6 ग्रीनहाउस गैसों के नाम को याद करने की आसान ट्रिक

इस पोस्ट में हम ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए जिम्मेदार गैसों के नाम को याद करने की आसान ट्रिक जानेंगे। ग्रीनहाउस गैसों के नाम याद करने के लिए मात्र आपको एक वाक्य याद करना होगा जिसमें मात्र तीन शब्द हैं और वह वाक्य, "अनामिका का जलवा" है। "अनामिका का जलवा" नामक तीन शब्द रूपी इस वाक्य को याद कर लेने से आप बहुत ही आसानी के साथ 6 प्रकार की ग्रीनहाउस गैसों के नाम याद कर सकते हैं।आइये हम ग्रीन हाउस गैसों को नाम को याद करने की Trick को विस्तार से जानते हैं।



ग्रीनहाउस प्रभाव और ग्रीनहाउस गैसें क्या है?

दोस्तों आपने ग्रीन हाउस प्रभाव का नाम तो सुना ही होगा। वातावरण में ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, जलवाष्प, ओजोन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन, नाइट्रस ऑक्साइड जैसी गैसें जिम्मेदार होती हैं। इन सभी गैसों में कार्बन डाइऑक्साइड का नाम ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए सबसे अधिक लिया जाता है क्योंकि ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए कार्बन डाइऑक्साइड सबसे प्रमुख गैस है। इस पोस्ट में हम ग्रीन हाउस गैसों को याद करने की आसान ट्रिक बताएंगे। हमारे द्वारा बताए गए ट्रिक का प्रयोग करके बहुत ही आसानी के साथ ग्रीनहाउस गैसों के नाम को याद किया जा सकता है। बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाओं में ग्रीनहाउस गैस से संबंधित प्रश्न को पूछा जाता है। अगर आपको ग्रीन हाउस गैसों के नाम याद रहेगा तो आप उसे प्रश्न उत्तर आसानी से दे सकते हैं। परंतु ग्रीन हाउस गैसों के नाम की आसान ट्रिक बताने से पहले जान लेते हैं कि आखिर ग्रीनहाउस प्रभाव क्या होता है।

जब सूर्य का विकिरण पृथ्वी पर आता है तो उसमें कई प्रकार की हानिकारक पराबैंगनी किरणे रहती हैं। इन पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी के ओजोन परत द्वारा परावर्तित कर दिया जाता है इस प्रकार सूर्य से आने वाली विकिरण का मात्र 70% हिस्सा ही पृथ्वी पर पहुंच पाता है और 30% हिस्सा अंतरिक्ष में परावर्तित कर दिया जाता है।

जब सूर्य का 70% विकिरण ऊर्जा पृथ्वी पर आता है तो पृथ्वी पर मौजूद पेड़-पौधे, समुद्र, जीव, नदियां, मिट्टी, तालाब इत्यादि द्वारा 40-50% हिस्सा अवशोषित किया जाता है और बाकी 20-30% ऊर्जा को ऊष्मा के रूप में पुनः पृथ्वी से अंतरिक्ष की तरफ में परावर्तित कर दिया जाता है। परंतु परावर्तित ऊष्मा पृथ्वी के बाहर नहीं जा पाती हैं और पृथ्वी के वातावरण में मौजूद धूल, मिट्टी, जलवाष्प, कार्बन डाइऑक्साइड, मेथेन, ओजोन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन, नाइट्रस ऑक्साइड इत्यादि गैसें द्वारा ऊष्मा को अवशोषित कर लिया जाता है। इस प्रकार पृथ्वी पर आने वाली सूर्य की 70% विकिरण ऊर्जा को ऊष्मा रूप में पृथ्वी पर ही रोक लिया जाता है।

यह क्रिया सदा चलती रहती है। जितनी अधिक ग्रीनहाउस गैसे पृथ्वी पर रहती हैं उतना ही अधिक सूर्य की ऊष्मा पृथ्वी पर रूकती हैं। इस प्रकार पृथ्वी पर जितना अधिक ऊष्मा रुकेगा, पृथ्वी का तापमान उतना ही बढ़ता जाएगा। इसीलिए ग्रीन हाउस गैसों का कम से कम उत्सर्जन किया जाए तो पृथ्वी का तापमान स्थिर रहेगा।

परंतु ध्यान देने वाली बात यह है कि ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण ही पृथ्वी का तापमान मनुष्य जीवन के लिए रहने योग्य हुआ है अगर पृथ्वी पर ग्रीन हाउस प्रभाव नहीं होता तो पृथ्वी का तापमान  -18 डिग्री सेल्सियस होता और मानव जीवन संभव नहीं हो पता है। आज ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण ही आज पृथ्वी मानव के रहने योग्य हैं और इसका सामान्य तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से ऊपर है।

तो इस प्रकार हम कह सकते हैं कि ग्रीन हाउस प्रभाव मानव जीवन के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है। परन्तु अगर ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन अधिक होगा तो पृथ्वी का तापमान अधिक बढ़ेगा। अगर पृथ्वी का तापमान बढ़ता है तो यह भी मानव जीवन के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।

अतः पूरा निष्कर्ष यह निकलता है कि ग्रीन हाउस प्रभाव का एक औसत रूप में रहना मानव जीवन के लिए बहुत ही लाभदायक है। परंतु इसका औसत से कम होना या औसत से अधिक होना मानव जीवन के लिए खतरा है। वर्तमान समय में ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण मानव जीवन सफल है परंतु अगर ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन अधिक किया गया तो अभी का तापमान बढ़ता जाएगा और यह भविष्य में मानव जीवन के लिए खतरा बन सकता है।

जहां एक तरफ ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण मानव जीवन रहने योग्य और कृषि के लिए लाभप्रद है वहीं दूसरी तरफ ग्रीन हाउस प्रभाव का आवश्यकता से अधिक होने के कारण रेगिस्तान में बाढ़ आना, वर्षा का कम होना, ग्लेशियर का बर्फ पिघलना, समुद्र का जलस्तर बढ़ना इत्यादि समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं इससे मानव जीवन क्षतिग्रस्त हो सकता है। ग्रीन हाउस प्रभाव का बढ़ना या घटना मौसम परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन का सबसे प्रमुख कारण है।

समान्यतः वर्तमान समय में ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए 6 गैसें कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, जलवाष्प, ओजोन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन, नाइट्रस ऑक्साइड जिम्मेदार हैं। यह गैसें कारखाने, पशुपालन, कृषि, पेट्रोलियम, फ्रिज, स्कूटर, कार, परंपरागत चूल्हे, कोयला बिजली घर के कारण उत्पन्न होते है। इन गैसों के अंदर ऊष्मा को अवशोषित करने की शक्ति होती है। ऊष्मा को अवशोषित करने की शक्ति के कारण सूर्य से जितना तापमान आता है और पृथ्वी से टकराकर जब वापस जाता है तो उस ऊष्मा को ग्रीनहाउस गैसों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है जिसके कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ने लगता है। इस प्रकार सूर्य की उष्मा पृथ्वी में ही कैद हो जाती है और वायुमंडल का तापमान बढ़ जाता है।



ग्रीनहाउस गैसों के नाम को याद करने की आसान ट्रिक (Trick: Greenhouse Gases Names in Hindi) -:

आइए अब जानते हैं की ग्रीन हाउस गैसों के नाम को आसानी से करने वाली ट्रिक के बारे में। अगर आप ग्रीनहाउस गैसों के नाम आसानी से याद करना चाहते हैं तो आपको मात्र एक वाक्य "अनामिका का जलवा" याद करना होगा जिसमें मात्र तीन शब्द है। अगर उस तीन शब्दों को आप कंठस्थ कर लेते हैं तो यह मेरा विश्वास है कि आप कभी भी ग्रीनहाउस गैसों के नाम नहीं भूलेंगे। मात्र उन तीन शब्दों को याद करके आप 6 ग्रीनहाउस गैसों के नाम को आसानी से याद कर सकते हैं।


अनामिका का जलवा - इस वाक्य का प्रयोग करके हम ग्रीनहाउस के 6 गैसों की जानकारी प्राप्त करेंगे। इस वाक्य के "अनामिका" शब्द का प्रत्येक अक्षर एक ग्रीन हाउस गैस के नाम को प्रदर्शित करता है यह दूसरे और तीसरे शब्दों का "का" अक्षर  और "जलवा" अक्षर एक-एक ग्रीन हाउस पैसों के नाम को प्रदर्शित करते हैं।


अनामिका का जलवा -:

अ - ओजोन

ना - नाइट्रस ऑक्साइड

मि - मीथेन

का - कार्बन डाइऑक्साइड

का - क्लोरोफ्लोरोकार्बन

जलवा - जलवाष्प


"अनामिका का जलवा" नामक वाक्य में अनामिका शब्द से चार गैसों के नाम ओजोन, नाइट्रस ऑक्साइड, मेथेन, कार्बन डाइऑक्साइड का पता चलता है तथा दूसरे शब्दों "का" से क्लोरोफ्लोरोकार्बन का पता चलता है। इसी प्रकार तीसरे शब्द "जलवा" से जलवाष्प का पता चलता है।

अतः में आपसे कहना चाहता हूं कि "अनामिका का जलवा" नामक वाक्य याद करके आप बहुत आसानी के साथ ग्रीनहाउस गैस के 6 नाम आसानी से याद कर सकते हैं अगर आपने अच्छी तरह का ध्यान से पढ़ा तो आप ग्रीनहाउस गैसों के नाम कभी भी नही भूलेंगे।

अगर आप इसी तरह का Trick वाले पोस्ट चाहते हैं तो नीचे दिए गए पोस्ट को पढ़ सकते है और ऐसी ही मजेदार और आसान जानकारी लें सकते हैं। 

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