राजभाषा के रूप में हिंदी के विकास का क्रम

राजभाषा हिंदी का विकास


1) जिस भाषा में शासन का कामकाज होता है उस भाषा को राजभाषा कहा जाता है। जैसे - अशोक के समय में पाली को राजभाषा माना जाता था।

2) राजस्थान में 11 वी से 15 वी शताब्दी के बीच हिंदी-मिश्रित-संस्कृत राजभाषा थी। क्योंकि हमें कई जगह ऐसा पुरावलेखों से पता चलता है।

3) सन 1833 तक ईस्ट इंडिया कंपनी ने फारसी को राजभाषा बनाया था।

4) लार्ड मैकाले के प्रयास से ब्रिटिश शासन काल में अंग्रेजी को राजभाषा बनाया गया था।

5) भारत में राष्ट्रीय चेतना के विकास के साथ ही हिंदी को राजभाषा और राष्ट्रभाषा बनाने के लिए जोरदार मांग की गई।

6) पंडित मदन मोहन मालवीय पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत वर्ष के लिए हिंदी को राष्ट्रभाषा के लिए नाम सुझाया।

7) पंडित मदन मोहन मालवीय के प्रयास के द्वारा वर्ष 1901 में संयुक्त प्रांत की कचहरी में हिंदी को भाषा के रूप में उर्दू के समान अधिकार मिल गया।

8) गोपाल स्वामी आयंगर एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा बनाने का सुझाव दिया।

9) 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान में हिंदी को भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त हो गई।

10) राष्ट्रपति द्वारा राजभाषा आयोग का गठन 7 जून 1955 को जारी करने का आदेश दिया गया। जिसका उल्लेख अनुच्छेद 344 (1) में है।

11) राजभाषा आयोग की प्रथम बैठक 15 जुलाई 1955 को हुई थी। इसके प्रथम अध्यक्ष बाल गंगाधर खरे थे।


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