड़ी मात्रा में एलुमिना और आयरन ऑक्साइड उपस्थित होते हैं। सबसे अधिक एस्बेस्टस कनाडा में पाया जाता है।
एस्बेस्टस चादर की छत |
एस्बेस्टस कई रुपो में मिलते हैं जिनमें क्राईसोलाइट नामक एस्बेस्टस बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। जो अपने गुण के कारण व्यवसायिक दृष्टि से काफी मायने रखता है। क्योंकि क्राईसोलाइट एस्बेस्टस के रेशे काफी बारीक होते हैं और इसकी तनन सामर्थ्य, प्रत्यास्थता व लचीलापन भी अधिक होता है। इस एस्बेस्टस की कई और क्वालिटी पाई जाती है जो दक्षिणी अफ्रीका में पाए जाते हैं। यह एस्बेस्टस भंगुर होते हैं तो कहीं इनमें रेशों की भी कमी होती है।
एस्बेस्टस के गुण (Properties of Asbestos in Hindi) -:
1. इन ऊष्मारोधी पदार्थों का रंग सफेद, भूरा व बदामी होता है।
2. एस्बेस्टस का गलनांक 1200℃ से 1550℃ के बीच में होता है।
3. यह मुलायम होता है जिसे आसानी से काटा जा सकता है, छिद्र किया जा सकता है।
4. एस्बेस्टस का घर्षण गुणांक उच्च होता है।
5. इस पदार्थ की डाई इलेक्ट्रिक सामर्थ्य 4000 वोल्ट/मिमी है।
6. एस्बेस्टस अदहनशील व अग्निसह पदार्थ होता है व अम्लसह पदार्थ भी होता है।
7. इस पदार्थ का विशिष्ट गुरुत्व 3.3 से 3.6 तक होता है।
एस्बेस्टस के उपयोग (Uses of Asbestos in Hindi) -:
1. एस्बेस्टस का प्रयोग करके एस्बेस्टस पेन्ट का निर्माण किया जाता है।
2. इसका प्रयोग फाइबर पदार्थ रूप में सीमेंट के साथ किया जा सकता है।
3. एस्बेस्टस का उपयोग फ्यूज बॉक्स और स्विच बॉक्स में लाइनिंग पदार्थ के रूप में किया जाता है।
4. इसका उपयोग करके अग्निसह कपड़े और अग्निसह रस्से आदि बनाए जाते हैं।
5. मैग्नेटिक कॉइल को ढकने के लिए भी एस्बेस्टस के पदार्थ को प्रयोग में लाया जा सकता है।
6. बायलर में, भाप पाइप में, निकास पाइप में और भट्टियों में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
7. एस्बेस्टस का प्रयोग अधिक तापमान पर कार्य करने के लिए पैकिंग और गैसकीटो के निर्माण में किया जाता है।
8. एस्बेस्टस का उपयोग करके फायर प्रूफ सूट का निर्माण किया जाता है। जिसे पहनकर अग्नि बुझाने का कार्य किया जा सकता है।
9. एस्बेस्टस के पाउडर रूप में पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाया जाता है और उस पेस्ट को छोटी भट्टियों व बेयरिंग मेटल्स और शैल्स में बनी हुई दरारों और छिद्रों को भरने में किया जाता है।
10. एस्बेस्टस को मैग्निशियम कार्बोनेट और बाल/ऊन नमदा के साथ मिलाकर भाप की पाइपों के ऊपर, परत के रूप।में।लगाया जा सकता है।
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