राष्ट्रीय शोक (National Mourning) क्या होता है? अवधि, नियम व अवकाश

इस पोस्ट में हम जानेंगे कि Rashtriya Shok Kya Hota Hai और इसमें कितने दिन का अवकाश होता है तथा राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित करने के नियम क्या हैं। तो आइए जानते है राष्ट्रीय शोक के बारे में ......

मैं आशा करता हूँ इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपके मन मे उठ रहे राष्ट्रीय शोक के बारे में सभी प्रश्नों के जबाब लगभग मिल जाएंगे।


राष्ट्रीय शोक (National Mourning in Hindi) -:

जब देश में किसी ऐसे विशेष व्यक्ति की मृत्यु होती है, जिसने देश के हित में कार्य किया हो व राष्ट्र में विशेष योगदान दिया हो तब उस विशेष व्यक्ति की मृत्यु के बाद सभी देशवासी शोक की स्थिति में होते हैं, तो ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जाती है।

यह जरूरी नहीं है कि किसी विशेष व महत्वपूर्ण व्यक्ति के मृत्यु के बाद ही राष्ट्रीय शोक मनाया जाए, कभी-2 देश में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना घट जाती है जो पूरे देश के लिए शोक का विषय बन जाता है इस स्थिति में भी राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जा सकती है। इस प्रकार देश में किसी बड़ी आपदा के समय भी ‘राष्ट्रीय शोक’ घोषित किया जा सकता है।


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राष्ट्रीय शोक का अर्थ -:

जब पूरे देश या राष्ट्र के लिए कोई ऐसी बुरी घटना घटती है जिसके कारण पूरा देश क्षति महसूस कर रहा हो तथा पूरा देश दुखी होता है ऐसी स्थिति सरकार द्वारा में राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया जाता है। जितने दिन तक राष्ट्रीय शोक मनाया जाता है उतने दिन तक देश मे व देश के बाहर दूतावास में राष्ट्रीय ध्वज झुका रहता है जो यह दर्शाता है कि देश इस क्षति को लेकर दुखी है।


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राष्ट्रीय शोक कितने दिन/अवधि का होता है -:

सामान्य तौर पर राष्ट्रीय शोक की घोषणा 1 से 7 दिन तक की जाती है, इस प्रकार हम कह सकते हैं कि राष्ट्रीय शोक को 1 से 7 दिन तक की अवधि में मनाया जा सकता है। इस अवधि में भारत का राष्ट्रीय ध्वज झुका रहता है।


राष्ट्रीय शोक के नियम -:

★ केंद्र सरकार राष्ट्रीय शोक की घोषणा करती है जबकि राज्य सरकारें राजकीय शोक की घोषणा कर सकती हैं।

★ जब देश में राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाता है तो संसद, सचिवालय, विधानसभा, अन्य महत्वपूर्ण राष्ट्रीय भवनों या सरकारी कार्यालयों पर लगे राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है।

★ राष्ट्रीय शोक के समय तक देश के बाहर स्थित सभी दूतावासों के राष्ट्रीय ध्वज को भी आधा झुका दिया जाता है।

★ राष्ट्रीय शोक को 1 से 7 दिन का शोक घोषित किया जाता है।

★ राष्ट्रीय शोक के दौरान कोई सरकारी या औपचारिक समारोह को आयोजन नहीं किया जाता है।

★ सरकार राष्ट्रीय शोक की घोषणा करते हुए एक राजपत्र अधिसूचना काली पट्टी के साथ जारी करती है।

★ केंद्र सरकार और राज्य सरकार अलग-अलग राष्ट्रीय शोक एवं राजकीय शोक की घोषणा करते हैं।


राष्ट्रीय शोक को अवकाश या छुटटी -:

यह जरूरी नहीं है कि राष्ट्रीय शोक के दौरान सार्वजनिक छुट्टी किया जाए परंतु अगर पद पर कार्य करते हुए कोई राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री का निधन होता है तो सार्वजनिक छुट्टी किया जा सकता है।

कभी-कभी ऐसे विशेष व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है जिसने देश के हित में बहुत सारा कार्य किया हो तो भी सरकार अवकाश की घोषणा कर सकती है।


क्या राष्ट्रीय शोक में स्कूल बंद रहता है?

अक्सर कई लोगों के मन में सवाल होता है कि जब राष्ट्रीय शोक या राजकीय शोक होता है तो क्या स्कूल बंद होते हैं तो इसका जवाब है..........यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह सार्वजनिक छुट्टी करती है कि नहीं करती है। अगर सरकार चाहे तो वह स्कूल बंद करवा सकती है अगर चाहे तो स्कूल बंद नहीं करवाती सकती है। परंतु ऐसा अनिवार्य नहीं है राष्ट्रीय शोक के दौरान स्कूल बंद हो या फिर खुला हो।

राष्ट्रीय शोक या राजकीय शोक दौरान सरकार राष्ट्र के हित को देखते हुए ही कोई फैसला लेती है


राष्ट्रीय शोक दिवस कब मनाया जाता है?

भारत मे राष्ट्रीय शोक मनाने की अभी कोई निश्चित तिथि नहीं है क्योंकि राष्ट्रीय शोक तभी मनाया जाता है जब देश में कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटती है या फिर किसी विशेष व्यक्ति की मृत्यु होती है, जिसने देश के हित में कार्य किया हो और उसने अपने देश में विशेष योगदान दिया हो। तो ऐसी स्थिति में ही राष्ट्रीय शोक दिवस मनाया जाता है


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