वर्षा जल संग्रहण (Rainwater Harvesting) क्या है? विधियां व उपाय , महत्व, लाभ और हानि

वर्षा जल संग्रहण (Rrainwater Harvesting) का तात्पर्य वर्षा के जल को एकत्रित या इकट्ठा करने से है। वर्षा जल संग्रहण को वर्षा जल संचयन भी कहा जाता है जिसमें जल को संचय किया जाता है। वर्षा के जल को संचय करने के लिए इस पोस्ट में विभिन्न प्रकार की विधियां और उपाय बताया गया है साथ ही वर्षा जल संग्रहण की परिभाषा और उसके महत्व व लाभ और उससे होने वाली हानियों को भी बताया गया है जो निम्नलिखित है -


वर्षा जल संग्रहण की परिभाषा

• वर्षा जल संग्रहण की विधियां व उपाय

• वर्षा जल संग्रहण का महत्व व लाभ

• वर्षा जल संग्रहण से हानि



वर्षा जल संग्रहण (Rrainwater Harvesting Definition in Hindi) -:

वर्षा के जल को विभिन्न तरीको और उपायों का प्रयोग करते हुए तालाब, झील, गड्ढे या अन्य किसी माध्यम में एकत्रित करने की प्रक्रिया को वर्षा जल संग्रहण (Rrainwater Harvesting) कहते हैं। वर्षा के जल को संग्रहित करने के लिए हम किसी ऐसे माध्यम का चयन करते हैं जिसमें बारिश का पानी जमा हो सके और बाद में इसे साफ करके उपयोग में लाया जा सके।

जैसा कि हम जानते हैं पूरे विश्व में दिन प्रतिदिन पेयजल की कमी होती जा रही है। शुद्ध पानी मिलना धीरे-धीरे मुश्किल होता जा रहा है और भूमिगत जल का स्तर भी गिरता ही जा रहा है। इन सभी स्थितियों को देखते हुए पानी को बचाना हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। अतः हम वर्ष के जल को एकत्रित करके व उसका उपयोग करके पानी की कमी को कुछ हद तक कम कर सकते हैं।



वर्षा जल संग्रहण की विधियां व उपाय (Method & Idea of Rrainwater Harvesting in Hindi) -:

बारिश का जल बर्बाद ना हो इसके लिए हमें कुछ तकनीकी का उपयोग करना चाहिए। वर्षा जल संग्रहित करने के लिए हमें अलग-अलग बेहतरीन विधियों और उपाय का प्रयोग करते हुए वर्षा जल संग्रहण करना चाहिए। वर्षा जल संग्रहण करने के कुछ विधियां व उपाय निम्न हैं -


वर्षा जल संग्रहण (Rainwater Harvesting) क्या है? विधियां व उपाय , महत्व, लाभ और हानि
कुंआ


1. कुंआ बनाकर वर्षा जल संग्रहण : कुएं में वर्षा के जल को भरकर इस पानी को उपयोग में लाया जा सकता है। अगर इसमें छत के बारिश के पानी को डाला जाता है तो गंदगी नीचे बैठ जाती है और कुछ उसमें कुछ उपचार के द्वारा कुंए के पानी को पुनः उपयोग करने योग्य बनाया जा सकता है।


2. गड्ढे बनाकर वर्षा जल संग्रहण : वर्षा के जल को एकत्रित करने के लिए घर के आसपास अपने आवश्यकतानुसार गड्ढे का निर्माण किया जा सकता है। इसमें छत के पानी को पाइप के माध्यम से गड्ढे में पहुंचा सकते हैं और बाद में इसे उपचारित करके उपयोग करने योग्य बना सकते हैं। अगर आप चाहे तो इस बचे हुए पानी को सिंचाई या अन्य कार्य जैसे - पशुओं, पक्षियों को पीने के लिए भी प्रयोग कर सकते हैं।


3. तालाब या झील में वर्षा जल संग्रहण : वर्षा के पानी को तालाब या झीलों में आसानी से एकत्रित किया जा सकता है। जब बारिश का पानी, तालाब या झील में एकत्रित हो जाते हैं तो उनका उपयोग पशु-पक्षियों के पीने के लिए, सिंचाई करने के लिए आसानी किया जा सकता है।

तालाब या झील में पानी एकत्रित करने के लिए हमें वर्षा के पानी को वहां तक ले जाने के लिए कुछ उपाय करना पड़ता है। हमें नाली बनाकर तालाब या झील में पानी को एकत्रित करना चाहिये या फिर पाइप का प्रयोग करके भी तालाब/झील में पानी एकत्रित किया जा सकता है। अगर तालाब या झील ऐसे स्थान पर बनी हो जहां पर ढलान तालाब या झील की तरफ हो तो यह और भी आसान हो जाता है।


4: रैनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम : इस सिस्टम को आप अपने छत पर लगवा करके वर्षा के जल के माध्यम से वर्षा के पानी को इकट्ठा कर सकते हैं जिसमें मात्र कुछ ही जल का उपचार करने के बाद यह पानी उपयोग करने योग्य बन जाता है।


5. वर्षा के जल द्वारा भूजल के स्तर को बढ़ाना : वर्षा के जल के माध्यम से हम भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए हमें बारिश के पानी को झीलों, तालाबो, गड्ढो, मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ाकर एकत्रित करना होगा, जिससे धीरे-धीरे जल भूमि में अवशोषित हो सके और भूजल स्तर बढ़ सके। हमें वर्षा की पानी को नदियों और नहरों में जाने से रोकना चाहिए क्योंकि नहरो और नदियों में जाने वाली अधिकांश वर्षा जल उपयोग में नहीं हो पाती है और इनके माध्यम से पानी जाकर सागरों में गिर जाती हैं।


6. झरनों के पानी, नहर व नदी के पानी से भूजल के जलस्तर में बढ़ोत्तरी करना : प्राकृतिक धाराओं झरनों, नदियों व नहरों में छोटे-छोटे व्यपवर्तन बांध, चेक बांध का निर्माण करके भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाया जा सकता है। इन बांधों की सहायता से जल प्रवाह की दर काफी कम हो जाती है और पानी अधिक समय तक रुका रहता है जिससे मिट्टी,जल को धीरे-धीरे सोखती रहती है जिसके कारण भूमिगत जल का स्तर बढ़ता रहता है।


7. वर्षा जल संग्रहण की अन्य विधियां : स्वस्थानी वर्षा जल संचयन, प्रत्यक्ष सतह अपवाह संचयन व धारा प्रवाह संचय विधियों का अध्ययन करके हमें काफी हद तक वर्षा के जल को संग्रहण करने में सहायता मिलती है।



वर्षा जल संग्रहण का महत्व व लाभ (Importance & Advantages of Rrainwater Harvesting in Hindi) -:

वर्षा के जल को एकत्रित करने में हमें काफी फायदा होता है जिसके माध्यम से हम काफी पैसा और समय बचा सकते हैं। आइए देखते हैं कि बारिश का पानी हमारे लिए कैसे महत्वपूर्ण है और इसके क्या-क्या लाभ होते हैं -


1. भूमिगत जलस्तर बढ़ाने : वर्षा के जल को झीलों, तालाबों, गड्ढो व कुंए में एकत्रित करके भूमि की जल स्तर को बढ़ाया जा सकता है और बहते हुए पानी जैसे नदियों का जल, नहरों का जल और झरनों के जल पर छोटे-छोटे व्यपवर्तन बांध और चेक बांध का निर्माण करके भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाया जाता है।

पेड़ पौधों को अधिक से अधिक लगाकर और वनों की कटाई को कम करके भी भूजल स्तर को बढ़ाया जा सकता है।


2. कम पानी वाले क्षेत्रों में महत्वपूर्ण : ऐसे इलाके या क्षेत्र जहां पर पानी का जलस्तर बहुत ही नीचे होता है और वहां पर पानी की कमी होती है ऐसे स्थान पर वर्षा जल संग्रहण एक वरदान के रूप में साबित होता है। कम पानी वाले क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण करने से पानी आसानी से उपलब्ध हो जाती है। जिसका उपयोग सिंचाई करने व घरेलू कार्यों में किया जाता है।


3. घरेलू कार्यो के लिए उपयुक्त : बरसा जल संग्रहण करने के बाद इस जल का उपचार करके बहुत सारे घरेलू कार्यों में इसका प्रयोग किया जा सकता है। कपड़ा धोना, नहाना, फर्श धोना, साफ सफाई करना, बर्तन धोना, गमलो में पानी डालना इत्यादि कार्यो के लिये वर्षा का जल काफी उपयुक्त होता है। वर्षा जल संग्रहण करके व उसका उपचार करने के बाद इसका उपयोग खाना बनाने में भी किया जा सकता है


4. पशुधन व पशु के लिए : वर्षा जल संग्रहण करने के बाद उसका उपचार करके पशुओं के पानी पीने के लिए यह जल उपयुक्त है साथ ही साथ पशुओं को स्नान करने के लिए और उनके लिए घास उगाने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है।


5. सिंचाई के लिए : जैसा कि हम जानते हैं कि खेती करने के लिए हमें जल की आवश्यकता होती है अगर जल नहीं है तो हमें अपने खेती-गृहस्थी को भूल जाना चाहिए क्योंकि जल के बिना कोई भी कृषि कार्य नहीं हो सकता है। अतः हमें वर्षा के जल को तालाब नदी, नहरे व गड्ढो में एकत्रित करते हुए सिंचाई के लिए प्रयोग में लाना चाहिए।
अगर भूमि का जलस्तर बढ़ जाये तब भी कृषि कार्य हो जाता है। भौम जलस्तर बढ़ाने के लिए हमें वर्षा के जल को झीलों, तालाबों, गड्ढो व कुंए में इक्ट्ठा करना चाहिए।



वर्षा जल संग्रहण से हानि (Disadvantages of Rrainwater Harvesting in Hindi) -:

वर्षा जल संचयन करने से जहां लाभ है वहां इसके कुछ नुकसान भी है। आइये इसके द्वारा होने वाले कुछ नुकसानों पर एक नजर डालते हैं -


1. वर्षा जल संग्रहण का पानी तब तक उपयोग करने हेतु अच्छा नहीं रहता है जब तक उसका उचित उपचार में किया जाए।

2. वर्षा जल संग्रहण का पानी बारिश होने पर निर्भर करता है, अगर वर्षा नहीं होगी तो इस पानी के भरोसे छोड़ा गया कोई भी कार्य नहीं हो पाएगा। अतः आपको वर्षा जल की निरंतर आ सकता है तो आपका कार्य पीछे भी सकता है। जैसे - मछली पालन

3. बारिश का पानी जहां पर एकत्रित किया जाए, वहां पर साफ सफाई का ध्यान रखा जाए। अन्यथा इस वर्षा जल संग्रहण वाले स्थान को कीड़े-मकोड़े और मच्छर आदि बना घर बना सकते हैं। इस प्रकार यह फायदे की जगह अधिक नुकसान पहुंचाने वाला बन जाएगा।

4. वर्षा जल संग्रहण उस स्थान पर बनाने का कोई फायदा नहीं है जहां पर लंबे समय तक सूखा पड़ता हो या वहां पर लंबे समय तक बारिश ना होती हो।

5. वर्षा का जल सड़कों, पार्किंग स्थलों और छतों जैसी सतहों पर बहता है। यह पानी इन सतहों पर मौजूद प्रदूषकों में घुलता-मिलता है और फिर भूजल, झरनों और झीलों में चला जाता है।

6. वर्षा जल संचयन की प्रारंभिक लागत काफी अधिक होती है। वर्षा जल संग्रहण बनवाने के लिए या वर्षा जल को संचय करने के लिए आपको पैसे खर्च करने पड़ते हैं जिनको बनवाने में काफी खर्च आता है।

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