2 Stroke Engine क्या है? Diesel Engine & Petrol Engine in Hindi

इस पोस्ट में 2 Stroke Engine के बारे में जानकारी देने के साथ 2 Stroke Diesel Engine और 2 Stroke Petrol Engine के बारे में बताया गया है। 2 स्ट्रोक इंजन के सिद्धांत पर ही 2 स्ट्रोक डीजल इंजन औए 2 स्ट्रोक पेट्रोल इंजन आधारित होता है। हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि कितने स्ट्रोक में ईंधन का दहन होता है और किन-किन प्रक्रम का उपयोग किया जाता है।


दो स्ट्रोक इंजन (What is Two stroke engine in hindi) -:

ऐसा इंजन, जिसमें पिस्टन के 2 स्ट्रोक या क्रैंक के एक चक्कर लगाने पर कार्यकारी चक्र पूरा हो जाता है, इस प्रकार के इंजन को दो स्ट्रोक इंजन (2 Stroke Engine) कहते हैं। 2 स्ट्रोक इंजन एक प्रकार का अन्तर्दहन दहन इंजन (IC) है जो क्रैंकशाफ्ट के द्वारा एक ही चक्कर अर्थात पिस्टन के दो चक्कर लगाने पर ऊर्जा-परिवर्तन का एक पूरा चक्र पूर्ण कर लेता है। जब क्रैंक एक चक्कर लगाता है तो वह 0° से 360° तक घूमता है।

2 स्ट्रोक इंजन में चूषण स्ट्रोक और संपीडन स्ट्रोक ,पिस्टन द्वारा एक  स्ट्रोक लगाता है तो यह पूरे हो जाते हैं अर्थात जब क्रैंक 0° से 180° घूमता है तो चूषण स्ट्रोक और संपीडन स्ट्रोक पूरा हो जाता है।

ठीक इसी प्रकार जब पिस्टन दूसरा स्ट्रोक लगाया जाता है तो प्रसारण स्ट्रोक और निकास स्ट्रोक पूर्ण हो जाता हैं।  प्रसारण स्ट्रोक और निकास स्ट्रोक के दौरान क्रैंक 180° से 360° तक घूमता है।

हम जानते हैं कि 4 स्ट्रोक इंजन में वाल्व का प्रयोग किया जाता है परंतु 2 स्ट्रोक इंजन में वाल्व और वाल्व स्प्रिंग का उपयोग नहीं किया जाता है बल्कि वाल्व के स्थान पर द्वार (Ports) का प्रयोग किया जाता है।

2 स्ट्रोक इंजन के विकास में ब्रिटिश इंजीनियर डूगल्स क्लार्क का नाम सबसे पहले आता है।


2 स्ट्रोक पेट्रोल इंजन (Two Stroke Petrol Engine in Hindi) -:

2 स्ट्रोक पेट्रोल इंजन में ईंधन के रूप में पेट्रोल का प्रयोग किया जाता है। 2 स्ट्रोक पेट्रोल इंजन में वाल्व उपयोग किए नही जाते हैं बल्कि उनके स्थान पर Ports का इस्तेमाल किया जाता है। यह Ports इंजन में तीन प्रकार के होते हैं। ये तीनो द्वार (Ports) पेट्रोल इंजन में लगे होते हैं।

यह 3 पोर्ट निम्न है -

१. प्रवेश द्वार (Inlet Ports)

२. निकास द्वार (Exhaust Ports)

३. अंतरण द्वार (Transfer Ports)


2 Stroke Engine । Diesel Engine & Petrol Engine in Hindi



2 स्ट्रोक पेट्रोल इंजन द्वारा ईधन को दहन करने के लिए जो प्रक्रम किए जाते हैं वे निम्नलिखित हैं -

1. चूषण स्ट्रोक और संपीडन स्ट्रोक (Suction and Compression Stroke)

2. प्रसारण स्ट्रोक और निकास स्ट्रोक (Expansion and Exhaust Stroke)


1. चूषण स्ट्रोक और संपीडन स्ट्रोक (Suction and Compression Stroke) -

यह पहला स्ट्रोक होता है जिसमें, 2 स्ट्रोक पेट्रोल इंजन में पिस्टन पहला स्ट्रोक करते हुए BDC से TDC की ओर चलता है इसी दौरान Transfer Ports और Inlet Ports खुल जाते हैं और क्रैंक केस में से पेट्रोल और वायु का मिश्रण वाला ईंधन Inlet Ports से Transfer Ports होते हुये इंजन सिलिंडर में चला जाता है। और अब जैसे ही पिस्टल ऊपर की ओर बढ़ता है, Transfer Ports और Inlet Ports, Exhaust Ports बंद हो जाते हैं। इस प्रकार पिस्टन की ऊपरी गति के कारण ईंधन का संपीडन होने लगता है।


2. प्रसारण स्ट्रोक और निकास स्ट्रोक (Expansion and Exhaust Stroke) -

यह दूसरा स्ट्रोक होता है, जिसमे 2 स्ट्रोक पेट्रोल इंजन में जब संपीडन स्ट्रोक पूर्ण होने लगता है और पिस्टन TDC पर पहुंचता है तो Spark Plug से एक चिंगारी उत्पन्न होती है और इसी चिंगारी के कारण ईंधन का दहन होने लगता है। जब ईधन का दहन होता है तो दहन होने से गैस का दाब और तापमान बढ़ जाता है। उच्च दाब के कारण पिस्टन नीचे की ओर चलने लगता है जिससे गैसों का प्रसारण होता है।

जब पिस्टन नीचे की ओर चलते हुए पहुंचता है तो निकास द्वार खुलने लगता है और इंजन सिलेंडर के अंदर की दहन से उत्पन हुई गैसे से निकास द्वार से बाहर निकल जाती हैं।

इस प्रकार एक कार्य चक्र पूर्ण होता है और इंजन सिलिंडर पुनः दूसरे के लिए तैयार हो जाता है।


2 स्ट्रोक डीजल इंजन (Two Stroke Diesel Engine in Hind) -:

2 स्ट्रोक डीजल इंजन में ईंधन के रूप में डीजल का प्रयोग किया जाता है। 2 स्ट्रोक डीजल इंजन में वाल्व उपयोग किए नही किया जाता हैं बल्कि उनके जगह पर द्बार (Ports) का प्रयोग किया जाता है। ये तीनो द्वार (Ports) पेट्रोल इंजन में लगे होते हैं।

तीनो पोर्टस के नाम निम्न है -

१. प्रवेश द्वार (Inlet Ports)

२. निकास द्वार (Exhaust Ports)

३. अंतरण द्वार (Transfer Ports)


2 Stroke Engine क्या है? Diesel Engine & Petrol Engine
2 Stroke Diesel Engine


2 स्ट्रोक डीजल इंजन द्वारा ईधन को दहन करने के लिए जो प्रक्रम किए जाते हैं वे निम्नलिखित हैं -

1. चूषण स्ट्रोक और संपीडन स्ट्रोक (Suction and Compression Stroke)

2. प्रसारण स्ट्रोक और निकास स्ट्रोक (Expansion and Exhaust Stroke)


1. चूषण स्ट्रोक और संपीडन स्ट्रोक (Suction and Compression Stroke) -

यह पहला स्ट्रोक होता है, जिसमे 2 स्ट्रोक डीजल इंजन में पिस्टन पहला स्ट्रोक करते हुए BDC से TDC की ओर चलता है इसी दौरान Transfer Ports और Inlet Ports खुल जाते हैं और क्रैंक केस में से वायु Inlet Ports से होते हुए Transfer Ports के रास्ते इंजन सिलिंडर में चला जाता है। और जैसे ही पिस्टन ऊपर की ओर बढ़ता है, Transfer Ports और Inlet Ports बंद हो जाते हैं। इस प्रकार पिस्टन की ऊपरी गति के कारण वायु का संपीडन होने लगता है।


2. प्रसारण स्ट्रोक और निकास स्ट्रोक (Expansion and Exhaust Stroke) -

यह दूसरा स्ट्रोक होता है जिसके दौरान सबसे पहले इंजेक्टर की सहायता से डीजल को फुहार के रूप में इंजन सिलिंडर में डालते हैं। उच्च संपीडन अनुपात होने के कारण डीजल और वायु का मिश्रण स्वतः अपने आप जलने लगता है, जिसे स्वतः ज्वलन प्रक्रम (Auto Ignition Process) कहते हैं।

जब ईधन का दहन होने लगता है तो सिलिंडर के अंदर का तापमान और दाब बढ़ जाता है। तापमान और दाब बढ़ने के कारण पिस्टन TDC से BDC की ओर चलने लगता है। पिस्टन की गति के कारण, जब पिस्टन BDC की ओर बढ़ता है तो निकास द्वार (Exhaust Ports) खुलने लगता है और सिलिंडर में बची हुई गैसे निकास द्वार के माध्यम से बाहर निकाल दी जाती हैं।



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