पैटर्न (Pattern) क्या है? प्रकार

पैटर्न/प्रतिरूप (Pattern in Hindi) -:

कास्टिंग प्रक्रिया करने हेतु मोल्ड के लिए बनाये गए आकृति व आकार के प्रतिरूप को ही पैटर्न (Pattern) कहते हैं। कास्टिंग प्रोसेस में पैटर्न का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। कास्टिंग की गुणवत्ता पैटर्न के डिजाइन, मटेरियल और उसके बनावट पर निर्भर करता है।

पैटर्न का डिजाइन बनाते समय उनकी बीमाओ में अलग-अलग प्रकार का छूट (Allowances) किया जाता है। किसी भी पैटर्न को बनाते समय उसमें इसलिए छूट किया जाता है ताकि बनाया गया पैटर्न, इच्छानुसार प्राप्त करने वाले कार्यखंड से छोटा ना बन जाए।


पैटर्न (Pattern in Hindi) क्या है? प्रकार

पैटर्न का डिजाइन बनाते समय पहले निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करना चाहिए -

●किस प्रकार की कास्टिंग करनी है और वह धातु कैसी है।

●कास्टिंग किए गए सतह की फिनिशिंग अच्छी होगी कि नहीं होगी।

●अधिक उत्पादन करना है या कम उत्पादन करना उसी के हिसाब से पैटर्न बनाया जाता है।

●कोर बॉक्स का डिजाइन भी आकलन किया जाता है।

●मोल्ड का डिजाइन तय करते समय कहीं उसमें लूज पीस की समस्या ना आ जाए।

●पैटर्न का डिजाइन बनाते समय उसमें आवश्यकता अनुसार छूट की जानी चाहिए।

●पिघली धातु को डालने के लिए गेटिंग इत्यादि जैसे बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए।


पैटर्न के प्रकार (Type of Pattern in Hindi) -:

1. ठोस या एक खण्डीय प्रतिरूप (Solid or One Piece Pattern)

2. विभक्त प्रतिरूप (Split Pattern)

3. बहुपीस प्रतिरूप (Multipiece Pattern)

4. फोलो-बोर्ड पैटर्न (Follow Board Pattern)

5. कोप तथा ड्रैग पैटर्न (Cope and Drag Pattern)

6. द्वार युक्त प्रतिरूप (Gated Pattern)

7. प्लेट-युक्त प्रतिरूप (Plated Pattern or Match Plate Pattern)

8. पन्जर प्रतिरूप (Skeleton Pattern)

9. लूजपीस पैटर्न (Loose Piece Pattern)

10. स्वीप पैटर्न (Sweep Pattern)


1. ठोस या एक खण्डीय प्रतिरूप (Solid or One Piece Pattern) -:

ऐसे पैटर्न जो एक ही पीस में बनाए जाते हैं और ठोस होते हैं उन्हें ठोस या एक खण्डीय प्रतिरूप (Solid or One Piece Pattern) कहते हैं। यह पैटर्न बनाने में जटिल होते हैं इसलिए इनको अलग-अलग भागों में बनाया जाता है।

ये पैटर्न अलग-अलग भागों में तो बनते हैं, परंतु हमेशा के लिए एक साथ जोड़ दिए जाते हैं जिससे एक खंड के रूप में तैयार हो जाते हैं। इस पैटर्न को बनाने के लिए इच्छा अनुसार अलाउंसेज और कोर प्रिंट रखा जाता है। इस में प्रयोग होने वाले गेट व राइजर को हाथ से ही बनाया जाता है।


2. विभक्त प्रतिरूप (Split Pattern) -:

ऐसे पैटर्न जिसको बनाने के लिए दो भागों में बांटकर बनाया जाता है इस प्रकार के पैटर्न को विभक्त प्रतिरूप (Split Pattern) कहते हैं। जब इस पैटर्न को दो भागों में अलग-अलग बनाया जाता है तो कास्टिंग को ध्यान में रखा जाता है। पैटर्न के दोनों भाग जहां पर आकर मिलते हैं उन्हें पार्टिंग सरफेस कहते हैं। पैटर्न के दोनों भागों को आपस में जोड़ने के लिए डावल पिनों (Dowel Pin) का प्रयोग किया जाता है। यह डावल पिन (Dowel Pin) इस प्रकार बनाए गए होते हैं कि पैटर्न को आसानी से खोला जा सके और बंद भी किया जा सके। मोल्ड को बनाने के लिए पैटर्न के दोनों भाग में से एक को कोप और दूसरे को ड्रैग कहते हैं।


3. बहुखण्ड प्रतिरूप (Multipiece Pattern) -:

जटिल कास्टिंग को करने के लिए पैटर्न का निर्माण तीन या तीन से अधिक भागों में किया जाता है और बाद में आपस में जोड़ दिया जाता है। जिसे बहुखंडीय प्रतिरूप (Multipiece Pattern) कहते हैं। कई भागों में तैयार होने वाले हैं यह भाग बॉडी के वास्तविक भाग होने के साथ-साथ लूज पीस, हब या लूज कोर प्रिंट के भाग हो सकते हैं। इस पैटर्न को भी आपस में जोड़ने के लिए डावल पिनों का प्रयोग किया जाता है।


4. फोलो-बोर्ड पैटर्न (Follow Board Pattern) -:

ऐसे पैटर्न जिनको सीधे-सीधे मोल्ड नहीं किया जा सकता है और वह कोई निश्चित विभाजन रेखा नहीं रखते हैं इस प्रकार के पैटर्न को फोलो-बोर्ड पैटर्न (Follow Board Pattern) कहते हैं। इस पैटर्न को बनाने के लिए इसको फ्लो-बोर्ड पर लगाया जाता है और इसी पर मोल्ड के ड्रैग का पार्ट बनाया जाता है। इस पैटर्न को हार्ड सैंड या प्लास्टर से बनाया जाता है।


5. कोप तथा ड्रैग पैटर्न (Cope and Drag Pattern) -:

इस पैटर्न को बनाने के लिए मोल्डिंग मशीन पर दोनों को अलग-अलग मोल्ड किया जाता है और उसके बाद गाइड पिनों का प्रयोग करते हुए कोप (Cope) तथा ड्रैग (Drag) भाग को मिलाया जाता है। कोप और ड्रैग को दो अलग-अलग प्लेटों पर फिक्स करके इसका निर्माण किया जाता है।


6. द्वार युक्त प्रतिरूप (Gated Pattern) -:

जब बहुत अधिक मात्रा में छोटे पार्ट का उत्पादन करना होता है तो द्वार युक्त प्रतिरूप (Gated Pattern) का प्रयोग किया जाता है। यह पैटर्न भी छोटे होते हैं जिनको गेट और रनर की सहायता से आपस में जोड़कर एक बड़ा सा पैटर्न बना लिया जाता है और पिघली हुई धातुओं को एक ही बार में इसमें गिराकर अधिक से अधिक पुर्जो का उत्पादन कर लिया जाता है। जब कई छोटे छोटे पैटर्न आपस मे रनर और गेट की सहायता से जोड़ लिए जाते हैं तो प्रत्येक पैटर्न में पिघली हुई धातु को नही डालना पड़ता है गेट के माध्यम से पिघली धातु डाल देने पर रनर के माध्यम से प्रत्येक पैटर्न में पिघली धातु आसानी से पहुंच जाती है और इस प्रकार हम एक ही बार में बहुत सारे छोटे छोटे पुर्जों का निर्माण कर लेते हैं।


7. प्लेट-युक्त प्रतिरूप (Plated Pattern or Match Plate Pattern) -:

किसी प्लेट के दोनों ओर जब स्पिल्ट पैटर्न को पेंचों के द्वारा कस दिया जाता है तो यह प्लेट-युक्त प्रतिरूप (Plated Pattern or Match Plate Pattern) कहा जाता है। किसी बड़े प्लेट पर कई सारे पैटर्न जोड़े जा सकते हैं और इसमें आवश्यकता अनुसार गेट और रनर भी लगाए जा सकते हैं। इस पैटर्न की प्रारंभिक लागत तो अधिक होती है परंतु कास्टिंग करने की लागत बहुत कम आती है


8. पन्जर प्रतिरूप (Skeleton Pattern) -:

बहुत बड़ी ढलाईयों को करने के लिए उसमें लगने वाले पैटर्न भार अधिक हो जाता है। इसलिए पन्जर प्रतिरूप/पैटर्न (Skeleton Pattern) को खोखला बनाया जाता है। जब इस पैटर्न का निर्माण किया जाता है तो इसमें लकड़ी की पट्टीकाये लगाई जाती हैं। इस पैटर्न को बनाने में कंटूर और आकार का ध्यान रखना जरूरी होता है। पैटर्न की सतह को चिकना बनाने के लिए निर्माण करते समय रेत और ग्रेफाइट का लेप कर दिया जाता है।


9. लूजपीस पैटर्न (Loose Piece Pattern) -:

कुछ प्रतिरूपों के आकार में इतनी विशेषता होती है कि उनके पैटर्न का निर्माण करते समय, उस पैटर्न को लूज फिट रखा जाता है। इन्हीं पैटर्न लूज पीस पैटर्न (Loose Piece  Pattern) कहते हैं। कुछ जटिल आकार के मोल्ड को बनाने के बाद जब पैटर्न को बाहर निकाला जाता है तो इसका लूज पीस उसमें फंसा रह जाता है। इस फंसने वाले लूज पीस को एक विशेष औजार के द्वारा बाहर निकाला जाता है।


10. स्वीप पैटर्न (Sweep Pattern) -:

ऐसे पैटर्न जो सॉलिड आफ रिवोल्यूशन जैसे मोल्ड का निर्माण करने की क्षमता रखते हैं उसे स्वीप पैटर्न (Sweep Pattern) कहते हैं। किसी प्लेन को किसी अक्ष के विरुद्ध घुमाने पर जो आकृति बनती है उसे ही सॉलिड ऑफ रिवोल्यूशन कहते हैं।

इस पैटर्न का उपयोग बहुत बड़ी ढलाईयों के लिए किया जाता है परंतु यह पैटर्न सस्ते और हल्के होते हैं।


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