अवसादन (Sedimentation) & निस्तारण (Decantation) किसे कहते हैं? इनकी सीमाएं

अवसादन (Sedimentation) & निस्तारण (Decantation) किसे कहते हैं? इनकी सीमाएं

अवसादन की परिभाषा (Definition of Sedimentation in Hindi) -:

जब किसी मिश्रण में जल मिलाया जाता है तो भारी अवयव नीचे तली में बैठ जाते हैं। भारी अवयव को नीचे तली में बैठ जाने की प्रक्रिया को अवसादन कहते हैं। जब किसी भी मिश्रण में जल को मिलाया जाता है तो मिश्रण में उपस्थित तत्व या अवयव धीरे-धीरे तली में बैठने लगते हैं और कुछ समय बाद पूरी तरब से नीचे तली में बैठ जाते हैं।

वे सभी कण जो बर्तन की तली में नीचे बैठ जाते हैं उन्हें अवसादी कण कहा जाता है और अवसादित कण के ऊपर शुद्ध द्रव को प्लावी द्रव कहते हैं।


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निस्तारण की परिभाषा (Definition of Decantation in Hindi) -:

जब अवसादित मिश्रण को बिना हिलाए, जल को एक दूसरे पात्र में उड़ने की प्रक्रिया निस्तारण कहलाती है। इस सिद्धांत का प्रयोग करके द्रवों के मिश्रण को पृथक करने किया जाता है। जो द्रव आपस में मिश्रित नहीं होते हैं उन पर यह सिद्धांत अच्छी तरह कार्य करता है। निस्तारण की विधि में जिस पृथकारी कीप को प्रयोग में लाया जाता है, उसमें भारी द्रव नीचे तली में बैठ जाता है जबकि हल्के दर ऊपरी परत पर तैरते रहते हैं। इस प्रकार हल्के व भारी द्रव अलग-अलग होते हैं। इस प्रक्रिया का प्रयोग करते हुए बीकर में पृथकारी कार्क को खोलकर भारी द्रव को निकाल लिया जाता है और हल्का द्रव कीप में ही रहने दिया जाता है।


अवसादन और निस्तारण की सीमाएं -:

अवसादन और निस्तारण विधि का प्रयोग प्रत्येक द्रव के लिए नहीं किया जा सकता है। इसकी भी कुछ सीमाएं हैं जो नीचे दी गई हैं -

1) अवसादन और निस्तारण विधि का प्रयोग ऐसे द्रवों के लिए नहीं कर सकते हैं, जो आपस में अच्छी तरह घुलनशील होते हैं अर्थात दो घुलनशील द्रवों के लिए यह विधि प्रयुक्त नहीं हो पाती है।

2) जब द्रव में ठोस अशुद्धियां घुली होती है तो अवसादन और निस्तारण विधि का प्रयोग करके ठोस अशुद्धियों को अलग नहीं किया जा सकता है।


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