जिला पंचायत क्या है? सदस्यो का निर्वाचन, कार्य, आय के साधन

जिला पंचायत (zila Panchayat) -:

प्रत्येक जिले में एक जिला पंचायत होती है। जिसमें एक जिला पंचायत अध्यक्ष होता है और बाकी जिला पंचायत सदस्य होते हैं। जिला पंचायत सदस्य का चुनाव ग्राम सभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है। ग्राम सभा के सदस्य जिला पंचायत सदस्य को वोटिंग करके चुनते हैं।

जिला पंचायत क्या है? सदस्यो का निर्वाचन, कार्य, आय के साधन

इस प्रकार ग्राम सभा के माध्यम से जिला पंचायत सदस्य बनते हैं परंतु क्षेत्र पंचायत के ब्लाक प्रमुख भी जिला पंचायत के सदस्य होते हैं और जिले के सभी सांसद और विधायक भी जिला पंचायत के सदस्य होते हैं। इस प्रकार जिला पंचायत सदस्य उस जिले के सभी सांसद, सभी विधायक और उसे जिले से जीतने वाले सभी जिला पंचायत सदस्य और उस जिले में उपस्थित सभी क्षेत्र पंचायत के ब्लाक प्रमुख जिला पंचायत के सदस्य कहलाते हैं।

जिले के मुख्य विकास अधिकारी जिसे सी.डी.ओ. कहा जाता है, वह जिला पंचायत के सचिव होते हैं। जिला पंचायत के अध्यक्ष का चयन जिला पंचायत के सदस्य द्वारा किया जाता है।


जिला पंचायत सदस्यो का निर्वाचन व चुनाव -:

1. जिला पंचायत के सदस्यों को 5 वर्ष के लिए नामित किया जाता है।

2. जिला पंचायत का सदस्य बनने के लिए उम्मीदवार की आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए।

3. जिला पंचायत के सभी सदस्य क्षेत्र पंचायत के भी सदस्य हो सकते हैं।

4. जिला पंचायत सदस्य के लिए कुछ महिलाओं की सीट आरक्षित होती है जिन पर कोई भी पुरुष चुनाव नहीं लड़ सकता है।

5. ग्राम सभा के सभी सदस्यों द्वारा जिला पंचायत के सदस्यों का चयन किया जाता है।



जिला पंचायत के कार्य -:

1. जिला पंचायत छोटी-छोटी समितियां बनाकर ब्लाक/विकासखंड के कार्यों की निगरानी करता है।

2. जिला पंचायत प्रत्येक तीन माह पर एक बैठक अवश्य करवाती है।

3. जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत के कार्यों को निगरानी रखने के साथ-साथ उसका सर्वेक्षण भी करवाती है।

4. शिक्षा समिति भूमि विकास समिति, सिंचाई व्यवस्था समिति इत्यादि अनेक समिति मिलकर जिले के सभी विकास खंडों में कार्यों की देखभाल करते हैं और उसकी निगरानी करते हैं।



जिला पंचायत के आय के साधन -:

1. भूमि का कर वसूलने का कार्य जिला पंचायत के द्वारा किया जाता है, जिसके फलस्वरूप वह धन इकट्ठा करती है।

2. जिला पंचायत को सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता भी प्राप्त होता है।

3. जिला पंचायत के द्वारा मेले और प्रमुख बाजारों से वसूली भी की जाती है।

4. जिला पंचायत अपने जिले में पड़ने वाली सभी दुकानों से लाइसेंस शुल्क वसूल करती है।


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