इस लेख में हम पानीपत का प्रथम युद्ध का वर्णन करेंगे और जानेंगे कि पानीपत का प्रथम युद्ध कब, कहां और किसके किसके बीच हुआ था और साथ ही यह भी जानेगें कि पानीपत के प्रथम युद्ध होने का प्रमुख कारण क्या था और इसके क्या परिणाम हुए। Panipat Ka Pratham Yuddh Kab Aur Kisake Bich Hua.
इसलिए इसमें निम्न जानकारियां दी गई है -
• पानीपत का प्रथम किसके-किसके बीच हुआ
• पानीपत का प्रथम युद्ध कब और कंहा हुआ
• पानीपत का प्रथम युद्ध के कारण
• पानीपत के प्रथम युद्ध मे सैन्य शक्ति
• पानीपत के प्रथम युद्ध के परिणाम
First Battle of Panipat
: 1526
पानीपत का प्रथम युद्ध : 21 अप्रैल 1526 ईसवी (First Battle of Panipat in Hindi) -:
12 अप्रैल 1526 ईसवीं में बाबर और इब्राहिम लोदी की सेना आमने-सामने थी। युद्ध की तैयारियां जोरों से चल रही थी। वो घड़ी भी बीत गई और 21 अप्रैल 1526 ईसवीं को बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच भयंकर व निर्णायक युद्ध हुआ जिसके बाद पूरी दिल्ली सल्तनत की काया ही पलट गई।
इस युद्ध में बाबर ने अपने 12000 से 250000 सैनिकों के साथ-साथ नए युद्ध तकनीकी का उपयोग किया और इब्राहिम लोदी की सेना, जिसमें लगभग 50000 से 100000 तक सैनिक थे, उनको परास्त करके दिल्ली का सुल्तान बन बैठा।
इस युद्ध के फलस्वरुप लोदी वंश का अंत हो गया और बाबर ने नए मुगल वंश की स्थापना की।
पानीपत का प्रथम किसके-किसके बीच हुआ (First Battle of Panipat Between Whom in Hindi) -:
पानीपत का प्रथम युद्ध तैमूर के शासक जहीरूद्दीन मोहम्मद बाबर और दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी के बीच लड़ा गया था, जिसमें इब्राहिम लोदी मारा गया। इससे पहले दिल्ली पर इब्राहिम लोदी का शासन था। इब्राहिम लोदी ने दिल्ली पर 1517 से 1526 शासन किया और पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर से युद्ध करते हुए मारा गया।
पानीपत का प्रथम युद्ध कब और कंहा हुआ -:
पानीपत का प्रथम युद्ध 21 अप्रैल 1526 ईस्वी में भारत के हरियाणा राज्य में स्थित पानीपत नामक एक छोटे से गांव के निकट हुआ। जिसमें बाबर ने दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराकर दिल्ली पर अपना अधिकार कर लिया। बाबर तैमूर का शासक था जिसने भारत पर कई बार आक्रमण किया।
उसने 1519 से लेकर 1526 ई॰ तक भारत पर 5 बार आक्रमण किया। 1526 ईस्वी में उसने पानीपत के मैदान में दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराकर मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी।
पानीपत का प्रथम युद्ध के कारण (Cause of First Battle of Panipat in Hindi) -:
बाबर दिल्ली सल्तनत और पूरे भारत पर वह कब्जा करना चाहता थ क्योंकि वह तैमूर वंश से ताल्लुकात रखता था। इससे पहले तैमूर वंश के एक शासक तैमूरलंग 1336-1405 ईस्वी में भारत पर कब्जा किया था। तैमूरलंग का राज्यपश्चिम एशिया से लेकर मध्य एशिया होते हुए भारत तक फैला हुआ था।
बाबर भी तैमूरलंग का वंशज था। इसलिए बाबर दिल्ली सल्तनत पर कब्जा करना चाहता था। तैमूर वंश का वंशज होने के कारण बाबर चाहता था कि दिल्ली पर पुनः तैमूर वंश का ही कोई शासक राज करे। इसीलिए बाबर ने 1519 से 1526 तक भारत पर पांच बार आक्रमण किया और अंत मे 1526 ईसवी में इब्राहिम लोदी को हराकर दिल्ली का सुल्तान बन बैठा और पुनः दिल्ली पर तैमूर वंश की वंशज होने का सपना पूरा कर दिया। इस तरह से बाबर ने मुगल साम्राज्य की नींव रखी।
पानीपत के प्रथम युद्ध मे सैन्य शक्ति -:
पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर और इब्राहिम लोदी की सेना आमने-सामने थी। इब्राहिम लोदी की सेना कि तुलना में के बाबर की सेना छोटी थी परंतु बाबर की सेना आधुनिक हथियारो से पूर्ण थी। बाबर की सेना में तोप, बारूद जैसे आधुनिक हथियार थे इसी कारण बाबर की सेना ने इब्राहिम लोदी की सेना को परास्त कर दिया। इस युद्ध मे बाबर ने तुर्को से सीखी हुई एक नई युद्ध पद्धति का प्रयोग किया जिसे तुलुगमा पद्धति कहते हैं।
इस युद्ध में दिल्ली सुल्तान की तरफ से राजपूत राजाओं ने युद्ध नहीं किया परंतु ग्वालियर के कुछ तोमर राजपूत ने इब्राहिम लोदी के साथ मिलकर बाबर के साथ युद्ध किया परंतु वे हार गए।
बाबर की सेना : पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर की सेना में लगभग 12000 से 25000 तक सैनिक थे। इसके अतिरिक्त बाबर के पास 24 मैदानी तोपें, बारूद व अग्नि वाले भी अस्त्र थे।
इब्राहिम लोदी की सेना : पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी की सेना में लगभग 50000 से 100000 तक सैनिक थे। इसके अतिरिक्त इब्राहिम लोदी की सेना में 300 के आस-पास युद्ध के हाथी थे।
पानीपत के प्रथम युद्ध के परिणाम (Result of First Battle of Panipat in Hindi) -:
1. लोदी वंश का अंत : पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी युद्ध भूमि में मारा गया और बाबर की विजय हुई। इस प्रकार बाबर ने मुगल साम्राज्य की नीव रखी।
2. मुगल साम्रज्य की स्थापना : बाबर के इस युद्ध विजय के साथ ही लोदी वंश का अंत हो गया और बाबर द्वारा नए मुगल वंश की स्थापना हुई।
3. आपार धन की प्राप्ति : पानीपत के प्रथम युद्ध को जीतने के बाद बाबर को दिल्ली सल्तनत से बहुत सारा धन प्राप्त हुआ जिसको उसने प्रजा और सैनिकों में बंटवा दिया।
4. नए युद्ध का विकास : बाबर ने पानीपत के प्रथम युद्ध में तोपों और अग्नि अस्त्रों का प्रयोग किया जाए जो आधुनिक हथियार थे। इस प्रकार भारत में नए आधुनिक हथियार के द्वारा नए और खतरनाक युद्ध का विकास हो गया। बाबर के द्वारा इस युद्ध में उस्मानी विधि ( तोप सज़ाने की विधि) का भी प्रयोग किया गया।