मॉरीशस के बारे में जानकारी - पुराना नाम, आजादी, क्षेत्रफल व महाद्वीप, मुद्रा, राष्ट्रीय भाषा, नागरिकता, धर्म, उद्योग व धंधे, जलवायु, पड़ोसी देश, राज्य व राष्ट्रीय प्रतीक

मारीशस (Mauritius) का पुराना नाम -:

मॉरीशस (Mauritius) के सबसे पुराने अभिलेख लगभग 10 वीं शताब्दी की शुरुआत के हैं। ये अभिलेख द्रविड़ (तमिल) और औस्ट्रोनेशी नाविकों के संदंर्भ से आते है।
इस द्वीप पर पुर्तगाली नाविक पहली बार 1507 में आए और उन्होंने इसको अपना यात्रा अड्डा बना लिया और कुछ समय बाद 
द्वीप को छोड़कर चले गए

समय बीतता गया और सन 1638 ईस्वी में डच लोग यहां पर  आकर बसने लगे उन्होंने कई बस्तियों का भी निर्माण किया परंतु चक्रवाती और जलवायु परिस्थितियों के कारण डचों को बहुत नुकसान सहना पड़ता था इसलिए उन्होंने कुछ दशकों के बाद इस देश को छोड़ दिया।

इस द्वीप के बगल में एक द्वीप और था, जिसका नाम था आइल बॉरबोन (अब रीयूनियन)। इस द्वीप पर फ्रांस का कब्जा था। धीरे-धीरे फ्रांस की नजर मारीशस (Mauritius) पर पड़े और सन 1715 ईसवी में फ्रांस ने मारीशस पर कब्जा कर लिया और इसका नाम बदलकर आइल दे फ्रांस रख दिया जिसका अर्थ होता है फ्रांस का द्वीप।


Mauritius का एक सुहावना दृश्य

फ्रांस के अंदर आकर आइल दे फ्रांस द्वीप एक बहुत ही समृद्ध अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित हुआ। यह आर्थिक परिवर्तन गवर्नर (राज्यपाल) फ्रेंकॉएस माहे दे लेबॉर्डॉनाइस के द्वारा शुरू किया गया था।


मारीशस (Mauritius) की आजादी -:

सन् 1803 से 1815 के समय नेपोलियन युद्ध हो रहे थे। इस युद्धों में ब्रिटिश ने इस द्वीप का नियंत्रण अपने हाथ मे ले लिया।

फ्रांस जब युद्ध हार गया तो 3 दिसम्बर 1810 को कुछ शर्तों के साथ अपने आप को समर्पण कर दिया। फ्रांस ने समपर्ण तो किया परन्तु उसकी कुछ शर्तें थी कि द्वीप पर फ्रांसीसी भाषा का प्रयोग होगा और किसी भी आपराधिक मामलों में नागरिकों पर फ्रांस का कानून लागू होना चाहिए। ब्रिटिश शासन के अंतर्गत, इस द्वीप का नाम बदलकर वापस मारीशस (Mauritius) कर दिया गया।

मॉरीशस ने 1968 में स्वतंत्रता प्राप्त किया और देश सन् 1992 में एक गणतंत्र देश बन गया। मॉरीशस एक लोकतांत्रिक देश है जहाँ नियमित रूप से चुनाव होते हैं। आगर मानवअधिकार के मामले में देखा जाता है तो देश की छवि काफी अच्छी है।

यंहा पर काफी विदेशी निवेश भी हुआ है और साथ ही साथ यह देश अफ्रीका में सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय वाले देशों में से पहले स्थान पर है।


मारीशस (Mauritius) का क्षेत्रफल व महाद्वीप -:

मारीशस (Mauritius) अफ्रीका महाद्वीप में स्थित है। मॉरीशस, अफ्रीका महाद्वीप में दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला देश है।तथा मॉरीशस का क्षेत्रफल 2,040 km² है। इस देश को 9 भागो में विभाजित किया गया है। मॉरीशस में जल की मात्रा 0.05 % है।


मारीशस (Mauritius) की राजधानी -:

मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुई है। इस शहर को 1735 ई में स्थापित किया गया था। इसे शहर का दर्जा 25 अगस्त 1966 को मिला। यह हिन्द महासागर के तट पर स्थित यह मॉरीशस का सबसे बड़ा शहर और प्रमुख बंदरगाह भी है। पोर्ट लुई शहर यहाँ के पोर्ट लुई जिले मे ही स्थित है। मारीशस (Mauritius) का सुप्रीम कोर्ट और नेशनल हिस्‍ट्री म्‍यूजियम पोर्ट लुई में स्थित है।

ब्‍लैक रिवर जॉर्ज, पैंपलमाउसिस गार्डन, ग्रैंड बे, कसेला पक्षी उद्यान और फोक म्‍यूजियम ऑफ इंडियन माइग्रेशन इस शहर के आकर्षण के केंद्र हैं।


मारीशस (Mauritius) की मुद्रा -:

मॉरिशियाई रुपया मॉरीशस का मुद्रा है। मॉरिशियाई रुपया को सन 1876 मे क़ानूनी तौर पर मॉरिशस का मुद्रा घोषित किया गया। मॉरिशियाई रुपया को चुनने का मुख्य कारण यह भी था कि  जब भारतीय लोग मारीशस (Mauritius) में बसने गए तो उनके पास बड़े पैमाने पर भारतीय रुपए देश में मौजूद थे। 

मॉरिशियाई रुपया को सन 1877 में भारतीय रुपया, स्टर्लिंग और मॉरिशियाई डॉलर के बदले में इस्तेमाल किया गया।


मारीशस (Mauritius) की राष्ट्रीय भाषा -:

मॉरीशस की राजभाषा अंग्रेजी है इसके अलावा यहां पर मॉरिशन क्रिओल, फ्रांसीसी के साथ साथ भोजपुरी और हिंदी भी बोली जाती है।
मारीशस (Mauritius) की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी होने के कारण, यंहा का सभी सरकार का सारा प्रशासनिक कामकाज अंग्रेजी भाषा में ही होता है। 

शिक्षा प्रणाली में अंग्रेजी के साथ फ़्रांसीसी का भी प्रयोग किया जाता है। मॉरीशस में फ्रांसीसी भाषा मीडिया की मुख्य भाषा मानी जाती है। इन सब के अलावा व्यापार और उद्योग में भी फ्रांसीसी ही प्रयोग की जाती है। 

सबसे अधिक मॉरीशस में मॉरीशियन क्रेयोल भाषा बोली जाती है। हिन्दी भाषा भी एक बड़े वर्ग द्वारा बोली व समझी जाती है


मारीशस (Mauritius) की नागरिकता -:

मॉरीशस के लोगो  को मॉरिशियाई कहा जाता है तथा यंहा का डायल कोड 230 है अर्थात जब फोन लगाना होगा तो पहले 230 लिखकर नंबर डायल करना होगा।


मारीशस (Mauritius) में धर्म की स्थिति -:

मारीशस (Mauritius) द्वारा की गयी 2011 की जनगणना के अनुसार वँहा पर 48.5% हिन्दु धर्म व 32.7% ईसाई धर्म को मानती है। मॉरीशस में मुस्लिमों की आबादी 17.2% और लगभग 0.7% के आस-पास अन्य धर्मों को मानती है। 

मॉरीशस में 0.7% लोगों ने स्वयं को किसी भी जाति या मजहब को न मानते हुए स्वयं नास्तिक या अधार्मिक बताया जबकि 0.1% लोगों ने कोई जबाब नहीं दिया।

इस प्रकार मारीशस में सबसे अधिक हिंदू धर्म और दूसरे स्थान पर ईसाई धर्म है तथा उसके बाद तीसरे नंबर पर मुस्लिमों की जनसंख्या है।


मारीशस (Mauritius) के उद्योग और धंधे (अर्थव्यवस्था) -:

मॉरीशस पहले कृषि उत्पाद आधारित अर्थव्यवस्था था तथा धीरे धीरे विकसित होकर एक विविधतापूर्ण मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो गया है।

मारीशस (Mauritius) में औद्योगिक, वित्तीय और पर्यटन क्षेत्र शामिल है। जो काफी तिरुपति से विकास कर रहे हैं।

मॉरीशस की अर्थव्यवस्था मुख्यतः गन्ना, बागान, पर्यटन, कपड़ा और सेवा क्षेत्र पर निर्भर है। इन सबके अलावा भी मॉरीशस अन्य क्षेत्रों में भी काफी तेजी से विकास कर रहा है।


मारीशस (Mauritius) की जलवायु -:

मॉरीशस द्वीप एक केंद्रीय पठार के चारों ओर बना हुआ है।
मॉरीशस की स्थानीय जलवायु उष्णकटिबंधीय है, जो दक्षिणपूर्व की हवाओं द्वारा संशोधित होती है।

यहाँ पर मई से लेकर नवंबर तक शुष्क सर्दियों पड़तीं हैं और नवम्बर से मई का मौसम गर्म, आद्र और गीली गर्मी वाला होता है। 

मारीशस (Mauritius) में विरोधी-चक्रवात देश को मई से सितंबर के दौरान काफी प्रभावित करते है। ये चक्रवात अक्सर नवंबर से अप्रैल के बीच ही आते है।


मारीशस (Mauritius) के पड़ोसी देश -:

मॉरीशस के मुख्य रूप से 3 पड़ोसी देश है। फ्रांस, मेडागास्कर, रीयूनियन और सेशेल्स इसके पड़ोसी देश है।


मारीशस (Mauritius) में राज्यो, क्षेत्रों या प्रान्तों की संख्या -:

मॉरीशस देश को सुविधा की दृष्टि से 9 जिलों में विभाजित किया गया है। ब्लैक रि, वर,फ्लाक़, ग्रांड पोर्ट, मोका, पैम्प्लेमूजे़स, प्लाईनेस् विल्हेम्स, पोर्ट लुई, रिवियेरे दु रेम्पार्त, सवान्ने आदि के जिले हैं। इसके अलावा भी मारीशस (Mauritius) के अधीन कई और क्षेत्र आते हैं।


मारीशस (Mauritius) का राष्ट्रीय चिह्न या प्रतीक -:

मॉरीशस का राष्ट्रीय चिह्न या प्रतीक डोडो पक्षी है।, यह एक विलुप्तप्राय पक्षी है जो इस समय विलुप्त हो चुका है। मारीशस के लोगों ने ही इस पक्षी को मार-मार कर भोजन के रूप में खा लिया।

ऐसा कहा जाता है कि डोडो का मांस बहुत स्वादिष्ट होता था जो इसके विलुप्त का कारण बना। मारीशस (Mauritius) में लोग डोडो को  पत्थर, लकड़ी, सोने, चांदी तथा अन्य कीमती पत्थर से इसकी मूर्ति बनाते हैं और अच्छे रूप में ढालकर सजाकर इसे बनाकर बेचते हैं।


मारीशस (Mauritius) का राष्ट्रीय प्रतीक डोडो क्यों -:

जब मॉरीशस की खोज की गई तो इस द्वीप पर एक अज्ञात पक्षी पाए गए। जिन्हें डोडो कहा जाता है। यह द्वीप डोडो प्रजाति का घर था। डोडो को पुर्तगालियों ने मूर्ख कह कर पुकारा। पुर्तगालियों के अनुसार यह पक्षी बहुत ही मूर्ख थे। 

धीरे-धीरे इस द्वीप (मॉरीशस) पर लोग बसते गए तथा यहां पर बसने वाले लोगों ने  1681 तक सभी डोडो पक्षियों को मार दिया बसने वाले लोगों के साथ आए पालतू जानवरों ने भी डोडो का बहुत नुकसान किया।

इसके फलस्वरूप डोडो का पूरा अस्तित्व खत्म हो गया। एक वैकल्पिक सिद्धांत बताता है कि जो लोग यंहा बसने आये थे वे जंगली सुअर को भी साथ लेकर आये थे। जंगली सूअरों ने धीमी गति से प्रजनन करने वाले डोडो के घोंसले उजाड़ दिये। यंहा डोडो का अस्तित्व नही है परन्तु फिर भी यंहा के बसने वाले नागरिकों ने डोडो को आज मारीशस (Mauritius) का राष्ट्रीय प्रतीक (चिन्ह) बना दिया है।

डोडो के खत्म होने का मुख्य कारण उनकी धीमी गति की प्रजनन क्षमता भी थी। ये पक्षी अपनी प्रजनन बहुत धीरे-धीरे करते थे।

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