प्रकाश मंडल (Photosphere) -:
किसी तारे का वह बाहरी आवरण जिसमें से प्रकाश उत्पन्न होता है उसे प्रकाश मंडल (Photosphere) कहा जाता है। प्रकाश मंडल किसी भी तारे का बाहरी आवरण होता है जो प्रकाश को उत्पन्न करता है। यह शब्द ग्रीक भाषा से लिया गया है। φῶς, φωτός/ phos जिसका अर्थ होता है 'प्रकाश' और σφαῖρα/ sphaira का मतलब 'गोला' होता है। अर्थात किसी तारे का वह बाहरी आवरण सतह जो गोलाकार है और प्रकाश को उत्सर्जित करता है।
प्रकाशमंडल (Photosphere) |
किसी भी तारे का प्रकाशमंडल उस तारे का सबसे चमकदार सतह होता है। कहने का तात्पर्य है कि यह ऐसा आवरण का सतह होता है जो उस तारे से प्रकाश को उत्सर्जित करता है और पूरे तारे में यह सबसे चमकीला स्थान होता है और इसी से प्रकाश भी उत्सर्जित होती है।
जितना प्रकाश, प्रकाश मंडल में होता है उतना प्रकाश तारे के किसी भी भाग या बाहरी क्षेत्र में नहीं होता है। सूर्य भी एक तारा है अतः इसमें भी प्रकाशमंडल पाया जाता है। सूर्य में प्रकाश मंडल की मोटाई 100 किलोमीटर के आसपास है अर्थात सूर्य का वह क्षेत्र जो प्रकाश उत्पन्न करता है उसकी मोटाई 100 किलोमीटर होती है। यहां जानने योग्य बातें हैं कि सभी तारों के प्रकाशमंडल की मोटाई अलग-अलग होती है।
प्रकाश मंडल का तापमान -:
सूर्य के प्रकाश मंडल का तापमान 4,500℃ से 6,000℃ के बीच मे माना जाता है। सूर्य के प्रकाशमंडल को सूर्य के वायुमंडल की सबसे निचली परत माना जाता है। प्रकाश मंडल के क्षेत्र में ही सूर्य की सबसे अधिक उर्जा उत्पन्न होती है।
जैसा कि हमें अभी पढ़ा है कि प्रकाश मंडल से ही प्रकाश उत्पन्न होती है अतः इसी प्रकाश मंडल से पृथ्वी तक प्रकाश को आने में 8 मिनट 20 सेकंड का समय लगता है।
अगर हम सूर्य के प्रकाशमण्डल से और अंदर जाए हैं तो सूर्य का तापमान और अधिक होता जाएगा। प्रकाश मंडल का तापमान 4500 डिग्री सेल्सियस से 6000 डिग्री सेल्सियस के मध्य है। परन्तु अगर हम प्रकाशमंडल के और नीचे जाते हैं तो इसका तापमान और भी बढ़ता ही जाएगा क्योंकि जितना ही हम सूर्य के गर्भ में जाएंगे उतना ही तापमान सूर्य का तापमान बढ़ता जाएगा।
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