गियर के प्रकार । Types of Gear in Hindi

आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि गियर कितने प्रकार के होते है और उनके क्या लाभ, हानि और उपयोग हैं। तो आइए जानते है Gear Kitane Prakar Ke Hote Hai.


गियर के प्रकार (Types of Gear in Hindi) -:

सामन्यतः गियर कई प्रकार के होते है जिसके नामों की सूची नीचे दिया गया है। हम प्रत्येक गियर का बारी बारी से विस्तारपूर्वक वर्णन करेंगे और उनके लाभ, हानि और प्रयोगों को भी जानेंगे।


 1. स्पर गियर (Spur Gear)

 2. बेवेल गियर (Bevel Gear)

 3. स्पाइरल बेवेल गियर (Spiral Bevel Gear)

 4. क्राउन या ताज गियर (Crown Gear)

 5. रैक और पिनियन (Rack Pinion Gear)

 6. वर्म गियर (Worm Gear)

 7. एपीसाइक्लिक गियर (Epicyclic Gear)

 8. हेलीकल गियर (Helical Gear)

 9. हाइपॉइड गियर (Hypoid Gear)

10. चुम्बकीय गियर (Magnetic Gear)

11. मैटर गियर (Miter Gear)

12. वृत्ताभ गियर (Cycloid Gear)


संरचना के आधार पर गियर के प्रकार

1. External Gear

2. Internal Gear

  • Compound Gear



1. स्पर गियर (Spur Gear in Hindi) -:

स्पर गियर (Spur Gear) सबसे अधिक प्रयोग किया जाने वाला गियर होता है जो बहुत ही साधारण प्रकार का Gear है। इस गियर के दांत की गियर के अक्ष के समांतर बने होते हैं जिसके कारण स्पर गियर को स्ट्रेट-कट गियर भी कहा जाता है।


गियर के प्रकार । Types of Gear in Hindi । Spur Gear - Advantage, Disadvantages, Use
Spur Gear

Spur Gear का कार्य बहुत ही सिंपल होता है। जब एक स्पर गियर को दूसरी स्पर गियर के साथ जोड़ा जाता है तो पहले स्पर गियर के दाँत दूसरे स्पर गियर के दांत में अच्छी तरह फिट हो जाते हैं।

अतः जब इन दोनों स्पर गियर में से किसी एक गियर को घुमाया जाता है तो दूसरा स्पर गियर अपने आप घूमने लगता है। समान्यतः जब कोई भी साधारण कार्य करना रहता है तो स्पर गियर का ही प्रयोग किया जाता है।

स्पर गियर को स्टील, पीतल जैसी धातुओं से, या नायलॉन या पॉली कार्बोनेट जैसे प्लास्टिक से बनाया जा सकता है। जो स्पर गियर बिना धातु के बने होते हैं वह कम शोर करते हैं परंतु उनकी मजबूती और सामर्थ्य बहुत ही कम होती है। बिना धातु वाली गियर कम दक्षता के होने के साथ, बहुत कम लोड लेते हैं तथा बहुत ही जल्दी टूट फूट जाते हैं।

जब स्पर गियर को उच्च गति पर संचालित किया जाता है तो यह गियर बहुत अधिक शोर करने लगते हैं और इनके दाँतों पर भारी मात्रा में दबाब पड़ने लगता है।


स्पर गियर के लाभ (Advantages of Spur Gear in Hindi) -:

1. स्पर गियर को बहुत आसानी से बनाया जा सकता है।

2. यह गियर बहुत ही सस्ते होते हैं इसी कारण इन्हें आसानी से और जल्दी बनाया जा सकता है।

3. स्पर गियर इस तरह बनाया जाता है कि उनमें कम करसन पैदा हो और उनके दक्षता बढ़ती रहे।


स्पर गियर के नुकसान (Disadvantages of Spur Gear in Hindi) -:

1. स्पर गियर के द्वारा अधिक लंबी दूरी तक ऊर्जा स्थान्तरण नही किया जा सकता है।

2. उच्च गति से संचालित करने पर स्पर गियर शोर करने लगते हैं।

3. स्पर गियर अन्य गियरों की तुलना में लचीले नहीं होते हैं।


स्पर गियर के प्रयोग (Application of Spur Gear in Hindi) -:

1. स्पर गियर का उपयोग रोबोटिक में किया जाता है।

2. स्पर गियर का प्रयोग घड़ी की सुइयों को घूमाने के लिए किया जाता है।

3. इस गियर का प्रयोग ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में बहुत ज्यादा किया जाता है।

4. इलेक्ट्रिक स्क्रूड्राइवर, पंप में भी स्पर गियर लगाया जाता है।

5. स्पर गियर का प्रयोग पावर प्लांट मशीनरी और कपड़े धोने और सुखाने की मशीनों में भी।किया जाता है।




2. बेवेल गियर (Bevel Gear in Hindi) -:

ऐसा गियर जिसमें दो शाफ्टों को आपस मे कनेक्ट करने के लिए, जो एक दूसरे को 90 डिग्री में काटते हैं, ऐसे गियर की बेवल गियर (Bevel Gear) कहते हैं।


गियर के प्रकार । Types of Gear in Hindi । Bevel Gear - Advantage, Disadvantages, Use
Bevel Gear

बेवेल गियर (Bevel Gear) का आकार शंक्वाकार होता है। इन गियर का प्रयोग वहां पर होता है जहां पर दो शाफ्ट एक दूसरे को 90 डिग्री में काटते हैं। लंबवत शाफ्टों पर ही बेवेल गियर का इस्तेमाल किया जाता है।

बेवेल गियर ऊर्जा को रैखिक से ऊर्ध्वाधर शक्ति में स्थानांतरित कर देते हैं।

बेवेल गियर में इस्तेमाल दोनों दांतो के गियर में एक गियर का दांत दूसरे के Face पर होता है जबकि दूसरा गियर उसकी परिधि पर होता है।


बेवेल गियर के लाभ (Advantages of Bevel Gear in Hindi) -:

1. बेवल गियर का उपयोग ज्यादातर 90 डिग्री के एंगल में पॉवर ट्रांसमिशन और मोशन कंट्रोल के लिए किया जाता है।

2. सर्पिल बेवेल गियर ड्राइव का उपयोग करने वाले उपकरण से कम तनाव, कम घर्षण और कम गर्मी उत्पन्न होती है 

3. यह गियर से ऑपरेटिंग कोण को बदलना संभव हो जाता है।


बेवेल गियर के नुकसान (Disadvantages of Bevel Gear in Hindi) -:

1. बेवेल गियर का एक पहिया अपने दूसरे गियर के लिए ही  डिजाइन किया गया होता है, जो किसी अन्य गियर के साथ नहीं काम नही करेगा।

2. बेवेल गियर का शोर करना सामान्य बात है।

3. बेवल गियर में उसके दांत टूटने और फूटने की समस्या आती रहती है

4. इसे गियर में स्नेहन करने की अधिक आवश्यकता पड़ती है।


बेवेल गियर के प्रयोग (Application of Bevel Gear in Hindi) -:

1. ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में बेवेल गियर का प्रयोग किया जाता है।

2. बेवल गियर का उपयोग विमानन उद्योग में भी किया जाता है।

3. कूलिंग टावर फैन में भी बेवेल गियर फैन का इस्तेमाल किया जाता है।

4. समुन्द्री जहाजो के इंजन और प्रोपेलर के बीच दो बेवल गियर सेट का उपयोग किया जाता है।

5. बेवेल गियर का सबसे लोकप्रिय अनुप्रयोग ऑटोमोटिव डिफरेंशियल है।




3. स्पाइरल या सर्पिल बेवेल गियर (Spiral Bevel Gear in Hindi) -:

जब अक्ष ना तो पैरेलल होते हैं और ना ही इंटरसेक्टिंग होते हैं तो हमे दो गियरों के बीच मे पूर्ण रूप से Rolling Motion नही मिल पाता है, तब ऐसे स्थानों पर Spiral Bevel Gear को प्रयोग में लाया जाता है।


गियर के प्रकार । Types of Gear in Hindi । Spiral Bevel Gear - Advantage, Disadvantages, Use
Spiral Bevel Gear


स्पाइरल बेवेल गियर के लाभ (Advantages of Spiral Bevel Gear in Hindi) -:

1. जब उच्च गति और उच्च घूर्णन गति प्राप्त करना होता है तो Spiral Bevel Gear का प्रयोग किया जाता है।

2. सर्पिल बेवल गियर अन्य गियर की तुलना में तेजी से आगे बढ़ते हैं। जिसके कारण कम समय में अधिक आउटपुट मिलता है।

3. Spiral Bevel Gear कम शोर करते है और ये मुलायम भी होते हैं।


स्पाइरल बेवेल गियर के नुकसान (Disadvantages of Spiral Bevel Gear in Hindi) -:

1. Spiral Bevel Gear बहुत कम उपयोग में लाया जाता है क्योंकि इसकी विनिर्माण प्रक्रिया काफी जटिल होती है।

2. जब कभी यह गियर खराब होते हैं तो इनमें लगने वाले दोनों Gears को जोड़े में ही बदलना चाहिए।


स्पाइरल बेवेल गियर के प्रयोग (Application of Spiral Bevel Gear in Hindi) -:

1. Spiral Bevel Gear का प्रयोग घास काटने वाली मशीन में किया जाता है।

2. जूसर में भी यही गियर उपयोग में लायी जाती है।

3. जब उच्च गति Reduction प्राप्त करना होता है तो भी Spiral Bevel Gear ही प्रयोग होता है।

Spiral Bevel Gear का प्रयोग Differential गियर में भी किया जाता है।




4. क्राउन या ताज गियर (Crown Gear in Hindi) -:

क्राउन गियर (Crown Gear) दिखने में भी क्राउन के जैसा ही होता है। इसकी व्हील पर नुकीले नुकीले दांत निकले होते हैं। क्राउन गियर एक प्रकार बेवल गियर होता है जिसके पिच के कोण 90 डिग्री का होता है।


गियर के प्रकार । Types of Gear in Hindi । Crown Gear - Advantage, Disadvantages, Use
Crown Gear


क्राउन या ताज गियर के लाभ (Advantages of Crown Gear in Hindi) -:

1. इस गियर का उपयोग करके आप उत्पन्न ध्वनि की मात्रा को कम कर सकते हैं।

2. यह गियर अधिक भार सहन कर सकते हैं।

3. इस गियर का उपयोग करके कम्पन को कम किया जा सकता है।


क्राउन या ताज गियर के प्रयोग (Application of Crown Gear in Hindi) -: 

1. इसी गियर का प्रयोग जहां पर ट्रेन को चढ़ाई पड़ती है वहां पर किया जा सकता है।

2. कार स्टियरिंग के पहिए में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

3. क्राउन गियर का प्रयोग ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में किया जाता है। क्राउन गियर का उपयोग भारी मशीनरी क्षेत्र में भी किया जाता है।




5. रैक और पिनियन (Rack Pinion Gear in Hindi) -:

रैक और पिनियन (Rack Pinion Gear) एक ऐसा गियर है जिसका प्रयोग घूर्णी गति को रैखिक गति में और रैखिक गति को घूर्णी गति में करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

रैक और पिनियन गियर में दो गियर होते है जिसमें से एक गियर गोलाकार होता है और दूसरा गियर रैखिक होता है। गोलाकार गियर को पिनियन और रेखीय गति वाले गियर को को रैक करते हैं।


गियर के प्रकार । Types of Gear in Hindi । Rack Pinion Gear - Advantage, Disadvantages, Use
Rack Pinion Gear

पिनियन गियर को जब घूर्णी गति कराया जाता है तो वह रैक गियर को रैखिक गति कराता है। इसी प्रकार यदि रैक गियर को रैखिक गति कराई जाती है तो वह पिनियन गियर को घूर्णी गति में बदल जाता है।

रैक और पिनियन गियर में दाँत या तो सीधे बिल्कुल अक्ष के समानान्तर होते हैं या सर्पिल आकार के होते सकते हैं।


रैक और पिनियन गियर के लाभ (Advantages of Rack Pinion Gear in Hindi) -:

1. इस गियर को नियंत्रण करना आसान होता है।

2. रैक और पिनियन गियर अत्यधिक मात्रा में भार वहन कर सकता है।

3. रैक और पिनियन गियर का प्रयोग अधिक लंबी दूरी के लिए भी किया जा सकता है। जिसकी कोई सीमा नही है।


रैक और पिनियन गियर के हानि या नुकसान (Disadvantages of Rack Pinion Gear in Hindi) -:

1. रैक और पिनियन गियर में शोर अधिक होता है।

2. रैक और पिनियन गियर एक दूसरे के लिए बनाए जाते हैं उनमें से किसी एक न होने पर दूसरा गियर भी बेकार समझा जाता है।

3. रैक और पिनियन गियर में घर्षण अधिक होता है।


रैक और पिनियन गियर के प्रयोग (Application of Rack Pinion Gear in Hindi) -:

1. रैक और पिनियन गियर का प्रयोग नहरों के गेट खोलने-बन्द करने के लिए किया जाता है।

2. वाहनों के स्टीयरिंग में रैक और पिनियन गियर  लगाया जाता है।

3. रैक और पिनियन गियर का इस्तेमाल पहाड़ी रास्तों पर चलने वाली रेलों में भी किया जाता है।

4. ऐक्चुएटर में भी संशोधन करके रैक और पिनियन गियर का उपयोग किया जाता है।




6. वर्म गियर (Worm Gear in Hindi) -:

इस गियर (Worm Gear) में एक स्क्रू रॉड और एक पहिया लगा होता है। वर्म गियर एक स्क्रू की तरह दिखता है तथा दूसरा गियर पहिये की तरह दिखता है। स्क्रू की तरह दिखने वाले गियर को वर्म स्क्रू तथा पहिये की तरह दिखने वाले गियर को वर्म व्हील कहा जाता है।

वर्म गियर स्क्रू एक सिलेनड्रिकल रॉड होती है जिस पर हेलिकल या स्पायरल रूप में चूड़ियां बनी होती है। वर्म गियर (Worm Gear) के दांत घुमावदार और थोड़ा कोणीय होते हैं। यह घूर्णन गति को 90 डिग्री तक बदल देता है।


गियर के प्रकार । Types of Gear in Hindi । Worm Gear - Advantage, Disadvantages, Use
Worm Gear

जहां पर दो शाफ्ट आपस एक दूसरे को क्रॉस करते हैं वहां पर वर्म गियर का प्रयोग किया जाता है।जब रोटेशन की दिशा बदलनी होती है और गति को कम करना होता है तो वहां पर वर्म गियर का प्रयोग किया जाता है।


वर्म गियर के लाभ (Advantages of Worm Gear in Hindi) -:

1. वर्म गियर का उपयोग करके घूर्णन गति को बहुत अधिक बढ़ाया और बहुत कम किया जा सकता है।

2. वर्म गियर घूर्णन गति को 90 डिग्री तक बदल देता है।

3. वर्म गियर शोर बहुत कम करते हैं, ये बहुत ही शांति से अपना कार्य करते हैं।

4. यह गियर कंपन और आघात प्रतिरोध को सहने का सामर्थ रखते हैं।


वर्म गियर के नुकसान/हानि (Disadvantages of Worm Gear in Hindi) -:

1. वर्म गियर ऐसे धातु के बने होते हैं जो अधिक ताप पाने पर भंगुर या कमजोर हो सकते हैं।

2. इस गियर की ट्रांसमिशन क्षमता कम होती है। इसकी सामान्य दक्षता लगभग 30% - 60% है।

3. वर्म गियर का निर्माण करने के लिए कच्चे माल की लागत अधिक आती है।

4. इस गियर का उपयोग करते समय बिजली की भारी खपत होती है।


वर्म गियर के प्रयोग (Application of Worm Gear in Hindi) -:

1. इनका उपयोग पैकेजिंग उपकरण, छोटी मशीनरी और कन्वेयर में किया जाता है।

2. वर्म गियर का उपयोग ऑटोमोबाइल क्षेत्र में पावर स्टीयरिंग और मैनुअल स्टीयरिंग सिस्टम के लिए किया जाता है।

3. रोलिंग मिल में भी वर्म गियर का प्रयोग किया जाता है।

4. इनका उपयोग गैर-प्रतिच्छेदी, लंबवत अक्षों वाले शाफ्ट पर किया जाता है।




7. Planetary या एपीसाइक्लिक गियर (Epicyclic Gear in Hindi) -:

कभी-कभी दो या दो से अधिक गियर एक शाफ़्ट से दूसरे शाफ़्ट तक शक्ति का संचरण करने के लिए एक-दूसरे के साथ मेश बनाते हैं। ऐसे संयोजन को गियर ट्रेन कहा जाता है। इसी सिद्धान्तों पर Epicyclic Gear कार्य करता है। Epicyclic Gear को Planetary Gear भी कहा जाता है।

यह ऐसा गियर होता है जिसमें एक सेंट्रल गियर के साथ कई और छोटे छोटे गियर लगाये जाते हैं। सेंट्रल गियर को सन गियर और उसके साथ जुड़े अन्य गियर को प्लैनेट गियर कहा जाता है।


गियर के प्रकार । Types of Gear in Hindi । Epicyclic Gear - Advantage, Disadvantages, Use
Epicyclic Gear

प्लैनेट गियर को रिंग गियर के साथ मिलाया जाता है। इस तरह से  यह गियर कई गियर के साथ मिलने से चलता है अतः Epicyclic Gear सिस्टम में मल्टीपल गियर्स को एक साथ प्रयोग में लाया जाता है।

इस गियर में प्लैनेट गियर के एक तरफ सन गियर तो दूसरी तरफ रिंग गियर होता है और प्लैनेट गियर इन दोनों के बीच में स्थित होता है। यह सम्पूर्ण गियर मिलकर Epicyclic Gear बनते हैं।


एपीसाइक्लिक गियर के लाभ (Advantages of Epicyclic Gear in Hindi) -:

1. एपीसाइक्लिक गियर में प्लैनेटरी गियर ट्रेनें मानक समानांतर अक्ष गियर ट्रेनों की तुलना में उच्च शक्ति घनत्व प्रदान करती हैं।

2. Epicyclic गियरबॉक्स के अंदर यांत्रिक नुकसान होने के बजाय गियरबॉक्स के माध्यम से प्रसारित हो जाती है।

3. जब स्थान की कमी होती है तो इस Planetary Gear का उपयोग किया जाता है।


एपीसाइक्लिक गियर के नुकसान (Disavantages of Epicyclic Gear in Hindi) -:

1. यह अधिक भार को सहन करने में असमर्थ है।

2. Epicyclic Gear में उपस्थित सभी गियर को निरन्तर स्नेहन करने की आवश्यकता पड़ती है।

3. इस Gear का डिज़ाइन काफी दुर्गमतापूर्ण और जटिल होता है, अतः इसे बनाने के लिए अधिक समस्याओं से गुजरना पड़ता है।


एपीसाइक्लिक गियर के प्रयोग (Application of Epicyclic Gear in Hindi) -:

1. इस गियर का प्रयोग ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में ट्रांसमिशन के लिए किया जाता है।

2. प्लैनेटरी गियर का उपयोग Wind Turbine में किया जाता है।

3. ट्रैक्टर में जगह की कमी होती है अतः Planetary या Epicyclic Gear का प्रयोग करके अधिक घूर्णन गति प्राप्त कर लिया जाता है।




8. हेलीकल गियर (Helical Gear in Hindi) -:

हेलीकल गियर (Helical Gear) के दांत किसी निश्चित कोण में बने हुए होते हैं। गियर के दांत निश्चित कोण में बने होने के कारण इस गियर से शोर और कम्पन बहुत ही कम उत्पन्न होते हैं।

हेलिकल गियर ऐसा यांत्रिक घटक होता है जो दो समानांतर शाफ्ट के बीच गति और शक्ति को संचारित करता है।


गियर के प्रकार । Types of Gear in Hindi । Helical Gear - Advantage, Disadvantages, Use
Helical Gear

सामान्यत हेलीकल गियर का प्रयोग उच्च गति से चलाने के लिये और भारी लोड वाले गति को ट्रांसमिट करने के लिए किया जाता है। जब यह गियर उच्च गति पर चलता है तो किनारे से इस गियर पर दाब पड़ता है, दाब पड़ने के कारण बियर बाहर से निकलने का प्रयास करने लगता है तथा बेरिंग और शाफ्ट को धकेलने लगता है।

अच्छे औद्योगिक मशीनरी के लिए उच्च गुणवत्ता वाले हेलिकल गियर की आवश्यकता होती है। अधिकांश मशीनरी विनिर्माण, निर्माण और निर्माण तकनीकी में हेलीकल गियर ही प्रयोग में लाया जाता है।


हेलिकल गियर के लाभ (Advantages of Helical Gear in Hindi) -:

1. हेलीकल गियर का प्रयोग उच्च गति से चलाने के लिये और भारी लोड वाले गति को ट्रांसमिट करने के लिए किया जाता है।

2. उच्च गति पर चलने के कारण भी हेलीकल गियर बहुत ही कम शोर करते हैं।

3. हेलिकल गियर के दांत झुके हुये होते हैं जो अन्य गियर की तुलना में उन्हें अधिक कुशल और भारवहन करने वाला बनाते हैं।


हेलिकल गियर के नुकसान (Disadvantages of Helical Gear in Hindi) -:

1. हेलीकल गियर के दांत झुके होते हैं जिसके कारण उनका निर्माण करना काफी कठिन होता है।

2. इस गियर का निर्माण करना कठिन होता है जिसके कारण, हेलीकल गियर आमतौर पर केवल सीमित आकारों में ही उपलब्ध होते हैं।

3. जब हेलीकल गियर उच्च गति पर चलता है तो यह बाहर निकलने का प्रयास करने जाता है जिसके कारण बेयरिंग और शाफ्ट को धकेलने लगता है।


हेलिकल गियर के प्रयोग (Application of Helical Gear in Hindi) -:

1. हेलीकल गियर का प्रयोग बिजली उत्पादन उद्योग में किया जाता है।

2. हेलीकल गियर का प्रयोग भाप टरबाइन और गैस टरबाइन में किया जाता है।

3. हेलीकल गियर के दोनों प्रकारों Single Helical Gear व Double Helical Gears  का उपयोग हम Heavy Machinery में करते हैं जैसे- Cranes , Fluid Pumps , Military Ships इत्यादि।

4. कपड़ा उद्योग, प्लास्टिक उद्योग, खाद्य उद्योग, ब्लोअर, प्लास्टिक उद्योग और तेल उद्योग में भी हेलीकल गियर का प्रयोग किया जाता है।


हेलीकल गियर के प्रकार (Types of Helical Gear in Hindi) -:

हेलिकल गियर सामन्यतः 2 प्रकार के होते हैं।

  • Single Helical Gears
  • Double Helical Gears


१. Single Helical Gears in Hindi -:

यह ऐसा गियर है जिसमे गियर के दांत या तो Right की तरफ झुके होते हैं या Left की तरफ झुके होते हैं। Single Helical Gear में केवल Single Helical ही होगा वो चाहे Left में हो या Right में हो।


२. Double Helical Gears in Hindi -:

डबल हेलिकल गियर को हेरिंगबोन गियर (Herringbone Gear) के नाम से भी जाना जाता है। इस गियर में गियर के दांत नीचे की तरफ दायें और बाएं, दोनों Side में झुके होते हैं।

इस गियर के दांत गियर के विपरीत दिशा में अक्ष से V आकार में झुके होते हैं। विपरीत दिशा में दांत झुके होने के कारण यह गियर को सुचारू रूप से और बिना शोर किये चलने देता है। इस गियर के दांत V आकार होने के कारण Double Helical Gears का प्रयोग करने से गियर कभी भी गति की दिशा में बियरिंग और शाफ्ट को साइड में नहीं धकेलती है और गियर बाहर निकलने की कोशिश भी नहीं करती हैं।




9. हाइपॉइड गियर (Hypoid Gear in Hindi) -:

Hypoid Gear भी Bevel Gear का एक प्रकार है। बेवल गियर की तरह ही Hypoid Gear के भी दांत तिरछे और घुमावदार होते हैं। इस गियर के साथ केवल Hypoid Pinion का ही उपयोग किया जा सकता है।

ये गियर 90 डिग्री पर पॉवर को ट्रांसमिशन करते हैं। हाइपोइड गियर को बेवल गियर और वर्म गियर के बीच एक मिश्रण माना जा सकता है क्योंकि कि इन दोनों गियर के गुण Hypoid Gear से कुछ-कुछ मैच करते हैं।


गियर के प्रकार । Types of Gear in Hindi । Hypoid Gear - Advantage, Disadvantages, Use
Hypoid Gear

हाइपॉइड गियर के लाभ (Advantages of Hypoid Gear in Hindi) -:

1. जहां पर कम जगह रहती है स्थान अधिक नहीं रहता है वहां पर इस गियर का उपयोग किया जा सकता है।

2. यह उच्च घूर्णन गति में भी अच्छी तरह काम करते हैं और उसको नियंत्रित करते हैं।

3. ये गियर अधिक शोर नही करते हैं और शांति से कार्य करते रहते हैं।


हाइपॉइड गियर के नुकसान (Disadvantages of Hypoid Gear in Hindi) -:

1. हाइपॉइड गियर अधिक उच्च गति से नहीं घुम सकते हैं। अतः इनको उच्च गति के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है।

2. इनके निर्माण की विधि काफी जटिल है। जिसके कारण इनको निर्मित करना थोड़ा मुश्किल पड़ता है।

3. Planetary Gear की तुलना में इनकी दक्षता कम होती है।


हाइपॉइड गियर के उपयोग (Application of Hypoid Gear in Hindi) -:

1. आवश्यकता पड़ने पर Hypoid Gear को को प्लेनेटरी गियर के साथ जोड़ा जा सकता है।

2. ऑटोमोटिव उद्योग के डिफरेंशियल में हाइपोइड गियर का उपयोग किया जाता है।

3. इस गियर का प्रयोग उन शाफ्टों पर पॉवर ट्रांसमिशन  के लिये किया जाता है जहां शाफ्ट आपस मे असमान्तर होती है।




10. चुम्बकीय गियर (Magnetic Gear in Hindi) :

चुम्बकीय गियर (Magnetic Gear) दिखने और कार्य करने के आधार पर यांत्रिक गियर के सामान ही दिखाई देता है परंतु इसमें दांत नहीं लगे होते हैं चुम्बकीय गियर में दांतो की जगह चुंबक लगे होते हैं।

चुम्बकीय गियर में लगे चुंबक जैसे ही अपने विरोधी चुम्बक के पास आते है वे प्रतिकर्षी हो जाते हैं और गति करने लगते हैं।


गियर के प्रकार । Types of Gear in Hindi । Magnetic Gear - Advantage, Disadvantages, Use
Magnetic Gear

माना जब कोई एक चुंबकीय गियर पहले से मौजूद है और जैसे ही वहां दूसरी चुंबकीय गियर आता है तो दोनों के बीच प्रतिकर्षण उत्पन्न हो जाता है। इस तरह से दोनों की गियर गति करने लगते हैं।

चुंबकीय गियर सिस्टम में आमतौर पर स्थायी चुंबक का उपयोग किया जाता है। अगर कहीं पर दो चुंबकीय गियर घूम रहे हैं तो वह   एक दूसरे से अलग होते हैं इनमें कोई भी संपर्क नहीं होता है परंतु चुंबकीय गुण के कारण एक दूसरे के कारण वे गति करते रहते हैं।


चुम्बकीय गियर के लाभ (Advantages of Magnetic Gear in Hindi) -:

1. चुंबकीय गियर में के बेयरिंग का घिसाव होता है, गियर के सतहों का घिसाव नहीं होता हैं।

2. चुंबकीय गियर में स्नेहन करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

3. जहां पर जल रिसाव और विस्फोट होने का खतरा बना रहता है वहां पर यह गियर आसानी से कार्य कर सकते हैं।

4. इसमें पावर का ट्रांसमिशन बिना संपर्क किये ही हो जाता है।

5. इस गियर का रखरखाव खर्च बहुत कम आता है।

6. चुंबकीय गियर सतह को बिना सम्पर्क किये गति करते हैं इसलिये इनमे शोर नहीं होता है।


चुंबकीय गियर के नुकसान (Disadvantages of Magnetic Gear in Hindi) -:

1. चुंबकीय गियर काफी भारी होते हैं इसलिये इनका उपयोग नही किया जाता है।

2. मैकेनिकल चुंबकीय गियर की तुलना में वे काफी महंगे होते हैं।

3. जब चुंबकीय गियर को अधिक RPM पर घुमाया जाता है तो ये अपनी दक्षता खोने लगते हैं।


चुंबकीय गियर का उपयोग (Application of Magnetic Gear in Hindi) -:

चुंबकीय गियर का उपयोग कार में , साइकिल में , इलेक्ट्रॉनिक में किया जाता है। सामन्यतः चुंबकीय गियर का प्रयोग बहुत ही कम किया जाता है परंतु यह गियर ही बहुत दिलचस्प होते हैं। 




11. मैटर गियर (Miter Gear in Hindi) -:

यह गियर (Miter Gear), बेवल गियर का एक प्रकार है। इस गियर में भी दो घूर्णी शाफ्ट एक दूसरे से 90 अंश का कोण बनाते हैं। जब गियर द्वारा शक्ति संचालन को समकोण करना होता है तो यह गियर काफी लाभदायक होता है।


गियर के प्रकार । Types of Gear in Hindi । Miter Gear - Advantage, Disadvantages, Use
Miter Gear

इसमें दो बेवल गियर आपस में संपर्क स्थापित करके शक्ति का संचरण करते हैं। इस गियर का अनुपात 1:1 होता है।

इसका प्रयोग अति कुशल संचालन के लिए किया जाता है। इस गियर का उपयोग कम गति, घूर्णन गति प्राप्त करने व  90˚ पर प्रतिच्छेद करने वाले शाफ्ट के बीच शक्ति संचारित करने के लिए किया जाता है।




12. वृत्ताभ गियर (Cycloid Gear in Hindi) -:

वृत्ताभ गियर (Cycloidal Gear) एक प्रकार का गियर है जिसके दांत वृत्ताभ वक्र के एक हिस्से के आकार के होते हैं। वृत्ताभ गियर का उपयोग आमतौर पर उन प्रणालियों में किया जाता है जिनके लिए सटीक और सुचारू गति की आवश्यकता होती है।

इन गियर का इस्तेमाल करने से घर्षण कम होता है। जिसके फलस्वरूप इनमें शोर कम होता है तथा बहुत ही सरलता के साथ बिना आवाज निकाले चलते हैं।


गियर के प्रकार । Types of Gear in Hindi । Cycloid Gear - Advantage, Disadvantages, Use
Cycloid Gear

वृत्ताभ गियर या साइक्लोइडल के लाभ (Advantages of Cycloidal Gear in Hindi) -:

1. वृत्ताभ गियर (Cycloid Gear) के चलने से घर्षण कम होता है जिसके कारण इनमें टूट फुट कम होती है।

2. वृत्ताभ गियर (Cycloid Gear) के गति अवस्था में होने पर भी अधिक शोर नहीं होता है।

3. उच्च गुणवत्ता के साथ कम गति की आवश्यकता के लिये Cycloid Gear को उपयोग में लाया जाता है।

4. Planetary Gear की तुलना में Cycloid Gear अधिक मजबूत और हल्के होते हैं।


वृत्ताभ गियर के हानि/नुकसान (Disadvantages of Cycloidal Gear in Hindi) -:

1. साइक्लोइडल गियर (Cycloidal Gear) का निर्माण कुछ अन्य गियर की तुलना में अधिक महंगा होता है।

2. साइक्लोइडल गियर कुछ अन्य गियर की तुलना में डिजाइन और निर्माण के लिए अधिक जटिल होते हैं।

3. जब हमें उच्च गति प्राप्त करना होता है तो यह गियर उसके लिए उपयुक्त नही होते हैं।


वृत्ताभ गियर के उपयोग (Uses of Cycloidal Gear in Hindi) -:

1. वृत्ताभ गियर (Cycloid Gear) का उपयोग घड़ियों में किया जाता है।

2. हल्के और मजबूत होने व अन्य गुणों से पारंगत होने के कारण इनका प्रयोग रोबोटिक्स में किया जाता है।

3. विमान नियंत्रण प्रणालियों व उच्च सटीकता और सुचारू संचालन के कारण इनका इस्तेमाल वृत्ताभ गियर (Cycloid Gear) में किया जाता है।




गियरिंग संरचना के आधार पर Gear दो प्रकार के होते हैं -

  • External Gear
  • Internal Gear


बाह्य गियर (External Gear in Hindi) :

ऐसे गियर जिसमें गियर के दांत बाहरी सतह पर बने होते हैं, उसे बाह्य गियर (External Gear) कहते हैं। इस प्रकार के गियर में दोनों Gears की घूमने की दिशा अलग-अलग होती है। अगर एक Gear क्लाकवाइज घूमता है तो दूसरा Gear एंटीक्लाकवाइज ही घूमेगा।

इसमें बड़े वाले Gear को Wheel कहते हैं और जो Gear छोटा होता है उसे Pinion कहते है। एक्सटर्नल गियर में दोनों गियर के बाहरी सतह एक दूसरे से सम्पर्क करके शक्ति संचालन का कार्य करते हैं।

उदाहरण - Spur Gear, Bevel Gear इत्यादि।




आंतरिक गियर (Internal Gear in Hindi) :

ऐसे गियर जिसके दांत गियर के आंतरिक सतह पर बने होते हैं तथा उसके अंदर दो या दो से अधिक गियर उपस्थित होते हैं ऐसे गियर को आंतरिक गियर (Internal Gear) कहते हैं।

आंतरिक गियर (Internal Gear) में भी दोनों Gears की घूमने की दिशा अलग-अलग होती है। अगर एक Gear क्लाकवाइज घूमता है तो दूसरा Gear एंटीक्लाकवाइज ही घूमेगा।

इसमें बड़े वाले गियर को Annular और Ring कहा जाता हैं। और छोटे वाले Gear को Pinion कहते हैं।

उदाहरण - Planetary Gear, Cycloid Gear इत्यादि।


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कंपाउंड गियर (Compound Gear in Hindi) -:

ऐसे Gears जिसमें दो या दो से अधिक गियर को एक साथ लगाया गया होता है और उन सभी Gears की गति समान होती है, इस प्रकार के गैर को कम्पाउंड गियर (Compound Gear) कहते हैं।


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