ज्वाला (Flame) किसे कहते हैं? गैस वेल्डिंग फ्लेम

ज्वाला (Flame) क्या है? Flame Definition in Hindi

जलने वाले पदार्थों (ज्वलनशील पदार्थों) को जब जलाया जाता है तो वेल्डिंग टॉर्च के टिप पर दिखाई देने वाली गैसीय अवयव को ज्वाला या फ्लेम (Flame) कहते हैं।

उदाहरण - दीपक की टिप पर ज्वाला, किसी ईंधन की टिप पर ज्वाला, वेल्डिंग टॉर्च की टिप पर ज्वाला इत्यादि।

ऑक्सी एसिटिलीन द्वारा गैस वेल्डिंग करने के लिए एसिटिलीन गैस को वेल्डिंग टॉर्च की टिप पर ऑक्सीजन और वायु की सहायता से जलाकर उष्मा प्राप्त किया जाता है। ईंधन गैस को जब जलाया जाता है तो ईंधन गैस वेल्डिंग टॉर्च की टिप पर एक ज्वाला का रूप ले लेती है।

गैस वेल्डिंग में प्रयोग होने वाले ऑक्सीजन वायु और एसिटिलीन गैस आपस में भिन्न-भिन्न अनुपातों में मिलकर विभिन्न प्रकार की ज्वालाएँ (Flames) बनाते हैं।

ऑक्सीजन गैस और एसिटिलीन गैस से बनने वाली ज्वाला को ऑक्सी एसिटिलीन ज्वाला कहते हैं। इस ज्वाला का अधिकतम तापमान 3100℃ से 3300℃ तक होता है। एसिटिलीन गैस, वेल्डिंग टॉर्च के अंदर ऑक्सीजन से मिलती है तो जलती है। और बाद में जब वायुमंडलीय वायु से मिलकर भी जलती है। इस प्रकार जब एसिटिलीन गैस ऑक्सीजन से मिलकर जलती है तो 107.58kcal/g-mole की ऊष्मा उत्पन्न होती है तथा वायुमंडलीय वायु जब एसिटिलीन गैस से मिलकर जलती है तो 203.57kcal /g-mole की ऊष्मा उत्पन्न होती है।


आकार के आधार पर फ्लेम (Flame) के भाग

ज्वाला को 3 भागो में बांटा गया है-

1. भीतरी भाग (Inner Luminous Cone)

2. मध्य भाग (Intermediate Zone)

3. बाहरी भाग (Outer Zone)


ज्वाला (Flame) किसे कहते हैं? गैस वेल्डिंग फ्लेम
Flame

1. भीतरी भाग (Inner Luminous Cone in Hindi)

Flame का वह स्थान जहां एसिटिलीन तथा ऑक्सीजन का मिश्रण वेल्डिंग टॉर्च की टिप में से निकलकर जलता है। तो टिप के पास जलने वाले फ्लेम की हो भीतरी भाग (Inner Luminous Cone) कहते हैं।

Inner Cone का रंग हल्का नीला होता है और इस भाग का तापमान 2760 ℃ से 3480 ℃ तक होता है। Inner Cone के सबसे आगे वाले भाग का तापमान 3480 ℃  होता है और सबसे पीछे वाले भाग का तापमान 2760 ℃ होता है। वेल्डिंग करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि Inner Cone बेस मेटल को ना  छू पाये अन्यथा Base Matel पूरी तरह से गल जाएगा।


2. मध्य भाग (Intermediate Zone in Hindi)

भीतरी भाग (Inner Cone) और बाहरी भाग (Outer Zone) के बीच वाली भाग को मध्य भाग (Intermediate Zone) कहते हैं। इस भाग में एसिटिलीन गैस पूरी तरह से जलती है Intermediate Zone का रंग सफेद होता है। इस भाग में कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन के Reduction की प्रक्रिया होती है तथा ताप उत्पन्न होता है। इस भाग में सबसे अधिक तापक्रम 2090℃ होता है।


3. बाहरी भाग (Outer Zone in Hindi)

यह Flame का सबसे बाहरी भाग अर्थात आगे वाला भाग होता है। Intermediate Zone में जितने भी अवशेष बनते हैं उनका ज्वलन वायुमंडल में ऑक्सीजन के द्वारा बाहरी भाग (Outer Zone) में होता है। यह फ्लेम का वह भाग है जहां पर ज्वलन क्रिया पूरी तरह से संपूर्ण हो जाती है। इस भाग का तापमान 2000℃ से 2400℃ तक होता है।



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