What is NC Machine Process in Hindi -:
NC मशीन से किसी कार्यखंड को बनाने के लिए या निर्माण करने के लिए निम्न प्रोसेस का उपयोग करते हैं।
1) प्रक्रम आयोजन
2) पार्ट प्रोग्रामिंग
3) टेप की तैयारी
4) उत्पादन
1) प्रक्रम आयोजन (Process Planning) -:
प्रक्रम आयोजन के अंतर्गत हमें प्लानिंग करने की आवश्यकता होती है। इसमें निर्धारित किया जाता है कि जिसका धातु या पदार्थ को हम बना रहे हैं, वह किस आकार का होगा, उसमें कौन कौन से गुण सम्मलित होने चाहिए, सामर्थ्य इत्यादि कितनी मात्रा में होना चाहिए। बनने वाला कार्यखण्ड किस धातु का है तथा किस चीज के लिए प्रयोग किया जाने वाला है। इन्ही सब के हिसाब से कार्यखण्ड का निर्धारण किया जाता है।
इसमें निर्धारित किया जाता है कि कार्यखंड पर कौन-कौन से ऑपरेशन करना है और उसमें कितने छिद्र, कौन सी डिजाइन इत्यादि का निर्माण किया जाए। जब कार्यखण्ड को बनाने के लिए संपूर्ण तैयारी कर ली जाती है तो अगले चरण की तरफ बढ़ा जाता है।
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2) पार्ट प्रोग्रामिंग (Part Programing) -:
जब कार्यखंड के ऑपरेशन और धातु इत्यादि संबंधी प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है तो अब कार्यखंड के पार्ट प्रोग्रामिंग की आवश्यकता होती है।
प्रोग्राम बनाने से पहले यह निर्धारित किया जाता है कि कटिंग टूल को कार्यखंड पर चलाते समय कटिंग टूल की स्पीड, कटिंग टूल की गहराई, दिशा, छिद्रों की संख्या, रेखाएं, वृताकार रेखाएं, कोण और डिज़ाइन इत्यादि को ध्यान में रखकर पार्ट के लिए प्रोग्राम बनाया जाता है।
किसी भी पार्ट की प्रोग्रामिंग प्रोग्रामर के माध्यम से ही बनाया जाना उचित होता है। पार्ट की प्रोग्रामिंग में चरणबद्ध तरीके से होती है। प्रोग्राम को लिखते समय स्टेप बाई स्टेप लिखा गया होता है। अगर प्रोग्राम को लिखते समय थोड़ी सी भी प्रोग्रामिंग में गलती या चूक हो जाती है तो पूरा कार्यखण्ड बिगड़ जाता है। इसलिए इसे करने के लिए बहुत इस सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
किसी भी पार्ट की प्रोग्रामिंग दो प्रकार से हो सकती है। जो निम्न हैं -
१. हस्तीय पार्ट प्रोग्रामिंग
२. कम्प्यूटर एडेड पार्ट प्रोग्रामिंग
मैनुअल पार्ट प्रोग्रामिंग में प्रोग्राम को हाथ द्वारा लिखकर टाइपिंग किया जाता है और कंप्यूटर एडेड पार्ट प्रोग्रामिंग के माध्यम से कंप्यूटर में ही प्रोग्रामिंग कर ली जाती है प्रोग्रामिंग को कंप्यूटर की भाषा में लिखा जाता है।
3) टेप की तैयारी (Preparation of Tape) -:
पार्ट के प्रोग्राम को लिख लेने के बाद प्रोग्राम को पंच टेप या अन्य किसी माध्यम में डाल दिया जाता है। अब इस प्रोग्राम को डाले को डाले गए पंच टेप को एन.सी. मशीन में लगा देते हैं जहां पर टेप रीडर इसको पढ़ता है और लिखे गए निर्देशों का पालन करता है। जब टेप रीडर निर्देश का पालन करा रहा होता है तब कंट्रोल यूनिट के डाटा बफर में अगला निर्देश पढ़ा जा रहा होता है।
4) उत्पादन (Production) -:
एन.सी./NC मशीन पार्ट प्रोग्राम को पढ़ती जाती है और टेप रीडर से निर्देश को लेकर कटिंग टूल को निर्देश देती रहती है जिसके फलस्वरूप प्रोग्राम की गई प्रोग्रामिंग के अनुसार उत्पाद बन जाता है। अगर प्रोग्राम में कोई कमी रहती है तो उत्पाद खराब बन जाता है परंतु अगर प्रोग्रामिंग सही की गई होती है तो उत्पाद भी वांछित आकार का बनता है।
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