जल रंग क्या है? वर्गीकरण & गुण

जल रंग की परिभाषा (Definition of Water Colour in Hindi) -:

ऐसी रंग जिनको पानी में घोलकर उपयोग में लाया जाता है उन्हें जल रंग (Water Color) कहते हैं। जब इन रंग को उपयोग में लाना होता है तो सदैव इनको पानी की निश्चित मात्रा में घोलकर ही ड्राइंग शीट या अन्य जगह पर प्रयोग किया जाता है। जल रंगों का उपयोग बहुत ही पुराने समय से होता आ रहा है। इस आधुनिक युग में जल रंग कई आकार और अलग-अलग गुणवत्ता के साथ उपस्थित हैं। यह अधिकांश ट्यूब में, शिशी में और चौकोर टुकड़े के रूप में बाजार में उपलब्ध होते हैं। जल रंग ऐसे रंग होते हैं जो लगाने पर हल्के दिखाई देते हैं परंतु धीरे-धीरे यह गाढ़े होते चले जाते हैं और अपने वास्तविक रूप में होते चले जाते हैं। जल रंग का उपयोग आजकल भारत में अधिक होता जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि यह रंग प्राकृतिक दृश्य को उभार देती है और  चित्रों को आकर्षक बनाती है। नीले रंग का उपयोग करते समय ये हल्के से नीले रंग में दिखाई देते हैं और शुद्ध पानी में मिले होते हैं। ऐसा माना जाता है कि जल रंग की उत्पत्ति 18वीं शताब्दी इंग्लैंड में हुआ था, परंतु कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं कि इसका प्रथम बार उपयोग मिस्र में हुआ था।

जल रंग क्या है? वर्गीकरण & गुण । Water Color in Hindi
जल रंग (Water Color)

जल रंग का उपयोग जिस कागज पर किया जाता है। वह कागज कठोर और मोटा होना चाहिए। ऐसा कागज होने पर जल रंग उस पर बहुत ही अच्छी तरीके से कार्य करता है। जल रंग का उपयोग करने के लिए विशेष प्रकार के व्रश की आवश्यकता होती है इस व्रश में गिलहरी के बाल या हिरण के बाल लगे होने चाहिए। जल रंग में काले और सफेद रंग का प्रयोग बहुत ही कम किया जाता है। क्योंकि काले और सफेद रंग का प्रयोग करने से जल रंग की पारदर्शिता खत्म हो जाती है।


जल रंग का वर्गीकरण (Classification of Water Color in Hindi) -:

1. दिखने के आधार पर जल रंग के प्रकार

2. रखने के आधार पर जल रंग के प्रकार


1. दिखने के आधार पर जल रंग के प्रकार -:

दिखने के आधार पर जल रंगों को दो भागों में बांटा गया है जो निम्न हैं -

१. पारदर्शिता जल रंग - इस जल रंग के अन्तर्गत वॉश, गलेजिंग, अलप्राइम, स्पनजिंग विधियां अपनाई जाती हैं।

२. आपारदर्शिता जल रंग - इस जल रंग के अन्तर्गत स्टापलिंग, स्कललिंग व ड्राई ब्रशिंग विधियां अपनाई जाती हैं।


2. रखने के आधार पर जल रंग के प्रकार -:

रखने के आधार पर जल रंगों को दो प्रकार के होते हैं, जो निम्न हैं -

१. टिकिया रंग - जल रंग जब टिकिया के रूप में आती है तो उसे टिकिया जल रंग कहते हैं। प्रयोग करने की दृष्टि से यह रंग सबसे उत्तम मानी जाती है।

२. Tube रंग - जल रंग जब Tube में हल्के गीले के रूप में आती है तो उसे Tube जल रंग कहते हैं। यह रंग प्रयोग की दृष्टि से बहुत ही अच्छी होती है परंतु टिकिया रंग की तुलना में इसकी गुणवत्ता कम होती है।


जल रंग के गुण (Properties of Water Color in Hindi) -:

1) जल रंगों को पारदर्शी रंग भी बनाया जा सकता है।

2) यह रंग एक दूसरे रंगों के अगल-बगल आसानी से रखे जा सकते हैं।

3) इन्हें एक दूसरे के ऊपर भी लगाया जा सकता है।

4) दिल रंगों के अंदर जल्दी से सूख जाने की क्षमता होती है।

5) इस रंग का प्रयोग करने से चित्र आकर्षक दिखाई पड़ती है।

6) यह रंग हल्के से धीरे-धीरे गाढ़ा होने लगती है।


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