निर्मलीकरण (Normalising Process in Hindi) -:
यह ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी धातु के उच्च क्रांतिक तापमान से 30 से 50℃ तक और गर्म किया जाता है और इसी तापमान पर उसको अधिक समय के लिए छोड़ देते हैं। बाद में उस धातु को भट्टी में से निकाला जाता है और वायु के माध्यम से ठंडा किया जाता है। इस प्रकार की प्रक्रिया को निर्मलीकरण (Normalising Process) कहते हैं।
इस विधि द्वारा स्टील का भी निर्मलीकरण किया जाता है। सर्वप्रथम स्टील को उसके ऊंचे क्रांतिक ताप तक गर्म किया जाता है और उच्च क्रांतिक ताप आने पर इसको 30 से 50℃ तक और अधिक गर्म करते हैं। अब इसको, इसी ताप पर अधिक समय के लिए भट्ठी में ही छोड़ देते हैं। भट्ठी में छोड़ने के बाद इसको काफी समय बाद निकाला जाता है। अब इसको हवा के माध्यम से ठंडा करते हैं। इस प्रकार स्टील का निर्मलीकरण हो जाता है।
निर्मलीकरण प्रक्रम के लाभ/उदेद्श्य (Advantages of Normalising in Hindi) -:
1) निर्मलीकरण करने के बाद धातु में जो रेशे होती हैं उनकी संरचना पूर्ण रूप से बारीक हो जाती है।
2) इस विधि के बाद धातु का चिमड़पन बढ़ जाता है।
3) निर्मलीकरण करने के बाद मीडियम कार्बन स्टील के सामर्थ्य में वृद्धि हो जाती है।
4) इस प्रकम के बाद धातु की मशीनिंग योग्यता बढ़ जाती है।
5) जिस धातु पर निर्मलीकरण किया जाता है उसके संरचना में रेशे गोलाकार हो जाते हैं।
6) निर्मलीकरण करने के बाद धातु के आंतरिक प्रतिबल खत्म हो जाते हैं।
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