दृश्य संचार (Visual Communication) किसे कहते हैं? उदाहरण, लाभ & हानि

दृश्य संचार क्या है (Visual Communication in Hindi) -:

चित्र, आरेख, चार्ट, ग्राफ, प्रतीक, संकेत, ग्राफिक डिजाइन आदि का उपयोग करके सूचनाओं व विचारों का प्रसारण करना ही दृश्य संचार (Visual Communication) कहलाता है।

दृश्य संचार में सूचनाओं को चित्र , वीडियो और ग्राफ इत्यादि जैसे माध्यम से फैलाया जाता है। दृश्य संचार में हम किसी भी सूचना या विचार को केवल अपनी आँखों से देखकर पूरी Information जान सकते हैं। दृश्य संचार के माध्यम में सूचना पाने वाले व्यक्ति की आंखों का महत्वपूर्ण स्थान होता है क्योंकि सूचना पाने वाले व्यक्ति आंखों के सहारे ही पूरी भाषा जान सकता है।

दृश्य संचार (Visual Communication) की सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि सूचनाओं को पढ़ने के लिए किसी भी विशेष भाषा जैसे - हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी पंजाबी, तमिल इत्यादि भाषाओं की आवश्यकता नहीं होती है। हम पूरी सूचना को केवल आंखों के सहारे ही जान सकते हैं।

दृश्य संचार की परिभाषा - जब किसी भी सूचना को या विचारों को चित्र, वीडियो,  डायग्राम, चार्ट इत्यादि का सहारा लेकर दूसरों को बताया या सूचित किया जाता है तो इस प्रक्रिया को दृश्य संचार कहा जाता है।

Visual Communication के अंर्तगत हम किसी चित्र, आरेख, प्रतीक इत्यादि को देखकर समझ जाते हैं कि हमें क्या संकेत किया जा रहा है। इसमें किसी भी शब्द का बिना प्रयोग किये ही सूचना को हमारे दिमाग को बता दिया जाता है। साधारण भाषा में अगर कहे तो जब किसी सूचना को फोटो, वीडियो, आरेख इत्यादि के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाता है तो उसे दृश्य संचार कहा जाता है।

अतः हम कह सकते हैं कि दॄश्य संचार आंखों से देखे हुए फोटो, ग्राफ, आरेख, ड्राइंग के सिद्धांत पर कार्य करता है जिसे देखकर लोग सूचना को प्राप्त कर लेते हैं।



दृश्य संचार (Visual Communication) के उदाहरण -:

1) किसी चित्र या कार्टून वाले चित्र का प्रयोग करके अपनी बातों को रखना।

2) कौन सा स्थान कहां है, जब इस बात को मौखिक और लिखित भाषा मे बताना पड़ता है तो समझने में थोड़ा मुश्किल लगता है परंतु जब इसी को नक्शे देखकर समझया जाता है तो बहुत जल्दी समझ में आ जाती है कि कौन सा स्थान कंहा पर है। यह प्रक्रिया भी दृश्य संचार के अंतर्गत आती है।

3) मोबाइल या लैपटॉप से चैटिंग करते वक्त इमोजी का प्रयोग भी दृश्य संचार के अंतर्गत आता है।

4) सड़क पर किसी चौराहे पर लगे हुए ट्रैफिक सिग्नल को देख कर ही समझ जाना कि हमें रुकना है या चलना है, दृश्य संचार (Visual Communication) के अंतर्गत आता है।

5) बहुत जगहों के टॉयलेट पर महिला और पुरुषों का चिन्ह बना होता है जिसे देखकर हम समझ जाते हैं कि कौन सा टॉयलेट महिला का है और कौन सा टॉयलेट पुरुष का है।

6) जब हम किसी रेलवे क्रॉसिंग से होकर गुजरते हैं तो हमें उसके पहले एक बोर्ड दिखाई देता है जिस पर रेलवे क्रॉसिंग का चिन्ह बना हुआ होता है जो हमें संकेत करता है कि आगे रेलवे क्रॉसिंग है। यह भी दृश्य संचार का ही होता है।



दृश्य संचार (Visual Communication) किसे कहते हैं? उदाहरण, लाभ & हानि
Traffic Signals Image


दृश्य संचार के लाभ (Advantage of Visual Communication in Hindi) -:

1) दृश्य संचार (Visual Communication) में एक बार ग्राफ, चित्र या संकेत देखकर ही पूरी बात आसानी से समझ में आ जाती है।

2) विजुअल कम्युनिकेशन हमारी आंखों को अच्छा लगता है जिसे हम देख कर आकर्षित होते हैं। ये देखने मे सुंदर लगता है।

शब्दों की तुलना में ग्राफ या चित्र वाली सूचना हमें अधिक समय तक याद रहती है।

3) एक ही चित्र के माध्यम से बहुत सारी इंफॉर्मेशन दी जा सकती है। एक फोटो, ग्राफ या इमोजी में बहुत सारे डेटा छिपे हो सकते हैं।

4) अशिक्षित लोग भी दृश्य संचार (Visual Communication) के माध्यम से कुछ हद तक सूचना प्राप्त कर सकते हैं।

5) दृश्य संचार की एक विशेषता यह भी है कि सूचना का स्पष्टीकरण काफी सरल हो जाता है।

6) बहुत सारी जटिल जानकारी, आंकड़े व डेटा को ग्राफ, चित्र व आरेखों पर आसानी से प्रदर्शित किया जा सकता है।

7) लिखित संचार की तुलना में दृश्य संचार अधिक समय बचाता है जिससे समय की बर्बादी कम होती है और कम समय लगता है।

8) अधिक भाषण, लंबी व्याख्या को समझने व पढ़ने में समय अधिक लगता है परंतु दृश्य संचार कम स्थान लेकर अधिक जानकारी प्रदान करता है जिसके कारण यह काफी लोकप्रिय हैं।



दृश्य संचार की हानि (Disdvantage of Visual Communication in Hindi) -:

1) दृश्य संचार में खींचे जाने वाले नक्शे, चार्ट और आरेख महंगे पड़ते है। माना जाता है दृश्य संचार (Visual Communication) की विधियां अन्य संचार की तुलना में महंगी होती हैं। इसलिए दृश्य संचार का उपयोग अधिकांश बड़ी कंपनियां या कोई संगठन करता है।

2) कभी-कभी दृश्य संचार के माध्यम से दिए गए चित्र, ग्राफ व संकेत इत्यादि काफी जटिल हो जाते हैं जिसके कारण उसे समझना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।

3) दृश्य संचार को अपूर्ण विधि माना जाता है क्योंकि इसके द्वारा पूर्ण रूप से व्याख्या नहीं किया जा सकता है। इसकी पूर्ण व्याख्या करने के लिए लिखित या मौखिक संचार का होना आवश्यक है तभी इसकी पूर्ण व्याख्या की जा सकती है।

4) कभी-कभी दृश्य संचार को समझने में अधिक समय लग सकता है जबकि मौखिक संचार के माध्यम से वही जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाती है।

5) दृश्य संचार को हर जगह लागू नहीं किया जा सकता है क्योंकि हर जगह परिस्थितियां एक जैसी नहीं होती हैं। साधारण या अशिक्षित लोग इसको अच्छी तरह से नहीं समझ सकते हैं।

6) जैसा कि हम जानते हैं चित्र, ग्राफ व आरेख इत्यादि को बनाने में अधिक समय लगता है इसलिए कुछ पैसा भी खर्च करना पड़ सकता है अतः दृश्य संचार लागू करने के लिए निवेश और काम की आवश्यकता होती है।

7) दृश्य संचार (Visual Communication) में कभी-कभी ग्राफ, चित्र व आरेख इत्यादि को गलत तरीके से भी समझा जा सकता है।

8) दृश्य संचार का उपयोग कभी भी विस्तृत जानकारी के लिए नहीं किया जा सकता है।

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