रसायन विज्ञान का वर्गीकरण । Classification of Chemistry in Hindi

रसायन विज्ञान का वर्गीकरण । Classification of Chemistry in Hindi

रसायन विज्ञान को उसके प्रयोग के आधार पर निम्न प्रकार से बांटा गया है।

1. अकार्बनिक रसायन

2. कार्बनिक रसायन

3. भौतिक रसायन

4. वैश्लेषिक रसायन

5. जीव रसायन

6. औद्योगिक रसायन

7. औषधीय रसायन

8. नाभिकीय रसायन

9. कृषि रसायन

10. पर्यावरणीय रसायन

11. हरित रसायन

12. सैद्धांतिक रसायन


1. अकार्बनिक रसायन विज्ञान (Inorganic Chemistry) -:

कार्बन को छोड़कर शेष सभी तत्व और उनके यौगिकों का विस्तृत रूप से अध्ययन करना, अकार्बनिक रसायन (Inorganic Chemistry) कहलाता है। कार्बन की भांति ही बोरॉन, सिलिकन, जर्मेनियम आदि तत्व भी लगभग उसी प्रकार के विविध यौगिक बनाते हैं जिस तरह से कार्बन बनाता है। कुछ अकार्बनिक पदार्थ इतनी अधिक मात्रा में प्रयोग किए जाते हैं, जिसके कारण उनका नाम हैवी केमिकल्स पड़ गया है। हैवी केमिकल्स के नाम से निम्न पदार्थों को जाना जाता है-

सलफ्यूरिक अम्ल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, कॉस्टिक सोडा, सोडियम कार्बोनेट, अमोनियम लवण आदि।


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2. कार्बनिक रसायन विज्ञान (Organic Chemistry) -:

कार्बन और हाइड्रोजन के अणुओं वाले रासायनिक यौगिकों की संरचना गुणधर्म रासायनिक अभिक्रिया और उनके निर्माण आदि का वैज्ञानिक अध्ययन करना ही कार्बनिक रसायन कहलाता है। कार्बनिक रसायन के अंतर्गत प्रमुख रूप से कार्बन और हाइड्रोजन के अणुओं का अध्ययन किया जाता है परंतु कार्बनिक यौगिकों में कार्बन और हाइड्रोजन के अतिरिक्त अन्य डूबी हो सकते हैं जैसे - नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, हैलोजन, फॉस्फोरस, सिलिकॉन, सल्फर आदि के अणु।


3. भौतिक रसायन विज्ञान (Physical Chemistry) -:

रसायन विज्ञान की ऐसी शाखा जिसमें भौतिक अवधारणाओं के आधार पर रासायनिक प्रणालियों में घटित होने वाली घटनाओं का व्याख्या किया जाता है, उसे भौतिक रसायन कहते हैं। कहा जाता है कि की अविनाशिता के नियम के साथ ही भौतिक रसायन की उत्पत्ति हुई। 19वीं शताब्दी के लगभग अंत तक भौतिक रसायन को रसायन विज्ञान के अंतर्गत नहीं माना जाता था परंतु वांट हॉफ, विल्हेल्म ऑस्टवाल्ड और आरिनियस के कार्यें ने भौतिक रसायन की रूपरेखा निर्धारित कर दिया। इस प्रकार  वांट हॉफ, विल्हेल्म ऑस्टवाल्ड और आरिनियस के कार्य को मुख्यता रूप से भौतिक रसायन की उत्पत्ति माना जा सकता है।


4. वैश्लेषिक रसायन विज्ञान (Analytical Chemistry) -:

रसायन विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत प्राकृतिक एवं कृत्रिम पदार्थों में उपस्थित रासायनिक घटकों का परिष्करण, पहचान तथा प्रमात्रीकरण किया जाता है, ऐसे विज्ञान को वैश्लेषिक रसायन (Analytical chemistry) कहते हैं। रसायन विज्ञान में विश्लेषण शब्द का प्रयोग सबसे पहले रॉबर्ट बॉयल (Robert Boyle) नामक वैज्ञानिक ने किया था। उसने यह नाम तब दिया जब वो पदार्थों का संघटन ज्ञात कर रहा था।


वैश्लेषिक रसायन विज्ञान (Analytical Chemistry) के प्रकार -

इस विज्ञान को दो प्रकार से बांटा गया है।

१) गुणात्मक विश्लेषण (Qualitative analysis) - गुणात्मक विश्लेषण के अंतर्गत किसी नमूने में उपस्थित घटकों की पहचान की जाती है।

२)  मात्रात्मक विश्लेषण (quantitative analysis) - मात्रात्मक विश्लेषण के अंतर्गत किसी नमूने में उपस्थित घटकों की मात्रा निर्धारित की जाती है।


5. जीव रसायन विज्ञान  (Bio-chemistry) -:

रसायन विज्ञान की वह शाखा जो पेड़ पौधों, जानवरों तथा जैव प्रक्रम का अध्ययन कराती है और उसके विषय में जानकारी देती है उसे जीव रसायन (Biochemistry) कहते हैं।


6. औद्योगिक रसायन विज्ञान (Chemical Industry) -:

औद्योगिक रसायन, रासायनिक विज्ञान की एक ऐसी शाखा है जिसमें औद्योगिक रसायनों का उत्पादन किया जाता है। यह उद्योग कच्चे माल को विभिन्न उत्पादों में परिवर्तित कर देते हैं। कच्चे माल को उत्पाद में परिवर्तित करने के लिए कंपनी में कई विभिन्न प्रकार के मशीनों का उपयोग किया जाता है जो कच्चे माल को धीरे-धीरे प्रोसेस करते हुए उत्पाद में बदल देते है।


7. औषधीय रसायन विज्ञान (Medicinal Chemistry) -:

रासायनिक विज्ञान की वह शाखा जिसमें औषधि, दवाओं का वैज्ञानिक तरीके से उत्पादन किया जाता है और नई नई बीमारियों के लिए नई-नई दवाएं बनाई जाती हैं ऐसे विज्ञान को औषधीय रसायन विज्ञान कहते हैं।


8. नाभिकीय रसायन विज्ञान (Nuclear Chemistry) -:

रसायन विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत रेडियोसक्रियता, नाभिकीय प्रक्रम तथा नाभिकीय गुणधर्मों का अध्ययन किया जाता है, ऐसे रसायन विज्ञान को नाभिकीय रसायन (Nuclear Chemistry) कहते हैं।

नाभिकीय रसायन विज्ञान के अन्तर्गत ऐक्टिनाइडों और रेडियम, रेडॉन आदि रेडियोसक्रिय तत्त्वों के रसायनविज्ञान के अलावा, नाभिकीय रिएक्टर से सम्बन्धित रसायन विज्ञान का अध्ययन किया जाता है।


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9. कृषि रसायन विज्ञान (Agricultural Chemistry)-:

रसायन विज्ञान की वह शाखा , जिसका संबन्ध कृषि से होता है और इसमें कृषि से संबंधित रसायनों का अध्ययन किया जाता है ऐसे रसायन विज्ञान को कृषि रसायन (Agricultural Chemistry) कहते हैं। इस रसायन विज्ञान के अंर्तगत रसायन और जैवरसायन दोनो का अध्ययन किया जाता है।


10. पर्यावरणीय रसायन विज्ञान (Environmental Chemistry) -:

रसायन विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत प्रदूषण के प्रभाव प्रदूषण में कमी और प्रदूषण को संतुलित करने का अध्ययन किया जाता है उसे  पर्यावरणीय रसायन (Environmental Chemistry) कहते हैं। इस विज्ञान के अंतर्गत पर्यावरण में होने वाले प्रदूषण, हवा, पानी और मिट्टी के वातावरण पर रिसर्च किया जाता है और उनका प्राकृतिक पर्यावरण व मानव शरीर व जव जन्तुओ पर क्या प्रभाव पड़ता है इसका अध्ययन किया जाता है। पर्यावरण रसायन शास्त्र सामाजिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण और मायने रखता है।


11. हरित रसायन विज्ञान (Green Chemistry) -:

रसायन विज्ञान की वह शाखा, जिसमें रसायन उद्योग में उत्पन्न हो रहे विनाशकारी बदलाव को कम करने और प्राप्त रासायनिक उत्पादों को अच्छा और उपयोगी बनाने की कोशिश की जाती है और साथ-साथ धरती और पर्यावरण को रसायन के दुष्प्रभाव से बचाने का अध्ययन किया जाता है ऐसे विज्ञान को हरित रसायन (Green Chemistry) कहते हैं।

हरित रसायन रसायन विज्ञान में उपस्थित सभी शाखाओं को प्रभावित करती है यह पर्यावरण रसायन की तरह नहीं होती है क्योंकि पर्यावरण रसायन में केवल पर्यावरण में हो रहे रासायनिक बदलाव और गतिविधियों तथा पर्यावरण प्रदूषण का अध्ययन किया जाता है जबकि इसमें पूरे धरती पर हो रहे रासायनिक क्रियाओं का अध्ययन करके प्रदूषण को कम करने का प्रयास किया जाता है और उनके दुष्प्रभाव से बचाया जाता है।


12. सैद्धान्तिक रसायन विज्ञान (Theoretical Chemistry) -:

रसायन विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत अणुओं से संबंधित रासायनिक और भौतिक प्रेक्षणों की व्याख्या की जाती है उसे सैद्धान्तिक रसायन (Theoretical Chemistry) कहते हैं। सैद्धान्तिक रसायन के अन्तर्गत, भौतिकी के मूलभूत नियम, कूलॉम-नियम, गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा, प्लांक का नियम, पाउली अपवर्जन नियम आदि का विस्तृत अध्ययन किया जाता है।


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