शीतलक मीनार को प्रभावित करने वाले कारक-Factors Affecting Cooling Tower in hindi
इस पोस्ट में हम जानेंगे कि शीतलक मीनार या कूलिंग टावर को ऐसे कौन कौन से कारक है जो प्रभावित करते हैं और उन सब के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे और किस कारण कूलिंग टावर को उसके कार्यकाल के करने के दौरान प्रभाव डालते हैं या फिर कार्य बंद होने के दौरान affect डालते हैं।
Cooling tower पर प्रभाव डालने वाले कारक-
1) वायु का तपमान- अगर वायु का तापमान अधिक होगा तो संघनित्र से निकलने वाले गर्म जल को ठंडा नहीं कर पाएगा। परन्तु व्युनक तापमान कम है तो वो गर्म वायु को शीतल कर सकती है।
2) वायु की आद्रता- अगर वायु में आद्रता होगी तो आद्र वायु अच्छी तरह से condenser से निकलने वाले जल को शीतलता प्रदान नही कर पायेगा।
3) गर्म वायु का तापमान- अगर वायु पहले से ही गर्म है तो वह गरम जल को शीतलता प्रदान नहीं कर पाएगी।
4) मीनार का आकार और ऊंचाई-मीनार की ऊंचाई और Size पर भी निर्भर करता है कि मीनार अधिक ऊंची है तो वह धीरे धीरे शीतलन की क्रिया करेगी क्योंकि अधिक ऊपर नीचे की अपेक्षा ऊपर की वायु गर्म होती है। और मीनार की साइज भी काफी हद तक पानी के शीतलन में मुख्य भूमिका निभाती है।
5) मीनार में प्लेट एवं tube की व्यवस्था- मीनार में लगी प्लेटें और ट्यूब की व्यवस्था उचित होनी चाहिए अन्यथा ये भी जल को शीतल करने में प्रभावित करता है।
6) वायु प्रवेश का वेग- जब वायु से शीतलन क्रिया की जाती है तो वायु के प्रवेश करने का वेग भी सही तरीके से होना चाहिए अन्यथा अधिक गति और अधिक कम वेग के कारण जल गरम और ठंडा होने में परेशानी पैदा करता है।
7) शीतलक मीनार मे प्रयुक्त उपसाधन- शीतलन मीनार को उसके आवशकता के अनुसार उपसाधन होने चाहिए तभी गर्म जल को शीतलक मीनार सही तरीके से जल को ठंडा करेगा अन्यथा जल को वो शीतलता प्रदान करने में असमर्थता प्रस्तुत कर सकती है।
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